Wheat MSP 2024 : गेहूं के समर्थन मूल्य पर 125 रूपए का बोनस, खरीदी के नियम और पूरा गणित जानिए 

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MSP पर गेहूं बेचने के लिए प्रभावी नियम क्‍या हैं। MSP पर गेहूं बेचने के लिए नमी की मात्रा, चमक, सिकुड़े और टुुटे दानों की मात्रा कितनी होनी चाहिए। क्‍या कहते हैं नियम….

होली के रंग अब चेहरों से उतरने लगे हैं। इस बीच गेहूं की फसल खेत में पक कर तैयार है. तो वहीं कई राज्‍यों में किसानों ने गेहूं की कटाई भी शुरू कर दी है तो कई राज्‍यों में किसान गेहूं कटाई की तैयारी भी कर रहे हैं, जिसे देखते हुए कई राज्‍य सरकारों ने MSP पर गेहूं खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। तो वहीं कई राज्‍यों में 1 अप्रैल से MSP पर गेहूं की खरीद शुरू होनी है। इसी तरह कई जगहों पर निजी कंंपनियों ने भी किसानों से गेहूं खरीदने का कार्यक्रम शुरू किया हुआ है. गेहूं खरीद की इन तमाम तैयारियों के बीच देश के कई राज्‍यों में मौसम में बदलाव लेने का पूर्वानुमान है, जिसे देखते हुए IMD ने कई राज्‍यों में बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। ऐसे में गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है, जिससे किसानों को फसल बेचने में परेशानी हो सकती है. आइए इसी कड़ी में बात करते हैं कि MSP पर गेहूं बेचने के लिए प्रभावी नियमों की है, जिसके तहत जानेंगे कि MSP पर गेहूं बेचने के लिए नमी की मात्रा, चमक, सिकुड़े और टुुटे दानों का गणित क्‍या है। 

सबसे पहले, किसने बनाए नियम

MSP पर गेहूं बेचने के नियम क्‍या हैं, इस पर विस्‍तार से बात करने से पहले जानते हैं कि ये नियम बनाए किसने हैं। असल में MSP पर गेहूं की खरीद केंद्र और राज्‍य सरकारें करती हैं। केंद्र की तरफ से भारतीय खाद्य नियम यानी FCI गेहूं की खरीदी किसानों से करती हैं, जबकि राज्‍य सरकार अपनी एजेंसियों के माध्‍यम से गेहूं की खरीदी करती हैं। किसानों से MSP पर गेहूं खरीदी के लिए FCI और राज्‍य एजेंसियां गांवों में खरीद केंद्र स्‍थापित करती हैं, जिनमें स्‍डैंडर्ड के तौर पर FCI क्‍वालिटी कंट्रोल के नियम लागू होते हैं। इन नियमों को केंद्रीय खाद्य व उपभोक्‍ता मंंत्रालय और कृषि मंंत्रालय की तरफ से बनाया गया है।

अब नियमों की बात

MSP पर गेहूं खरीद के लिए नमी, चमक, सिकुड़े और टूटे दानों, गेहूं में दूसरी फसलों के दानाें की मात्रा जैसे पैमानों का पालन किया जाता है. नियमानुसार इसके लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। इन नियमों की जानकारी किसान तक ने लखनऊ गेहूं विपणन केंद्र के अधिकारी माटू लाल और एफसीआई के सेवानिवृत अधिकारी विजय श्रीवास्‍तव से प्राप्‍त की है। आइए इस पर विस्‍तार से बात करते हैं।

गेहूं में कितनी होनी चाहिए नमी

MSP पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को गेहूं में नमी की मात्रा का विशेष तौर पर ध्‍यान देना होता है. गेहूं में नमी की मात्रा को लेकर गेहूं विपणन केंद्र लखनऊ के अधिकारी माटू लाल बताते हैं कि गेहूं में 12 से 14 फीसदी तक नमी की मात्रा होने पर MSP पर उसकी खरीदी होती है. उससे अधिक मात्रा होने पर गेहूं की खरीदी नहीं की जाती है। ऐसी स्‍थिति में किसानों को गेहूं की नमी करने की जरूरत होती है। वह बताते हैं कि सेंटर में गेहूं में नमी की मात्रा मांपने के लिए एक मीटर हाेता है, जिसके आधार पर नमी की मात्रा मांपी जाती है।

सिकुड़े दानों को लेकर क्‍या कहता है नियम

कई बार गेहूं में पूरे दानों के साथ ही सिकुड़े दाने भी होते हैं. किसानों की ऐसी फसल भी MSP पर खरीदी जाती है, इसके लिए भी नियम तय है. इस नियम की जानकारी देते हुए माटू लाल बताते हैं कि नियम है कि एक क्‍विंंटल यानी कुल फसल में 6 फीसदी सिकुड़े या टूटे गेहूं के दाने होने पर उसकी MSP पर खरीदी की जाएगी. वह बताते हैं कि गेहूं में सिकुड़े और टूटे दानों की पहचान के लिए कोई मशीन नहीं होती है। सेंटर इंजार्च के अनुभव और अधिकार क्षेत्र में ये तय करने की जिम्‍मेदारी होती है। 

गेहूं के साथ दूसरे अनाज की मात्रा 

रबी सीजन में किसान गेहूं के साथ दूसरी फसलों की भी खेती करते हैं। ऐसे में गेहूं मड़ाई के समय वह फसल भी उसमें मिल जाती है। जिन्‍हें पूरी तरह से साफ करना बेहद ही मुश्‍किल होता है. गेहूं विपणन केंद्र  लखनऊ के अधिकारी माटू लाल बताते हैं कि इसके लिए भी नियम है, जिसके तहत गेहूं में दूसरे अनाज की मात्रा 0.75 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे अधिक होने पर किसानों को फसल साफ कराने की जरूरत होती है।

चमक का क्‍या है नियम

बारिश की वजह से गेहूं के दानों का रंग उड़ जाता है. उस वजह से भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. इसको लेकर माटू लाल बताते हैं कि गेहूं की चमक को लेकर नियम में बदलाव होता रहता है. अगर बारिश से किसानों की फसल को नुकसान होता है और गेहूं की चमक कम हो जाती है तो उसको लेकर राज्‍य सरकारें अनुमति लेती है। वहीं नियम ये कहता है कि गेहूं की चमक में 10 फीसदी तक कमी होने पर पूरा MSP दिया जाएगा, उसके बाद चमक कम होने पर MSP में कटौती होती है। 

सेंटर पर गेहूं की सफाई कर सकते हैं किसान

किसानों अपनी फसल सही ढ़ंग से बेच सके, इसके लिए विपणन केंद्र पर पूरी व्‍यवस्‍था की जाती है. इसकी जानकारी देते हुए माटू लाल कहते हैं कि सेंटरों पर पूरे इंतजाम किए जाते हैं, जिसके तहत सेंटर में तिरपाल, पंंखा, छलनी की व्‍यवस्‍था होती है. वहीं इसको विस्‍तार से समझाते हुए एफसीआई के सेवानिवृत अधिकारी विजय श्रीवास्‍तव बताते हैं कि अब सरकार के साथ ही निजी कंपनियां भी गेहूं की खरीद करने लगी है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल की गुणवत्‍ता बनाए रखने की जरूरत है। वह कहते हैं कि मढ़ाई के समय गेहूं में मिट्टी, भूसा, दूसरी फसलों या खरपतवार के दाने आ जाते हैं।

ऐसे में किसानों को साफ फसल करने की जरूरत होती है। बिना साफ फसल के दाम कम मिल सकते हैं. ऐसे में सेंटरों में फसल साफ करने के इंतजमा किए जाते हैं। नियमानुसार गेहूं में शामिल मिट्टी और भूसे को साफ करने के लिए छलना लगाया जाता है। वहां किसान अपनी फसल साफ कर सकते हैं। उसका भुगतान किसानों से नहीं लिया जाता है, किसानों को सिर्फ मजदूरों का भुगतान करना होता है।

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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।
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