Organic Chilly Farming: जैविक तरीके से मिर्ची की खेती कैसे करें, देखिए जैविक खेती में लागत और मुनाफा

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Organic Chilly Farming: जैविक तकनिक से मिर्ची कि खेति कैसे करे। सभी किशान भाइयो का सबाल है कि जैविक मिर्च का खेति कैसे करे। मिर्ची कौन कौन से महिने मे लगाई जाति है। मिर्च के पौधे मे कौन सा खाद डाले। मिर्च का पौधा कब लगाना चाहिए? मिर्च कितने महीने में आती है? मिर्च का बीज कितने दिन में उगता है? सबसे बढ़िया मिर्च कौन सी है? मिर्च की रोपाई कैसे करें? मिर्च के नर्सरी कैसे तयार किया जाता है ? मिर्च का पौधा कितने दिन तक फल देता है? आज सभी साबाल का जबाब लेकर आया है।

भुमि और हावा पानी का सहि पहिचान करना

मिर्ची की जैविक खेती: अधिकान्स किशानो ने मिर्ची खेती करते समयमे अछी जगह का पेहचान ना होने कि बजह सेजैविक तकनिक से मिर्ची कि खेति कैसे करे । बहोत से किशान भाइयो का नोक्सान का सामना करना पडता है इसिलिए अगर आँप अछी मिर्ची का खेती करना चाहते है तो पहले अपनि मिट्टी का जाँच कराना एकदम जरुरी होता है। आप अपने पास के किसि भि मिट्टी जाँच करने कि अफिस मे जाकर जाँच करा सकते है । और जाहा पर आप मिर्ची खेती करना चाहते है वहाँ का हावा और पानी कैसा है उस्का पेहचान अछी तरह से करले क्यु कि सभी जगह कि हावा पानी एक समान नहि होता है। जिस भुमि पर पानि जम्मा हुवा रहता है वो भुमि मिर्च खेति के लिए उपयुक्त नही माना जाता है।

जैविक तकनिक से मिर्ची कि खेति कैसे करे

सहि बिज का पहचान करना । मिर्च के खेति के करने लिए सबसे जरुरि बात है सहि बिज का पहचान करना। अगर आप एक बेहतरिन तकनिक से मिर्च के खेति करना चाहते है तो आप बाजार मे अछी बिज का खोज कर हि मिर्च लगाए। अगर आप बिज लगाने के समय मे १२ मासे बिज हि लगाए

अचार के लिए

१.केलिफोर्निया वनडर २. एलो वनडर ३. हाइब्रिड भारत ४. अर्का गौरव ५. अर्का मोहिनी ६. अर्का मेघनाजैविक तकनिक से मिर्ची कि खेति कैसे करे।

मसाले के लिए

१. पन्त सी २. पुसा ज्वाला ३. पन्जाब लाल ४. जहवार मिर्च ५. कल्याणपुर चमन ६. काशी अनमोल

मिर्ची की उन्नत किस्में

पूसा सदाबहार, अर्का श्वेता, काशी सुर्ख, अर्का मेघना

मिर्ची कौन कौन से महीने में लगाई जाती है

अगर आप किशान है काफी समय से खेति करते है तो आपको पता हि होगा अगर पता नही है तो कोइ बात नही आज यहा पर जान लिजिये।साल मे हम मिर्च के खेति ३ बार कर सकते है यानिकी १ साल मे ३ बार मिर्च लगा सकते है।
१. साल का पहला मिर्च का खेति हम बर्षा ऋतु मे लगा सकते है मिर्च के खेति के लिए साल का पहला महिना जुन और जुलाई का होता है।
२. साल का दुसरा मिर्च का खेति हम सितम्बर और अक्टूबर मे बुवाई कर देना चाहिए।
३. साल का तिसरा मिर्च का खेति गर्मि के महिने मे फरवरी और मार्च के महिने मे बुवाई कर देना चाहिए।

मिर्च के खेति करने से पहले भुमि कि तयारी

मिर्च के खेति करने से पहले जिस भुमि पर आप मिर्च के खेति करना चाहते है वो भुमि को ३ से ४ बार अछी तरिके के जोताई करा। उसके बाद खेत को समतल बनाए और जैविक तकनिक से मिर्च के खेति कि लिए रसायन के रुप मे ६ महिने गोबर क खाद १०% खेत मे अछी तरिके से मिलाकर हि मिर्च के बोवाई करे।

  • मिर्च के खेति का बोवाई कैसे करे

• मिर्च के खेति के लिए अछी तरह से तयार किया हुवा भुमि पर मिर्च का बिज कम से कम ५ इन्च का बिज होगया हो तब मिर्च कि बोवाई करे
• मिर्च कि बोवाई १.५ फिट या २ फिट कि दुरी मे हि बिज का बोवाई करे और बोवाई हो जाने के बाद १ घण्टा के अन्दर मे पानि डालना चाहिए फिर
• ३ दिन तक लगातार पानि डालना चाहिए।
• जब बिज से नए पात निक्लने लगे उसके १० दिन बाद निराइ गोड़ाई करके उसेके बाद फिर सिचाई करे उसके बाद पौधा मे से फुल निक्लना सुरु होगा उसके बाद फिर निराइ गोडाई और पानि का सिचाई करना चाहिए उसके बाद १ महिना १५ दिन के बाद हरि मिर्च बेचने के काबील होगा।जैविक तकनिक से मिर्ची कि खेति कैसे करे ।
मिर्च के खेति मे कितना मुनाफा होता है

मिर्च का खेति करने वाले अधिकांस किशान भाइयो ने अधिक मुनाफा हि कमाया है क्युकी मिर्च एक मसाले के रुपमे इस्तेमाल होता है और बहोत से अचार और मसाले बनाने कि लिए भी मिर्च का इस्तेमाल होता है। इसिलिए मिर्च का माग बहोत जादा है बजार मे। अगर आप हरि मिर्च और किशान भाइयो से जल्द हि बजार मे आपका फसल आता है तो अधिकांस मुनाफा कमाने के सम्भावना है। अगर आपने मिर्च के खेति मे अछे तरह से पानि का सिचाई समय पर हि किया है तो आपका फसल यकिनन बजार मे जल्द हि आएगा उससे आप ज्यादा मुनाफा कमाएंगे।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।