Kisan News:भारत की यह सबसे महंगी सब्जी है, यह कहां उगाई जाती हैं और इसकी कीमत कितनी हैं

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आजकल इस सब्जी का भाव दोगुना हो गया है। किसान इसकी मुख्य वजह एक रोग को बता रहे हैं। इस रोग का नाम गिलडू है। जानकारी के लिए बतादें, कि सांगरी में गिलडू रोग के संक्रमण के चलते इसकी पैदावार आधी हो चुकी है।

भारत के भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न प्रकार की विभिन्न सब्जियां उपलब्ध हैं। उनकी पैदावार और मांग के अनुरूप ही उनकी कीमत भी भिन्न-भिन्न होती हैं। इसलिए कुछ सब्जियां काफी सस्ती होती हैं, तो कुछ सब्जियों की कीमत काफी अधिक होती है। इसी प्रकार की ही एक सब्जी राजस्थान में भी उगाई जाती है। इस सब्जी की कीमत इतनी अधिक है, कि इससे कम कीमत में आप पिश्ता, काजू और बादाम खरीद सकते हैं। इस सब्जी का नाम सांगरी है। आगे इस लेख में हम आपको इसकी अत्यधिक कीमत होनेकी वजह के बारे में बताऐंगे।

सांगरी बाजार में कितने रुपए किलो बिकती है

राजस्थान में काफी लोकप्रिय इस सब्जी को आमतौर पर कुछ लोग सगरी तो कुछ लोग सांगरी कहते हैं। यह विशेष रूप से राजस्थान के चुरू एवं शेखावटी के क्षेत्रों में ही पाई जाती है। इस सब्जी की कीमत इन दिनों राजस्थान में 1200 रुपये किलो से अधिक है। हालांकि, जब इसका उत्पादन ज्यादा होता है, तो यह 700 से 800 रुपये किलो तक बिकती है। हालांकि, एक आम भारतीय परिवार के लिए 700 से 800 रुपये किलो आने वाली सब्जी भी काफी महंगी होती है।

सांगरी की अत्यधिक कीमत किस वजह से हुई है

आजकल सांगरी सब्जी की कीमत दोगुनी हो चुकी है। किसान इसकी मुख्य वजह गिलडू नामक एक रोग को बता रहे हैं। सांगरी में गिलडू रोग संक्रमण के चलते इसकी पैदावार आधी हो चुकी है। इसके परिणाम स्वरूप बाजार में इसका भाव दोगुना हो चुका है। किसान भाइयों का कहना है, कि तीन वर्ष के उपरांत ऐसा देखा गया है, जब इस सब्जी की कीमत ने बादाम और काजू के भाव को भी पीछे छोड़ दिया है।

सांगरी की सब्जी में कौन-सी विशेषता होती है

सांगरी सब्जी को हमारी सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। साथ ही, इसको इम्यूनिटी बूस्टर भी कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस सब्जी में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, जिंक, पोटैशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में उपलब्ध होता है। ऐसा कहा जाता है, कि इस सब्जी का सप्ताह में केवल एक बार सेवन करने से ही आप विभिन्न तरह की बीमारियों से बच जाते हैं।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।