किसानों के लिए यूरिया और DAP के नए भाव हुए जारी, देखिए अब कितने में मिलेगी खाद की एक बोरी

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DAP यूरिया के इस साल के नए भाव हुए जारी, अब किसानो की इतने रूपये में मिलेंगी एक बोरी। किसानो के लिए खाद बहुत ही अहम होता है क्योंकि आज के समय में बिना खाद के कोई भी फसल का अच्छा उत्पादन संभव नहीं है। अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी होने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने डीएपी और यूरिया को सस्ते दामों में देने हेतु बड़ी राहत प्रदान की है। देश की सबसे बड़ी कंपनी आईएफएससी नए वर्ष 2022 में डीएपी और यूरिया के मूल्यों में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया है आप सभी किसान भाई डीएपी और यूरिया को उचित मूल्यों पर प्राप्त कर सकते हैं।

यूरिया खाद होता है बहुत उपयोगी

यूरिया नाइट्रोजन युक्त खाद रहता है जो फसलों के विकास बृद्धि हेतु अत्यंत उपयोगी होता है। आज के समय में यूरिया के बिना खेती करना संभव नहीं है। इन फसलों यूरिया की पूर्ति नही की गयी तो फसल पीली पड़ने लगती है और फलस्वरूप उत्पादन कम निकलता है जिस से किसान को काफी नुक्सान होता है।

सरकार द्वारा यूरिया और अन्य उर्वरको के कीमतों को लेकर राहत प्रदान की है। अगर सरकार सब्सिडी नहीं देती तो किसानो को काफी महंगी कीमत में खाद खरीदना पड़ता। सरकार द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों को डीएपी खाद की कीमत 1350 रुपये में खरीदी जा सकती है। इसके अलावा अगर यूरिया खाद की बात की जाए तो इसकी एक बोरी की कीमत 276.12 रुपये प्रति बोरी रखी गई है हालांकि अलग-अलग बाजार में विक्रेता इसे अपनी मनमानी के हिसाब से बेच रहे हैं लेकिन अगर आप इसे समय से पहले खरीदते हैं तो आप इसे सस्ते दामों पर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। जिसके कारण परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। किसानो को सस्ते दामों में खाद आसानी से खरीद सकते है।

किसानो को अब नहीं होना पड़ेगा परेशान

पिछले वर्षों में किसानों के लिए कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा है क्योंकि उचित मूल्य एवं उचित मात्रा में डीएपी और यूरिया किसानों तक नहीं पहुंचा है। इसकी वजह से किसानों को अधिक मूल्य पर इसे खरीदने पर मजबूर होना पड़ा लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में डीएपी और यूरिया उपलब्ध करा दिया गया है। इसे किसान उचित एवं सरकारी मूल्यों पर खरीद सकते हैं।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।