Wheat Report: गेहूं के दामों में अब आएगी गिरावट, सरकार बाजार में भारी मात्रा में उतारेगी गेहूं, देखें रणनीति

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Wheat Rate Report: कीमतों को घटने के बाद ही इस पर फैसला लिया जा सकता है। गेहूं के पहले चरण टेंडर का आधार मूल्य वैसे तो अलग-अलग राज्यों में अलग था लेकिन 22 राज्यों के लिए आधार मूल्य 2350 रुपये क्विंटल निर्धारित किया गया था।घरेलू जिंस बाजार में महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार अतिरिक्त मात्रा में गेहूं बेचने की रणनीति अपना सकती है। गेहूं के टेंडर का आधार मूल्य (बेस प्राइस) भी एमएसपी के आसपास रह सकता है। खाद्य उत्पादों की कीमतों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए सरकार हर संभव उपायों पर काम कर रही है। चालू सप्ताह में ही दूसरे चरण वाले गेहूं के टेंडर खुल सकते हैं।

गेहूं के आधार मूल्य में भी हो सकती है कमी

गेहूं की कीमतों पर रिपोर्ट: गोदामों में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक होने का फायदा सरकार उठा सकती है। इस बाबत सरकारी स्तर पर कई बैठकें हो चुकी हैं। नई फसल वाले गेहूं का खरीद सीजन एक अप्रैल से शुरु होने वाला है। इसके बावजूद गेहूं निर्यात का फैसला न होने की बड़ी वजह घरेलू बाजार में खाद्य उत्पादों की महंगाई है। कीमतों को घटने के बाद ही इस पर फैसला लिया जा सकता है। गेहूं के पहले चरण टेंडर का आधार मूल्य वैसे तो अलग-अलग राज्यों में अलग था, लेकिन 22 राज्यों के लिए आधार मूल्य 2350 रुपये क्विंटल निर्धारित किया गया था।

30 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला

Wheat Rate Report: जबकि लागत मूल्य 2654 रुपये है, जिसमें खरीद मूल्य, भडांरण, ढुलाई और अन्य खर्च शामिल है। महंगाई थामने के लिए सरकार ने पिछले सप्ताह जिंस बाजार में कुल नौ लाख टन से अधिक गेहूं बेचा था, जिसके लिए लगभग 12 सौ से अधिक व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने आवेदन किया था। जबकि सरकार ने खुले बाजार की बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत कुल 30 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया है। इसी में से पांच लाख टन गेहूं की बिक्री सरकारी और सहकारी एजेंसियों के मार्फत किया जाना है।

जिंस बाजार में गेहूं के दामों में नहीं आई अपेक्षित कमी

Wheat Rate Today: मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पहले चरण में हुई बिक्री के बावजूद जिंस बाजार में गेहूं के दामों में अपेक्षित कमी नहीं आई है। एफसीआई से गेहूं उठाने को लेकर अपेक्षा से ज्यादा व्यापारिक प्रतिष्ठान आए। एफसीआई के आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल 2023 को कुल 1.26 करोड़ टन गेहूं का स्टाक होगा। जबकि बफर मानक 74 लाख टन का है। घरेलू जिंस बाजार में गेहूं का स्टॉक कम होने की आशंका की वजह से कीमतें तेजी से ऊपर चढ़ रही हैं।

खड़ी गेहूं की फसल के शानदार होने का अनुमान

गेहूं के ताजा भाव: इसी के मद्देनजर बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश हो सकती है। चालू रबी सीजन में खेतों में खड़ी गेहूं की फसल के शानदार होने का अनुमान है। सभी की नजरें मार्च के तापमान पर होगी। पिछले वर्ष इसी सीजन के दौरान कड़ी धूप और गरम हवाओं के चलते गेहूं की पैदावार पर विपरीत असर पड़ा था। छह से 10 फीसद तक उत्पादन में कमी दर्ज की गई थी।अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय गेहूं की भारी मांग थी। लगभग 80 लाख टन गेहूं के निर्यात सौदे भी हो चुके थे। घरेलू बाजार में कीमतें निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर बोली जाने लगी थीं। सरकार ने इसी वजह से गेहूं निर्यात से कदम वापस खींच लिए थे। जबकि उस समय गेहूं की सरकारी खरीद चल रही थी। गेहूं की सरकारी खरीद में 57 फीसद तक की कमी दर्ज की गई।

Source by – jagran

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