क्या हैं गन्ने की खरीद से संबंधित महत्वपूर्ण बातें??
वर्तमान में गन्ना पेराई सत्र 2023-24 चल रहा है। गन्ना किसानों के लिए आवश्यक खबर है। गन्ने की खेती करने वाले छोटे गन्ना किसानों के लिए यह अच्छी खबर है। छोटे गन्ना किसान जिनके पास गन्ने का बुवाई क्षेत्र और पैदावार भी कम होती है, इन किसानों को गन्ने की बिक्री में समस्या का सामना करना पड़ता है। इन छोटे किसानों को गन्ने की बिक्री के लिए अपना नंबर आने तक विलंब करना पड़ता है। गन्ना पर्ची देरी से मिलने के कारण चीनी मिलों द्वारा इनके गन्ने की खरीदी भी देरी से की जाती है। किसान भाइयों को समस्या का सामना न करना पड़े, इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए राज्य सरकार ने गन्ना किसानों को महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल की गन्ना सट्टा नीति में बड़े बदलाव किए हैं। अब गन्ने की कीमत किसानों को उनकी उत्पादन लागत और बाजार दरों के आधार पर तय की जाएगी, जिससे उन्हें बेहतर और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य मिल सके। सरकार ने इससे संबंधित दिशा-निर्देशों को जारी करते हुए राज्य के छोटे किसानों को सबसे पहले गन्ने की खरीद में प्राथमिकता देने का निर्देश दिए हैं ताकि गन्ने की बिक्री में सबसे पहले छोटे किसानों को भुगतान हो सके और वह अगली फसल की बुवाई सही समय पर कर सकें। इसके अतिरिक्त गन्ना किसानों को गन्ने की पर्ची से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देशों की जानकारी होना आवश्यक है ताकि वे बिना किसी समस्या का सामना किए हुए अपने गन्ने की फसल का विक्रय कर सकें। आइए, गन्ने की पर्ची से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
कितने किसानों को गन्ने की खरीद में प्राथमिकता दी जाएगी??
गन्ना पेराई सत्र 2023-24 में उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास विभाग द्वारा पंजीकृत छोटे गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति में परिवर्तन किया गया है। राज्य में छोटे गन्ना किसानों की संख्या लगभग 10.74 लाख है। इन छोटे गन्ना किसानों को गन्ना पर्ची जारी की गई है। छोटे गन्ना किसानों की संख्या अधिक होने से राज्य सरकार ने सबसे पहले छोटे गन्ना किसानों से गन्ने की खरीद करने का निर्णय लिया है। घटतौली की समस्या से निपटने के लिए इस बार गन्ना विभाग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। अगर तौल में गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित चीनी मिल और तौल मशीन कंपनी दोनों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, पिछले 5 वर्षों में दोषी पाए गए व्यक्तियों को तौल क्लर्क का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। जैसे 2023-24 में छोटे किसानों को प्राथमिकता दी गई थी, वैसे ही 2024-25 में भी गन्ने की बिक्री और पर्ची जारी करने में छोटे किसानों को तरजीह दी जा रही है। इससे उन्हें गन्ना बेचने और समय पर भुगतान पाने में आसानी होगी। इसी के साथ ही 60 क्विंटल के स्थान पर 72 क्विंटल के सट्टा धारकों को छोटे किसान का दर्जा दिया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से छोटे किसानों को सबसे पहले गन्ने की खरीद में प्राथमिकता दी जाएगी।
स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट क्या है??
हमारे देश में उत्तर प्रदेश राज्य में गन्ना किसानों को डिजिटल तकनीक से जोड़ने के साथ ही उनके काम को सरल बनाने के लिए स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया है। स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के अनुसार गन्ने की खेती के लिए IT प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसान भाइयों को गन्ना पर्ची से जुड़ी सारी जानकारी, गन्ना सर्वे और सट्टा कैलेंडर आदि घर बैठे फोन पर ही उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब किसान भाइयों को गन्ना पर्ची के लिए इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें फोन पर ही गन्ना पर्ची का SMS प्राप्त हो रहा है। इसके अतिरिक्त स्मार्ट गन्ना किसान ऐप की सहायता से गन्ना खरीदी की भुगतान की प्रक्रिया भी पहले से सरल हो गई है। इस तकनीक की सहायता से किसान भाइयों को गन्ने का समय पर भुगतान करना संभव हुआ है। “स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट” के तहत, किसानों को गन्ना पर्ची, सर्वे, सट्टा कैलेंडर और भुगतान की जानकारी अब फोन पर SMS और ऐप के माध्यम से मिल रही है। इससे पारदर्शिता बढ़ी है और किसानों को गन्ने की बिक्री में सुविधा मिल रही है।
कितने गन्ना किसानों को गन्ना पर्ची जारी हो चुकी हैं??
गन्ना पेराई सत्र 2024-25 की अपडेट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में इस बार अब तक 102 चीनी मिलों ने गन्ना खरीद के लिए इंडेंट जारी कर दिया है, और 90 चीनी मिलों में पेराई कार्य शुरू हो चुका है। इनमें 79 मिलें निजी क्षेत्र की हैं, जबकि 10 सहकारी और 1 निगम क्षेत्र की मिल है। 5 नवंबर 2024 तक उत्तर प्रदेश की 121 चीनी मिलों में से 32 मिलें शुरू हो चुकी थीं, और कुल 70 मिलों ने गन्ना खरीदने के लिए मांगपत्र जारी कर दिया था। जहां तक गन्ना पर्ची जारी करने का सवाल है, अभी तक सटीक आंकड़ा नहीं दिया गया है कि कितने किसानों को SMS के माध्यम से गन्ना पर्ची भेजी जा चुकी है, लेकिन सरकार ने इस बार भी छोटे गन्ना किसानों को प्राथमिकता देने की नीति को लागू किया है। विशेष रूप से जिन किसानों का सट्टा 72 क्विंटल तक है, उन्हें छोटे किसान की श्रेणी में रखा गया है, और उनके लिए पेड़ी गन्ने की पर्चियां 1 से 3 पक्ष में, पौधा गन्ने की पर्चियां 7 से 9 पक्ष में जारी की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त चीनी मिलों को निर्देश दिया गया है कि वे गन्ना खरीदी के 14 दिन के भीतर किसानों को भुगतान करें, और 39 मिलों ने इस प्रक्रिया की शुरुआत कर भी दी है। स्मार्ट गन्ना किसान के तहत किसानों द्वारा चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति उचित समय पर हो रही है। इस व्यवस्था से गन्ना किसान और चीनी मिलें दोनों को फायदा हो रहा है। डिजिटलीकरण के अंतर्गत शुरू हुए स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट से सहकारी समितियों से संबंधित कार्य भी पूर्णतः पारदर्शी हो जाएंगे।
क्या हैं गन्ना किसानों के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश??
2025 में गन्ना किसानों के लिए नए दिशा-निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए हैं, जिनका उद्देश्य गन्ना बिक्री प्रक्रिया को पारदर्शी और किसानों के लिए अधिक लाभकारी बनाना है। नीचे 2024-25 पेराई सत्र के लिए जारी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए हैं-
मोबाइल नंबर अपडेट जरूरी
गन्ना पर्ची केवल SMS के रूप में भेजी जा रही है, इसलिए किसानों का मोबाइल नंबर ERP सिस्टम में अपडेट होना अनिवार्य है। किसान E-गन्ना ऐप या गन्ना पर्यवेक्षक की मदद से नंबर अपडेट कर सकते हैं।
ऑनलाइन पोर्टल और ऐप से जानकारी लें
किसान अब caneup.in पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से गन्ना तौल, भुगतान, सप्लाई टिकट, और पर्ची कैलेंडर की जानकारी घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। इससे बिचौलियों और कालाबाजारी से राहत मिलेगी।
घटतौली पर सख्ती
2024-25 सत्र में घटतौली की समस्या को रोकने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। अगर किसी मिल में घटतौली पाई जाती है तो उस पर और तौल मशीन सप्लायर पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पिछले पांच साल में घटतौली के दोषियों को अब तौल क्लर्क का लाइसेंस नहीं मिलेगा।
पर्ची वितरण की नीति
सरकार की मौजूदा नीति के तहत, छोटे किसानों को समय पर पर्ची जारी करने के निर्देश हैं — जैसे पेड़ी गन्ना के लिए मिल चालू होने के 45 दिनों के भीतर और पौधा गन्ना के लिए 1 फरवरी से 45 दिनों के भीतर पर्ची मिलनी चाहिए।
किसान गन्ना पर्ची SMS प्राप्त करने के लिए क्या करें??
किसान भाइयों को कई बार तकनीकी समस्या के कारण गन्ना पर्ची SMS द्वारा प्राप्त नहीं हो पाती है, इसके कई कारण हैं। इस स्थिति में किसान भाइयों को कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए ताकि विभाग की ओर से भेजी जा रही गन्ना पर्ची किसानों को सही समय पर मिल सके। 2025 में गन्ना किसानों को SMS द्वारा गन्ना पर्ची न मिलने की समस्या को लेकर सरकार ने कई उपाय किए हैं ताकि यह दिक्कत कम हो सके। अगर किसान भाइयों को SMS द्वारा पर्ची नहीं मिल रही है तो नीचे दिए गए दिशा-निर्देशों और सुविधाओं का पालन करके समस्या का समाधान किया जा सकता है। गन्ना पर्ची से संबंधित दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं –
- किसान भाई https://www.caneup.in पोर्टल या ई-गन्ना ऐप पर जाकर अपने मोबाइल नंबर की जांच और अपडेट करें।
- DND सेवा को बंद कराएं और SMS बॉक्स में जगह बनाकर रखें।
- मोबाइल हमेशा ऑन और नेटवर्क एरिया में रखें।
- गन्ना पर्ची की जानकारी के लिए पोर्टल पर SMS लॉग, सप्लाई टिकट, गन्ना तौल रिपोर्ट जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं।
- किसानों की सुविधा के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 शुरू किया गया है। यहां से आप पर्ची न मिलने, भुगतान देरी या अन्य समस्याओं की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- अब गन्ना किसानों को पर्ची, भुगतान और सप्लाई संबंधी पूरी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है जिससे बिचौलियों और गड़बड़ी से बचा जा सके।
UP के कौन-से जिलों में हैं सबसे अधिक छोटे गन्ना किसान??
हमारे देश में गन्ना उत्पादन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है। यदि छोटे गन्ना किसानों से संबंधित आंकड़ों को देखा जाए तो राज्य में गन्ना उत्पादक जिले लगभग 45 हैं। UP के इन जिलों जैसे – कुशीनगर, लखीमपुर और सीतापुर जिलों में सबसे अधिक छोटे गन्ना किसान हैं। इसके अतिरिक्त बदायूं, कासगंज और देवरिया में सबसे कम आपूर्ति वाले छोटे किसान हैं। 2024-25 के गन्ना पेराई सत्र में उत्तर प्रदेश में अब तक लगभग 1,097 लाख टन (यानी करीब 11 करोड़ टन) गन्ने का उत्पादन दर्ज किया गया है।
गन्ने का मूल्य 2024-25 विभिन्न राज्यों के लिए कितना है??
हमारे देश में केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष किसानों के लिए उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) और राज्य सलाहकार मूल्य (SAP) निर्धारित किए जाते हैं। 2024-25 के लिए गन्ने के मूल्य (FRP और SAP) की पुष्टि करने वाली आधिकारिक जानकारी अभी सार्वजनिक रूप से ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हो पाई है किंतु उपलब्ध रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) प्रति क्विंटल 340 रुपए तय किया गया है। इस स्थिति में किसी राज्य में गन्ना किसानों को गन्ने की उचित कीमत मिल रही है तो कहीं कम।
देश के मुख्य गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने की कीमत इस प्रकार है –
- उत्तर प्रदेश – ₹370 प्रति क्विंटल
- बिहार – ₹355 प्रति क्विंटल
- उत्तराखंड – ₹355 प्रति क्विंटल
- हरियाणा – ₹386 प्रति क्विंटल
- पंजाब – ₹386 प्रति क्विंटल