Kisan News: गर्मी में किसान खेतों में करें यह काम, फसल में नहीं लगेंगे कीट और रोग, फसल की भी होंगी बंपर पैदावार

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Pests and Diseases not in the Cause : गर्मी में खेतों की जुताई किसान खेत की जुताई का काम अक्सर बुआई के समय करते हैं। जबकि फसलों में लगने वाले कीट-व्याधियों की रोकथाम की दृष्टि से बुआई के समय की गई जुताई से ज़्यादा लाभ गर्मी में गहरी जुताई करके खेत ख़ाली छोड़ दिए जाने से मिलता है। गर्मी में गहरी जुताई करने से भूमि का तापमान बढ़ जाता है। जिससे कीटों के अंडे, शंकु और लट खत्म हो जाते हैं

फसल की अच्छी उपज के लिए रबी की फसल कटाई के तुरंत बाद गहरी जुताई कर ग्रीष्म ऋतु में खेत को ख़ाली रखना बहुत ही लाभदायक रहता है। क्योंकि कीटों के अंडे, प्यूपा और लारवा खत्म होने से खरीफ के मौसम में धान, बाजरा, दलहन और सब्ज़ियों में लगने वाले कीट-रोग का प्रकोप कम हो जाता है। अतः गर्मी में गहरी जुताई करने से कीड़े- बीमारियों से एक सीमा तक छुटकारा पाया जा सकता है।

गर्मी में जुताई से क्या लाभ होता है;- किसानों को रबी फसलों की कटाई के बाद ही खेतों में गहरी जुताई कर लेना चाहिए, जिससे निम्न लाभ होते हैं:- गर्मी की जुताई से सूर्य की तेज किरणें भूमि के अंदर प्रवेश कर जाती हैं, जिससे भूमिगत कीटों के अंडे, शंकु, लटें व वयस्क नष्ट हो जाते हैं। फसलों में लगने वाले उखटा, जड़ गलन आदि रोगों के रोगाणु व सब्ज़ियों की जड़ों में गाँठ बनाने वाले सूत्रकृमि भी नष्ट हो जाते हैं।

खेत की मिट्टी में ढेले बन जाने से वर्षा जल सोखने की क्षमता बढ़ जाती है। जिससे खेतों में ज़्यादा समय तक नमी बनी रहती है। गहरी जुताई से दूब, कांस, मौथा, बायसुरी आदि जटिल खरपतवारों से भी मुक्ति पाई जा सकती है। गर्मी की जुताई से गोबर की खाद व खेत में उपलब्ध अन्य कार्बनिक पदार्थ भूमि में भली-भाँति मिल जाते हैं। जिससे पोषक तत्व शीघ्र ही फसलों को उपलब्ध हो जाते हैं। ग्रीष्मकालीन जुताई से पानी द्वारा भूमि कटाव में भारी कमी होती है।

बार–बार ट्रेक्टर जैसे भारी वाहनों से जुताई करने से मृदा के कणों के बीच का खाली स्थान कम हो जाता है, यानी खेत का मृदा घनत्व बढ़ जाता है। इससे मृदा में हवा का आवागमन बंद हो जाता है। गहरी जुताई में मृदा काफी उल्ट–पलट होती है, जिससे वायु के संरचना के लिए रंध्र बन जाते हैं। वहीं बार–बार एक ही गहराई पर जुताई करने से उस गहराई पर एक कठोर तह का निर्माण हो जाता है। खेत की इस कठोर तह को तोड़कर मृदा को जड़ों के विकास के अनुकूल बनाने में ग्रीष्मकालीन जुताई लाभदायक होती है।

गर्मी की जुताई कैसे करें? किसानों को गर्मी की जुताई 20-30 से.मी. गहराई तक किसी भी मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए। यदि खेत का ढलान पूर्व से पश्चिम की तरफ़ हो तो जुताई उत्तर से दक्षिण की ओर यानि ढलान को काटते हुए करनी चाहिए, जिससे वर्षा का पानी व मिट्टी न वह पाए। ट्रैक्टर से चलने वाले तवेदार मोल्ड बोर्ड हल भी गर्मी की जुताई के लिए उपयुक्त है।किसानों को ज़्यादा रेतीलें इलाक़ों में गर्मी की जुताई नहीं करनी चाहिए/ मिट्टी के बड़े-बड़े ढेले रहे तथा मिट्टी भुरभुरी ना हो पाए क्योंकि गर्मी में हवा द्वारा मिट्टी के कटाव की समस्या हो जाती है।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।