Gehu Ki Kheti: गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए 15 बेहतरीन उपाय, खाद-उर्वरक, गेहूं की सर्वश्रेष्ठ किस्में

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गेहूं की खेती: किसानों के लिए रबी की सीजन शुरू हो चुकी है। मध्य प्रदेश सहित छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, राजस्थान और अन्य राज्यों में किसानों द्वारा सबसे अधिक गेहूं की खेती की जाती है। फसल किसी भी प्रकार की हो अगर उसका पहले से ही सुनियोजित और व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से गेहूं की अच्छी पैदावार, खेत कैसे तैयार करे, बीज का चुनाव, जैविक खाद, समय पर जुताई, फसल कटाव से लेकर अच्छे बाजार तक ले जाने की जानकारी प्रदान करेंगे। इन उपायों से आप अपने गेहूं की फसल की अच्छी पैदावार कर सकते हैं।

Wheat Farming: इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको गेहूं की फसल की अच्छी पैदावार के लिए 15 बेहतरीन उपाय बताएंगे। इसी के साथ साथ हम आपको यहां के अच्छे बीज की जानकारी भी प्रदान करेंगे। इसके अलावा आपको जानकारी दी जाएगी कि गेहूं की खेती में खाद की मात्रा कितनी रखी जाए और गेहूं की खेती में यूरीया की मात्रा कितनी होनी चाहिए। अगर आप भी अपने गेहूं की फसल की अच्छी पैदावार करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

गेहूं की उपज बढ़ाने के 15 सर्वश्रेष्ठ उपाय

1- गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए आपको अपनी जलवायु के अनुसार गेहूं की अच्छी किस्म के बीज की बुवाई अपने खेतों में करनी चाहिए।

2- फसल की अच्छी पैदावार के लिए आपको “फसल चक्र” अपनाना चाहिए। हर साल एक ही खेत में समान फसल नहीं उगाना चाहिए।

3- फसल की बुवाई से पहले मिट्टी की जांच अवश्य कराएं और मिट्टी में जरूरी पोषक तत्वों की कमी को जुताई के समय पूरा करना जरूरी है।

4- फसल की बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करना चाहिए। फसल बुवाई से पहले खेत को दो से तीन बार जुताई कर समतल कर लेना चाहिए।

5- गेहूं की फसल की बुवाई समय पर करनी चाहिए और इस बात का ध्यान रहे कि बुवाई सीड ड्रिल मशीन द्वारा की जानी चाहिए।

6- गेहूं की बुवाई के समय मिट्टी में हल्की सी नमी होना जरूरी है अन्यथा गेहूं का बीज सही प्रकार से अंकुरित नहीं हो पाएगा।

7- गेहूं की बुवाई में उपचारित बीजों का उपयोग करना है ताकि शत-प्रतिशत बीज बाहर आ सके।

8- गेहूं की फसल की बुवाई के समय खेत में तापमान कम रखना चाहिए, यानी कि भरी दोपहर के समय खेत में बुवाई नहीं करें।

9- गेहूं की फसल को अच्छी पैदा करने के लिए उसका समय समय पर सिंचाई करना भी बहुत आवश्यक है।

10- गेहूं की फसल में हर 15 दिन में अनावश्यक खरपतवार को हटाना और रोग-कीट की जांच करवाना चाहिए ताकि फसल पर कोई बीमारी प्रभाव नहीं डाल सके।

11- गेहूं की फसल में कीट और रोग का नियंत्रण समय-समय पर करते रहना चाहिए। गेहूं की अच्छी फसल पैदा करने के लिए खेत में नमी होना अति आवश्यक है।

12- गेहूं की फसल में अधिक पैदावार करने के लिए आप दो से तीन बार कीटनाशक और उर्वरकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

13- गेहूं की फसल में सिंचाई मिट्टी पर निर्भर करती है। अगर हल्की मिट्टी हो तो 20 दिनों में सिंचाई और भारी काली मिट्टी हो तो 25 दिन के मध्य सिंचाई करनी चाहिए।

14- जब गेहूं की फसल पकने का समय आ गया हो तो उसके बाद फसल में सिंचाई नहीं करनी चाहिए।

15- गेहूं की फसल में आखिरी पानी, सिंचाई दाना, दूध भरते समय देना चाहिए।

गेहूं की खेती में खाद की मात्रा कितनी रखें

Gehu ki kheti: अगर आप अपने गेहूं की फसल में खाद देना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको मिट्टी की जांच करवाना जरूरी है। मिट्टी की जांच के अनुसार खेत में खाद- उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए। सामान्यतः अगर बात की जाए तो गेहूं की फसल में अच्छी पैदावार के लिए 150kg नाइट्रोजन, 40kg पोटाश और 60kg फोस्फोरस प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग कर सकते हैं। गेहूं की फसल में जैविक तरीकों के खाद की बात की जाए तो सड़ी हुई गोबर 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दूसरी बुवाई के समय उपयोग कर सकते हैं।

गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए सर्वश्रेष्ठ गेहूं बीज

Wheat Farming: गेहूं की फसल की बुवाई के समय अधिक सर्दी का मौसम रहना, अधिक धूप पढ़ना या फसल के समय अधिक वर्षा होने से गेहूं का बीज खराब हो जाता है। आज के समय में गेहूं की टॉप क्वालिटी के बीच बाजार में आ चुके हैं। यह इनके हिसाब से बेहतरीन जलवायु में अच्छी पैदावार देने को तैयार हैं :-

• डीबीडब्ल्यू 187 ( DBW 187 )

• लोक -1

• WH 147

• पूसा गेहूं 1620

• पूसा गौतमी

• GW 190

• राज 3077

हमारे द्वारा आपको गेहूं की अच्छी पैदावार के उपाय बता दिए गए हैं। इसी प्रकार किसानों से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी प्रदान करने के लिए हमारे साथ बने रहे।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।