एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने के बाद भी गेहूं की बिक्री रफ्तार नहीं पकड़ रही. एक रिपोर्ट में जानकारी सामने आई है कि पिछले साल की तुलना में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीद अभी 23 फीसद तक पिछड़ी हुई है. इसका माने हुआ कि इस साल एमएसपी पर जितने गेहूं की खरीद हुई थी, उससे 23 फीसद कम खरीद हुई है. इसकी वजह भी बताई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश के कारण फसलों की देर से कटाई हुई जिससे मंडियों में उपज भी देर से पहुंची. यही वजह है कि एमएसपी पर गेहूं की जितनी खरीद होनी चाहिए, वैसी नहीं हो पा रही है.
फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के चेयरमैन और एमडी अशोक मीणा ने ‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस’ से कहा, इस बार देरी से फसल की कटाई हुई है जिससे गेहूं की खरीद देर हुई है. गेहूं की खरीद में देरी मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में देखी जा रही है. इन राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं का भारी नुकसान हुआ जिससे कटाई में देर हुई. यही वजह है कि मंडियों तक आने में भी देरी देखी जा रही है.
MSP पर गेहूं की सरकारी खरीद
आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, देश की प्रमुख मंडियों में 16 अप्रैल तक 9.19 मिलियन टन गेहूं की आवक हुई है. हाल के दिनों में मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में एमएसपी पर खरीद तेज हुई है, मगर पहले इसमें ढिलाई दिख रही थी. इसमें पहले नंबर पर मध्य प्रदेश है जहां सबसे अधिक 2.32 मिलियन टन गेहूं की खरीद हुई है. इसके बाद दूसरे नंबर पर पंजाब और तीसरे स्थान पर हरियाणा है.
खाद्य मंत्रालय ने एक आंकड़े में बताया है कि अगले एक हफ्ते में गेहूं की खरीद तेजी पकड़ेगी. अगले हफ्ते गेहूं खरीद 80 लाख टन को पार कर सकता है. मंडियों में गेहूं बड़ी मात्रा में जमा है और किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. जैसे ही मंडियों में जगह खाली होगी, गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी. इस तरह एमएसपी पर गेहूं की खरीद में तेजी देखी जा सकती है. सरकार ने इस सीजन में 340 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है.
अधिकारियों का कहना है कि एमएसपी पर खरीद इसलिए भी देरी से चल रही है क्योंकि किसानों के पेमेंट का मसला कुछ फंसा हुआ है. पंजाब और हरियाणा में सरकार ने कहा है कि एमएसपी पर कटौती की जाने वाली राशि को किसानों को वापस की जाएगी. खराब गेहूं के दाम में कुछ कटौती कर किसानों को पैसा दिया जाएगा. पंजाब और हरियाणा सरकार ने कहा है कि केंद्र की इस कटौती की भरपाई किसानों को की जाएगी. इस वजह से भी पेमेंट में देरी आ रही है जिससे कि एमएसपी पर गेहूं की खरीद में देरी देखी जा रही है. पंजाब में खराब गेहूं की खरीद पर पांच रुपये से लेकर 37 रुपये तक कटौती का नियम है. कुछ ऐसा ही नियम हरियाणा और राजस्थान में भी जिसके विरोध में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
पंजीयन अनिवार्य
अनिल कुमार ने बताया कि गेहूं की बिक्री के लिए खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीद के लिए पंजीकरण करा चुके कृषकों को गेहूं विक्रय के लिए पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है, परंतु पंजीकरण को संशोधन कर पुनः लाक करना होगा।किसान अपने गेहूं की बिक्री के समय यदि वहां पर उपस्थित नहीं होता तो ऐसे दशा में वह अपने परिवार के अन्य सदस्य का पंजीकरण भरते समय नाम दर्ज करवा सकता है, इसके लिए उसका नाम व आधार नंबर फ़ीड करना होगा। किसान किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 या संबंधित जिले के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लाक के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर सकते हैं।
ये रहेंगे समर्थन मूल्य पर खरीदी के नियम
• कंप्यूटराइज्ड खतौनी खाता संख्या पंजीयन में दर्ज कर अपने कुल रकबे एवं बोए गए गेहूं तथा अन्य फसल के रकबे को भी दर्ज करना होगा।
• संयुक्त भूमि की दशा में अपनी हिस्सेदारी की सही घोषणा रजिस्ट्रेशन के दौरान करनी होगी।
• किसान के आधार नंबर का बैंक खाते से जुड़ा होना भी अनिवार्य किया गया है।
• बैंक खाते में पिछले तीन महीने में लेन-देन भी होना चाहिए।
पंजीकरण करवाते समय सावधानी से आधार कार्ड की सभी जानकारी जैसे की नाम, पता और अन्य जानकारी पोर्टल पर अंकित कारवाई होगी।
• किसानों को अपना पंजीकरण करने के दौरान वर्तमान मोबाइल दर्ज करवाना होगा,इसी नंबर पर ओटीपी आने के बाद ही उनकी फसल बिकेगी।
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