Kisan News: गेहूं की अधिक से अधिक उपज के लिये आधुनिक तरीका अपनाएं, जानिए तरीका

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Kisan News: मध्यप्रदेश में अधिकांश किसानों द्वारा गेहूं की खेती की जाती है। इनमें से कई किसानों को खेती करने के आधुनिक तरीके और वैज्ञानिक सलाह मालूम नहीं होने की वजह से गेहूं और अन्य फसलों के उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से सभी किसानों को गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए आधुनिक तरीको की जानकारी प्रदान करेंगे।

इस तरीके से करें गेहूं की उन्नत खेती

• गेहूं हो या कोई अन्य जिन्स विकसित जातियों के उपयोग से उत्पादन की प्रथम सीढ़ी आसान हो जाती है। उन्नत किस्में जैसे एचआई 1605, जेडब्ल्यू 3020, 3173, 3211, एचआई 8823, जेडब्ल्यू 3269, एमपी 3288, डीबीडब्ल्यू 119, एचआई 1655 (चिन्हित) ही लगायें।

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• बीज का उपचार थाईरम अथवा वीटावेक्स से अवश्य करें ताकि अच्छा अंकुरण प्राप्त हो सके।

• भूमि की तैयारी बहुत अच्छी तरह से की जानी चाहिए। बीज अधिक गहराई पर ना बोया जाये तथा 100 किलो/हे. से अधिक ना डाला जाये।

• सिफारिश के अनुरूप उर्वरक डालें तथा संतुलित उर्वरक उपयोग करें साथ ही उर्वरक की स्थापना बीज के नीचे की जाये, व खाद, बीज का मिश्रण कदापि न करें।

• क्रांतिक अवस्था पर सिंचाई तथा वाडर स्ट्रिप का उपयोग हो ताकि जल एवं समय दोनों की बचत हो सके।

• मंडुसी खरपतवार (Phalaris minor) से उपज में 25-30 प्रतिशत की कमी आ सकती है। मंडुसी के लिए क्लोडिनाफॉप प्रोपरगिल 9% + मेट्रिब्यूजिऩ 20% WP (w/w) (2/2) (Clodinafop propargyl 9% + Metribuzin 20% WP (2/2) या सल्फोसल्फ्यूरॉन 75% WG (Sulfosulfuron 75% WG का प्रयोग करें।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।
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