Beetroot Farming: किसानों को कुछ ही महीनों में बना देंगी मालामाल,12 महिने रहतीं हैं इस फसल की डिमांड

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Beetroot Cultivation: 12 महीने बिकने वाली ये फसल कंगाल को भी बनाएगी मालामाल मात्र 4 महीनों में ही पैसों से भर देगी आपकी झोली उस फसल का नाम चुकंदर है। आपके शरीर में ब्लड की कमी है तो आपको चुकंदर का सेवन करना चाहिए।इस चुकन्दरा फल की मांग 12 महीने रहती है। ऐसे बहुत कम किसान ऐसे हैं जो चुकंदर की खेती करते हैं। यदि आप चुकंदर की खेती करना शुरू कर देते हो तो आप बहुत ज्यादा कमाई कर सकते है। ये फसल आपको सिर्फ कुछ ही महीनों में मालामाल करके छोड़ती है। जिससे आप भी कमा सकते हैं लाखों रुपए।

चुकंदर की खेती कैसे करें

आपको 1 एकड़ जमीन के लिए करीब 1 किलो बीज की आवश्यकता पड़ेंगी। चुकंदर का बीज लगाते समय आपको एक लाइन से दूसरे लाइन की बीच की दूरी 1 फीट रखनी है। समय के बारे में बात करें तो आप सितंबर अक्टूबर और नवंबर के महीने में आसानी से चुकंदर की खेती कर सकते। आपको 75 से 80 दिनों के बीच में आपको उत्पादन देखने को मिल जाएगा। इस उत्पादन के बाद ये फसल बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाती है जिससे आपको मोटा मुनाफा होता है।

कितनी आती है लागत

सबसे पहले आपको बीज खरीदना होगा उसी के साथ में आपको खेत की तैयारी करनी होगी आपको कुछ दवाइयां भी खरीदनी होगी वैसे तो इसमें कम बीमारियां देखी जाती है यदि इन सभी की लागत को मिला दिया जाए तो करीब आपको 20000 रुपये खर्च होने वाले है। इतने से खर्च में आप सिर्फ कुछ ही महीनों में लखपति बन सकते हैं। अन्य फसलों की अपेक्षा इसकी लगत काफी कम आती है।

मुनाफा होता है लाखों मे

जमीन से करीब आपको 80 क्विंटल से लेकर 120 क्विंटल चुकंदर का उत्पादन प्राप्त हो सकता है बाजार में इसका रेट यदि आप बड़े शहर में ले जाकर बेचते हो तो वहां पर 30 से लेकर 50 तक इसका रेट रहता है अब वही यदि हम बात करें इससे होने वाली कमाई के बारे में तो यदि आप 40 रुपए किलो के हिसाब से बाजार में चुकंदर बेचते हो तो आपको 320000 की कमाई होगी इसमें से 20000 की लागत हटा देने के बाद मैं आपको 300000 का शुद्ध मुनाफा बचता है। जो अन्य फसलों से काफी अधिक होता है।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।