Pashu Dairy Loan : पशुपालकों को डेयरी फार्मिंग पर मिल रहा लोन, साथ में मिलेंगी 90 प्रतिशत सब्सिडी 

5 Min Read
खबर शेयर करें

केंद्र सरकार देश के किसानों और पशुपालकों की उन्नति के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। सरकार की इन योजनाओं का लाभ उठाकर किसानों व पशुपालकों ने अपनी खेती व डेयरी व्यवसाय को समृद्ध किया है। अब केंद्र सरकार ने पशुपालन के क्षेत्र में एक नई पहल की है। इस पहल के तहत इच्छुक व्यक्ति पशुपालन एवं डेयरी सेक्टर में बिजनेस शुरू करने के लिए आसानी से लोन प्राप्त कर सकेंगे। इस लोन पर 2 साल की मोहलत के साथ 8 वर्षों के लिए 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी मिलेगा। आईये, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट में केंद्र सरकार की पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड योजना के बारे में जानते हैं।

जानिए, क्या है पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (AHIDF)

पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (Animal Husbandry Infrastructure Development Fund) पशुपालन और डेयरी सेक्टर से जुड़ी एक बड़ी योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को साल 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार इस अवधि के दौरान योजना पर 26 हजार 610 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस योजना के तहत इन सेक्टरों को प्राथमिकता दी जाएगी : 

डेयरी प्रोसेसिंग और प्रोडक्ट डायवर्सिफिके

मीट प्रोसेसिंग और प्रोडक्ट डायवर्सिफिकेशन

पशु चारा मशीनरी

ब्रीड मल्टीप्लिकेश फार्म

पशु वेस्ट से मनी मैनेजमेंट

पशु चिकित्सा वैक्सीन

8 साल के लिए 3 प्रतिशत ब्याज में छूट

पशुपालन अवसंरचना कोष के तहत इच्छुक व्यक्ति पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में व्यवसाय शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। भारत सरकार अनुसूचित बैंक और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), नाबार्ड और एनडीडीबी से 90 प्रतिशत तक ऋण के लिए दो साल की मोहलत सहित 8 वर्षों के लिए 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान करेगी। पात्र संस्थाएं व्यक्ति, निजी कंपनियां, एफपीओ, एमएसएमई, धारा 8 कंपनियां हैं। अब डेयरी सहकारी समितियां डेयरी संयंत्रों के आधुनिकीकरण, सुदृढ़ीकरण का भी लाभ उठा पाएंगी।

सरकार देगी 25 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी

इस योजना में एमएसएमई और डेयरी सहकारी समितियों को भारत सरकार की ओर से 25 प्रतिशत तक की क्रेडिट गारंटी भी प्रदान की जाएगी। भारत सरकार 750 करोड़ रुपये के क्रेडिट गारंटी फंड से उधार लिए गए क्रेडिट के 25% तक क्रेडिट गारंटी प्रदान करेगी।

डेयरी, मांस और पशु चारा सेक्टर को बढ़ाने में सक्षम

पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एएचआईडीएफ) की स्थापना के बाद से अब तक 141.04 एलएलपीडी (लाख लीटर प्रति दिन) दूध प्रसंस्करण क्षमता, 79.24 लाख मीट्रिक टन फ़ीड प्रसंस्करण क्षमता और 9.06 लाख मीट्रिक टन मांस प्रसंस्करण क्षमता को सप्लाई चेन से जोड़ा गया है। इससे इन क्षेत्रों को प्रोत्साहन मिला है। यह योजना डेयरी, मांस और पशु चारा क्षेत्र में प्रसंस्करण क्षमता को 2-4% तक बढ़ाने में सक्षम है।

इन सेक्टरों में खुलेंगे रोजगार के अवसर

पशुपालन अवसंरचना विकास कोष निवेशकों को पशुधन क्षेत्र में निवेश करने का अवसर देता है। सरकार की सहायता से निवेशक मूल्यवर्धन, कोल्ड चेन और डेयरी, मांस, पशु चारा इकाइयों की एकीकृत इकाइयों से लेकर तकनीकी रूप से सहायता प्राप्त पशुधन और पोल्ट्री फार्म, पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन और पशु चिकित्सा औषधि/वैक्सीन आदि के लिए इकाइयों की स्थापना कर सकता है। यह योजना पशुधन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को तेजी से विकसित करने में कारगर साबित होगी।

35 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

यह योजना उद्यमिता विकास के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 35 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करेगी। पशुधन क्षेत्र में विभिन्न इकाइयों के लिए आसानी से लोन व अन्य सुविधाएं मिलेंगी। अब तक एएचआईडीएफ ने लगभग 15 लाख किसानों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित किया है।

किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य

एएचआईडीएफ किसानों की आय को दोगुना करने, निजी क्षेत्र के निवेश के माध्यम से पशुधन क्षेत्र में नए अवसर पैदा करने, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के लिए नवीनतम तकनीकों को लाने,  पशुधन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में कारगार सिद्ध होगा। इस प्रकार एएचआईडीएफ में प्रोत्साहन द्वारा सरकार का निवेश न केवल निजी निवेश को 7 गुना बढ़ा देगा, बल्कि किसानों को इनपुट पर अधिक निवेश करने के लिए भी प्रेरित करेगा, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होगी जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।


खबर शेयर करें
Share This Article
By Harry
Follow:
नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।