Kisan News: देश में मूंगफली को भी एक अच्छी तिलहन की फसल के रूप में माना जाता है। देश में मानसून की बारिश होते ही किसानों द्वारा अपने खेतों में बड़े पैमाने पर सोयाबीन के भाव साथ मूंगफली की बुवाई भी की जाती है। किसानों द्वारा सोयाबीन के साथ-साथ मूंगफली को भी उतना ही महत्व दिया जाता है। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से मूंगफली की बुवाई का सही समय और मूंगफली की उन्नत किस्में बताएंगे जिनसे आप अधिक पैदावार कर सकते हैं। अगर आपकी मूंगफली की खेती करते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें।
Kisan News: मूंगफली की बुवाई का सही समय और बंपर पैदावार देने वाली उन्नत किस्में देखिए
• मूंगफली की बुवाई जून के पहले सप्ताह से लेकर जुलाई के पहले सप्ताह तक की जाती है।
• गुच्छे वाली जातियों के लिए 85 से 100 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की जरूरत पड़ती है।
• मूंगफली की बुआई में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेंटीमीटर तक रखी जाती है।
• फैल कर चलने वाली जातियों के लिए बीज दर 60 से 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक लेना चाहिए।
• फैल कर चलने वाली जातियों को बुवाई में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेंटीमीटर तक रखते हैं।
• फैल कर चलने वाली जातियों में चंद्रा, टाइप-64, टाइप-28, आर एस -1, करदा 4 से 11 तक, एम-13, एम-37, सी-501 सर्वश्रेष्ठ किस्में मानी जाती है।
• मध्यम फैलने वाली किस्मों में TMV-10, कादिरी -2, बीपी-1, बीपी-21 आदि प्रमुख हैं।
• गुच्छे वाली किस्मों में फैजपूरा-5, ज्योति -1, कुबेर, मूंगफली हरियाणा 10, जे एल-24, जूनागढ-11, किसान,टीएमवी-11 आदि सर्वश्रेष्ठ जातियां मानी जाती है।