Tree Farming: आज की दुनिया में अधिकांश चीजें लकड़ियों द्वारा बनाई जा रही है जो लोगों को भी काफी पसंद आती है। आपके घर में लगे दरवाजे से लेकर पलंग, कुर्सी, और टेबल सहित हर तरह के फर्नीचर अलग-अलग पेड़ों की लकड़ियों से बनाई जाते हैं। आपने अपने जीवन में माचिस की तीली और पेंसिल को अवश्य देखा होगा लेकिन आपको पता नहीं होगा कि यह कौन से पेड़ की लकड़ी से बनते हैं। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से माचिस की तीली और पेंसिल बनाने में काम आने वाली लकड़ी के पेड़ की खेती और खेती करने से प्राप्त होने वाले फायदे की जानकारी प्रदान करेंगे। अगर आप भी इस पेड़ की खेती करना चाहते हैं तो लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
माचिस की तीली और पेंसिल बनाने में काम आती है इस पेड़ की लकड़ी, देखें खेती करने पर मिलेगा मुनाफा
Tree business Idea: हमारे जीवन में पेड़ों का काफी ज्यादा महत्व है क्योंकि पेड़ ही हमें जीवन जीने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। आज हम बात करेंगे उस पेड़ की खेती की जिसके लकड़ी से सबसे अधिक खपत होने वाली वस्तुएं माचिस की तीली और पेंसिल बनाई जाती है। माचिस की तीली पोपलर और अफ्रीकन ब्लैक वुड और देवदार पेड़ की लकड़ी से पेंसिल बनाई जाती है। इन महत्वपूर्ण पेड़ की खेती कर किसान आसानी से कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं। खास बात यह है कि आपको इन पेड़ों की खेती करने के लिए खेत को गिरने की जरूरत नहीं है बल्कि आप खेत की बाउंड्री पर भी इन पेड़ों को लगा सकते हैं। इसके अलावा इन पेड़ों की छाया में आप सब्जियां और औषधि की खेती कर सकते हैं जिनकी बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है।
माचिस के लिए पोपलर का पेड़
poplar Tree: इन दिनों कई राज्यों में पोपलर के पेड़ लगाने का चलन बढ़ गया है। किसान अब एक हेक्टेयर खेत में पोपलर के पेड़ लगाकर साथ में सब्जियों की खेती करते हैं, जिससे पेड़ की खेती में अलग से खर्च नहीं करना पड़ता। बता दें कि पोपलर के पेड़ का इस्तेमाल कागज निर्माण से लेकर हल्की प्लाईवुड, चॉप स्टिक्स, बॉक्सेस, माचिस बनाने में भी किया जाता है।यह पेड़ 5 डिग्री से लेकर 45 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी में खूब पनपता है, जिसके बीच में गेंहू, गन्ने, हल्दी, आलू, धनिया, टमाटर के अलावा हल्दी, अदरक जैसे तमाम औषधीय फसलें उगा सकते हैं। बाजार में पोपलप वुड 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिकती है। किसान चाहें तो एक हेक्टेयर खेत में 250 पोपलर के पेड़ लगा सकते हैं। इससे 10 से 12 लाख बाद को मोटी कमाई होगी ही, बीच-बीच में अतिरिक्त आमदनी भी हो जाएगी।
पेसिंल के लिए देवदार का पेड़
devdaar tree: बचपन में हर किसी ने पेंसिल से अपनी लिखाई चालू की है। पेंसिल में जो जो लकड़ी है, वो जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और ज्यादा हिमालय की सीमा से सटे राज्यों से आती है। देवदार यानी सिड्रस देवदार, जो 3500 से 12000 की ऊंचाई पर ही उगाया जा सकता है, वही पेंसिल की लकड़ी का मेन सोर्स है।देवदार की लकड़ी का इस्तेमाल बेशकीमती फर्नीचर और इसकी पत्तियों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधी के तौर पर किया जाता है। इसके अलावा, टीक, रेड सिडार,आबनूस की लकड़ी से भी पेंसिल बनाई जाती है।