प्रदेश में पिछले 2 दिनों से अचानक बदले मौसम के मिजाज के बाद तेज हवाओं का दौर चल रहा है। साथ ही क्षेत्र में बारिश की बूंदा बूंदी से गेहूं, जौ और सरसों की फसल जमीन पर पसरने से नुकसान उठाना पड़ा है।
शुक्रवार शाम 4 बजे तेज हवाओं के साथ अचानक बूंदाबांदी का दौर शुरू हो गया इसके चलते किसान खेत खलियानों की ओर दौड़ते भागते नजर आए। फसलों को बचाने के लिए किसान खेतों में मजदूर लगाकर रोजाना कटाई का दौर चलने से अब तेज हवाओं से किसानों के सामने फसलों को बचाने का संकट खड़ा हो गया है। दूदू क्षेत्र के मौजमाबाद, फागी से ग्रामीण अंचल में चने और गेहूं की फसल में सर्वाधिक नुकसान देखने को मिला है।
पाला गिरने से भी हो चुका है फसलों में नुकसान
मौजमाबाद के कृषि अधिकारी आशीष बंबोरिया ने बताया कि पिछले दिनों सर्दी के मौसम में कड़ाके की ठंड और पाळा गिरने से भी सरसों की फसल शीतलहर की चपेट में आने से हजारों हेक्टेयर भूमि पर फसल बर्बाद हो चुकी है। किसान संपत राम चौधरी ने बताया कि तेज हवाओं और बिगड़े मौसम के मिजाज के बाद बारिश की बूंदा बांदी और ओले गिरने से भी किसानों के सामने संकट खड़ा हो चुका है। किसानों की दयनीय हालत को देखते हुए किसान महापंचायत के पदाधिकारियों ने सरकार से विशेष मुआवजे के पैकेज की घोषणा करने की मांग उठाई है।

