किसानों से 80% तक खराब गेहूं खरीदेंगी सरकार, समर्थन मूल्य से भी अधिक मिलेंगे भाव, देखिए इसके लिए कहां करें आवेदन

पिछले कई हफ्तों में देखा गया है कि देश भर में गेहूं की फसल पर मौसम की जबरदस्त मार पड़ी है। जिसके कारण फसल की उपज बुरी तरह से प्रभावित हुई है। साथ ही क्वॉलिटी में भी गिरावट आई है। इसको देखते हुए अब सरकार ने किसानों की मदद करने का ऐलान किया है। देश की केंद्र सरकार ने हरियाणा के किसानों को गेहूं खरीदी में छूट प्रदान की है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यदि किसानों के गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है तो भी उसे खरीद लिया जाए। सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा के किसानों से ऐसे गेहूं की खरीदारी करने के आदेश दिए गए हैं जिनकी मौसम की मार के कारण 80 फीसदी तक चमक खराब हो चुकी है। साथ ही गेहूं पूरी तरह से बेजान हो चुका है। सरकार ने कहा है कि ऐसी फसल को 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की मूल्य कटौती के साथ खरीद लिया जाएगा।

विगत दिनों बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ था। जिसको देखते हुए हरियाणा की सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य के किसानों को गेहूं विक्रय में छूट देने की मांग की थी। इस मांग को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है और खराब हो चुके गेहूं की खरीदारी करने के आदेश दिए हैं। ताकि राज्य के किसानों को किसी भी प्रकार का घाटा न उठाना पड़े। केंद्र सरकार के इस फैसले का हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने स्वागत किया है। फिलहाल हरियाणा में 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सरकार गेहूं की खरीदी कर रही है। जिसका भुगतान 48 घंटे के भीतर किसान के बैंक खाते में किया जा रहा है।

खराब गेहूं की खरीदी के आदेश के बावजूद किसान सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। दरअसल किसान बेजान गेहूं की खरीद पर प्रति क्विंटल 5.31 रुपये की कटौती नहीं देना चाहते हैं। हरियाणा के कई किसान संगठनों ने कहा है कि अगर सरकार कटौती का फैसला वापस नहीं लेती है तो किसान मंडियों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

मौसम की मार के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को बर्बाद हुई फसलों के एवज में  मुआवजा देने के लिए कहा है। इसके लिए सरकार ने ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल भी दोबारा खोल दिया है, ताकि किसान अपनी फसल को हुए नुकसान का ब्योरा यहां पर अपलोड कर सकें। सरकारी अधिकारियों द्वारा किसानों  के हुए नुकसान का मूल्यांकन किया जाएगा, इसके बाद मई में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किसान के बैंक खाते में मुआवजा राशि भेज दी जाएगी।

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