किसानों की फसलों का बचाव करने के लिए सरकार दें रहीं 40 हजार रूपए, आपको करना होगा बस यह काम

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राजस्थान सरकार फसल सुरक्षा मिशन के तहत नीलगाय और आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए सब्सिडी दे रही है। सरकार खेतों में 400 मीटर तक तारबंदी कराने के लिए 40 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। वहीं लघु और सीमांत किसानों को कुल 48 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जा रही है।

बाढ़-बारिश और ओलावृष्टि के बाद सबसे ज्यादा फसल को नुकसान आवारा पशुओं से होता है। कई बार किसानों की पूरी की पूरी फसल अवारा पशु चट कर जाते हैं। किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकारें भी कोई न कोई कदम उठाती रहती हैं. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार खेतों में तारबंदी कराने पर बंपर सब्सिडी दी जाती है।

400 मीटर तक की तार पर सब्सिडी

राजस्थान सरकार खेतों में 400 मीटर तक तारबंदी कराने के लिए 40 हजार रुपये तक की सब्सिडी देती है. वहीं, लघु और सीमांत किसानों के लिए उन्हें 48 हजार रुपये दिए जाते हैं. इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसानों के पास 1.5 हेक्टेयर कृषि होनी चाहिए. इसके अलावा सामूहिक रूप से भी 2 या अधिक किसानों के नाम एक ही जगह न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर (6 बीघा) कृषि भूमि होना जरूरी है।

यहां करें आवेदन

इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान नजदीकी ई-मित्र केन्द्र या राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते वक्त किसानों के पास 6 महीने से पहले की नवीनतम जमाबंदी होना जरूरी है। जिस खेत में तारबंदी करानी है उसका नक्शा होना जरूरी है। इसके अलावा आधार कार्ड और एक रंगीन फ़ोटो होना अनिवार्य है। इस योजना के लिए लाभार्थी किसानों का चयन पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर किया जा रहा है।

भौतिक सत्यापन के बाद कर सकेंगे आवेदन

इस दौरान किसान के पास आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, जमाबंदी की नकल होना आवश्यक है। इस दौरान तारबन्दी किये जाने से पहले और बाद में काम पूरा होने पर जियोटेगिंग करना अनिवार्य है। आवेदन के बाद योजना से सम्बंधित सहायक कृषि अधिकारी या कृषि पर्यवेक्षक द्वारा मौके पर जाकर प्री – वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके बाद तारबंदी का भौतिक सत्यापन और जांच करने के बाद किसानों को उनके बैंक खातों में अनुदान राशि जमा कराई जाती है।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।