पीएम किसान योजना की 14 वी किस्त से पहले किसानों की हुई मौज, सरकार ने शुरू की एक और नई योजना

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PM Kisan: देशभर के क‍िसानों को 14वीं क‍िस्‍त का इंतजार है। लेक‍िन इससे पहले ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्‍य के क‍िसानों के ल‍िए नई योजना शुरू करने का ऐलान क‍िया है।

Natural Farming: केंद्र सरकार और राज्‍य सरकारों की तरफ से क‍िसानों के ल‍िए अलग-अलग योजनाएं संचाल‍ित की जाती हैं। केंद्र की सबसे महत्‍वाकांक्षी योजना पीएम क‍िसान (PM Kisan) की 13वीं क‍िस्‍त फरवरी में क‍िसानों के खाते में आई है। अब देशभर के क‍िसानों को 14वीं क‍िस्‍त का इंतजार है। लेक‍िन इससे पहले ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्‍य के क‍िसानों के ल‍िए नई योजना शुरू करने का ऐलान क‍िया है। सरकार की तरफ से कहा गया क‍ि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक ढंग से खेती करने वाले करीब डेढ़ लाख किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना (PK3Y) के तहत प्रमाणित किया जाएगा।

28 प्रतिशत किसानों ने बिना प्रशिक्षण के की प्राकृत‍िक खेती

कृषि सचिव राकेश कंवर ने कहा एक अध्ययन के अनुसार, 28 प्रतिशत किसानों ने बिना किसी प्रशिक्षण के एक-दूसरे से सीखते हुए अपने दम पर प्राकृतिक कृषि तकनीकों को अपनाया है। इसलिए इस वित्तीय वर्ष में ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना’ का मुख्य ध्यान प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को एकत्र‍ित करने पर होगा। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि राज्य में संकुल आधारित कृषि विकास कार्यक्रम पर चर्चा के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की एक बैठक में कृषि सचिव ने कहा क‍ि वर्ष 2023-24 में प्राकृतिक खेती करने वाले लगभग 1.5 लाख किसानों को प्रमाणित करने का प्रयास किया जाएगा।

कंवर ने कहा कि मौजूदा किसानों के समेकन, प्राकृतिक खेती के तहत उनके रकबे को बढ़ाने, कार्यशालाओं के आयोजन और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण जैसी चीजों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर परिणामों में प्रतिक्रिया और सफलता से पता चलता है कि हर कोई आश्‍वस्‍त है कि प्राकृतिक खेती तकनीक फायदेमंद है और ‘हमें कृषि में समग्र लाभ के लिए इस प्रयास को और आगे ले जाने की जरूरत है।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।