kisan News: कृषि विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इस बार देश में गेहूं की बंपर पैदावार होने की संभावना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल कुल उत्पादन 112 मिलियन से अधिक होने का अनुमान जताया जा रहा है। सर्दियों की सीजन में सबसे मुख्य फसल गेहूं की बुवाई देश व प्रदेश में अक्टूबर महीने से शुरू कर दी गई थी। आने वाले महीनों में गेहूं और आटे की कीमत सस्ती हो सकती है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, देश का गेहूं उत्पादन 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 11.2 करोड़ टन से अधिक रहने का अनुमान है, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा।
Kisan News: इस बार रिकॉर्ड तोड़ होंगी गेहूं की पैदावार, देखें भाव पर क्या पड़ेगा इसका असर
किसान समाचार: कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, फसल वर्ष 2021-22 में प्रमुख उत्पादक राज्यों में लू के कारण गेहूं का उत्पादन घटकर 106.84 मिलियन टन रह गया था। 2020-21 में देश ने रिकॉर्ड 109.59 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हासिल किया था। मौसम की मौजूदा स्थिति और थोड़े अधिक रकबे के कारण गेहूं की फसल की संभावना बेहतर है। इस साल कुल उत्पादन 112 मिलियन टन से अधिक होने का अनुमान है। मुख्य रबी (सर्दियों) फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर से शुरू हो गई थी, जबकि कटाई मार्च/अप्रैल से शुरू होगी।
Kisan News: नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, किसानों ने 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के मौजूदा रबी सीजन में 6 जनवरी तक 332.16 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 329.88 लाख हेक्टेयर में बुआई की गई थी। इस बार राजस्थान (2.52 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (1.69 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (1.20 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.70 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.63 लाख हेक्टेयर), बिहार (0.44 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल में (0.10 लाख हेक्टेयर) अधिक बुवाई की सूचना मिली है। इसी तरह जम्मू और कश्मीर (0.06 लाख हेक्टेयर) और असम में (0.03 लाख हेक्टेयर) अधिक क्षेत्रों में बुवाई की गई है।
इन उत्पादों की कीमतों में आ सकती है तेजी
Kisan News: जानकारों का कहना है कि अभी गेहूं की नई फसल आने में तकरीबन 2 महीने से ज्यादा का वक़्त लगेगा। ऐसे में गेहूं के भाव में और इजाफा हो सकता है, जिससे महंगाई बढ़ जाएगी और खाने-पीने की चीजें महंगी हो जाएंगी। कृषि विशेषज्ञों की माने तो गेंहू के भाव में उछाल आने से जिन किसानों के पास पहले से गेहूं स्टॉक है, वे इसे बेचकर मोटी रकम कमा सकते हैं। लेकिन आम जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। गरीब लोगों की थाली से रोटी भी गायब हो सकती है। साथ ही ब्रेड, बिस्किट और आटे से बनाए जाने वाले सभी खाद्य पदार्थ भी महंगे हो सकते हैं।