Wheat Rate Report: देश में गेहूं और आटा की कीमतों को लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। इसके चलते अगले कुछ महीनों में इसके दाम नीचे आते दिखने लगेंगे।पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में महंगा होता आटा लोगों की जान का दुश्मन बना हुआ है।भारत में भी गेहूं और आटा दोनों की कीमतें ऊंचाई पर बनी हुई हैं।ऐसे में मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है, जिसकी बदौलत गेहूं और आटा की कीमतों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।वहीं देश में महंगाई का स्तर भी नीचे आएगा।
गेहूं के भाव: दरअसल मोदी सरकार ने फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के गोदामों में पड़े गेहूं को रिलीज करने का प्लान बनाया है। ये गेहूं आटा मिलों या बल्क ऑर्डर देने वालों को जारी किया जाएगा। इससे बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें नीचे आएंगी। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंउिया ने मार्च के अंत तक 25 लाख टन गेहूं मार्केट में रिलीज करने का प्लान बनाया है। अभी तक 2 दौर की नीलामी में सरकार 12.98 लाख टन गेहूं को रिलीज कर चुकी है। जबकि अभी सरकार 11.72 लाख टन गेहूं को मार्केट में और जारी करेगी।
Wheat Rate: एफसीआई 22 दिसंबर को सुबह 11 बजे तीसरे दौर की नीलामी करेगी। देशभर में एफसीआई के 620 गोदामों के ये गेहूं रिलीज किया जाएगा। इस नीलामी में हिस्सा लेने के लिए व्यापारियों को एम-जंक्शन पर रजिस्टर कराना है। ये नीलामी ऑनलाइन की जानी है। सरकार ने तीसरे दौर की नीलामी में अच्छी क्वालिटी के गेहूं के लिए 2,150 रुपये प्रति क्विंटल रुपये का दाम रखा है। वहीं रिलेक्स्ड स्पेसिफिकेशंस कैटेगरी के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल का रिजर्व प्राइस रखा है.। सरकार का कहना है कि रिजर्व प्राइस में किए गए इस संशोधन से देशभर में गेहूं और आटा की कीमतें नीचे लाने में मदद मिलेगी। इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
घटने शुरू हुए आटा के दाम
खाद्य मंत्रालय का कहना है कि अभी तक गेहूं की जितनी मात्रा की नीलामी की गई है। उसमें से 8.96 लाख टन गेहूं को बोली लगाने वाले एफसीआई के गोदामों से उठवा भी चुके हैं। इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है। बाजार में आटा की कीमत नीचे आना शुरू हो गई है। आटा मिल और बल्क कस्टमर्स को गेहूं जारी करने के अलावा एफसीआई 5 लाख टन गेहूं अलग से राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी देगा। इसमें 2 लाख टन गेहूं राज्य सरकार एवं केंद्र शासित प्रदेशों को दिया जाएगा। जबकि 3 लाख टन गेहूं संस्थानों और राज्य की सरकारी कंपनियों को सस्ते दाम पर दिया जाएगा, ताकि वे सस्ती कीमत पर आटा का उत्पादन कर सकें।26 जनवरी 2023 तक भारत सरकार के पास गेहूं का 156.96 लाख टन बफर स्टॉक था।

