किसानों के लिए सरकार का बड़ा तोहफा: धान समेत इन फसलों के समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी, देखिए सरकारी भाव

3 Min Read
खबर शेयर करें

Cabinet Meeting Decision:केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज कई फसलों के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) पर फैसला लिया गया है. फसलों की एमएसपी में बंपर बढ़ोतरी की गई है. तुअर दाल, उड़द दाल, धान और मक्के की एमएसपी बढ़ाई गई. कैबिनेट की ओर से तुअर दाल की एमएसपी में 400 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई है. सीएनबीसी आवाज़ के सूत्रों के मुताबिक अब तुअर दाल का एमएसपी 7,000 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है. इसी तरह उड़द दाल की MSP में 350 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोती को मंजूरी दी गई है, जिसके बाद यह बढ़कर 6950 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है. मक्के की MSP 128 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने और धान की एमएसपी 143 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी मिली है. सीएनबीसी आवाज़ ने सूत्रों के हवाले से पहले ही जानकारी दे दी थी कि सरकार जल्द ही खरीफ फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी कर सकती है।

क्या है एमएसपी? मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी एमएसपी की शुरुआत आजादी के बाद की गई थी. उस समय देश में लगातार अकाल और खाने के संकट से किसान परेशान थे. इसलिए देश के करोड़ों अन्नदाताओं की हितों की सुरक्षा करते हुए देश की सरकार किसानों की फसल को लेकर एक दाम तय करती है, जिसे एमएसपी कहा जाता है. एक तरीके से यह किसानों के लिए एक भरोसा है कि सरकार उनकी फसलों की खरीद निश्चित न्यूनतम कीमत पर करेगी. कानूनी रूप से देखा जाए तो सरकार मिनिमम सपोर्ट प्राइस देने के लिए बाध्य नहीं है क्योंकि किसी सरकार को किसानों से फसल खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. इस मामले में किसान सरकार को अदालत में नहीं खींच सकते क्योंकि एमएसपी को लेकर कोई कानून नहीं है।

कैसे तय होती है एमएसपी? सरकार की ओर से हर साल 23 फसलों के लिए एमएसपी का एलान किया जाता है. कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर ही एमएसपी तय होती है. उल्लेखनीय है कि सीएसीपी एग्रीकल्चर मंत्रालय के तहत आने वाला एक आयोग है।


खबर शेयर करें
Share This Article
By Harry
Follow:
नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।