सरकार करेगी अब निगरानी केंद्र सरकार ने तुअर दाल के भंडार की निगरानी के लिए समिति का गठन किया

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केंद्र सरकार ने तुअर दाल के भंडार की निगरानी के लिए समिति का गठन किया 

समुचित मात्रा में दलहन आयात की लगातार आवक होने के बावजूद बाजार के भंडार संघों द्वारा स्टॉक जारी नहीं किये जाने की खबरों की वजह से केंद्र सरकार ने तुअर दाल के भंडार की ताजा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया हैं। इस समिति का गठन उपभोक्ता कार्य विभाग की अपर सचिव श्रीमती निधि खरे की अध्यक्षता में किया गया है। यह समिति राज्य सरकारों के साथ मिलकर निकट समन्वय में आयातकों, मिल मालिकों, जमाकर्ताओं, व्यापारियों आदि जैसी संस्थाओं द्वारा जमा किए गए अरहर दाल के भंडार की निगरानी करेगी।

भंडार की ताजा स्थिति की निगरानी के लिए इस समिति गठित करने की नवीनतम घोषणा बाजार में जमाखोरों और बेईमान सट्टेबाजों से निपटने के लिए सरकार की मंशा को दर्शाती है। यह निर्णय आने वाले महीनों में अरहर दाल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के सरकार के दृढ़ संकल्प को भी प्रकट करता है। इसके अलावा, केंद्र सरकार घरेलू बाजार में अन्य दालों के भंडार की स्थिति पर भी बहुत बारीकी से नजर रख रही है ताकि वर्ष के आगामी महीनों के दौरान दालों के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि होने की स्थिति में तत्काल आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

यहां पर स्मरण रखने योग्य तथ्य यह है कि सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत तुअर दाल  की उपलब्धता के संबंध में भंडार को प्रदर्शित करने की व्यवस्था को लागू करने के उद्देश्य से 12 अगस्त, 2022 को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया था। सरकार ने एक और पहल करते हुए गैर-एलडीसी देशों से अरहर दाल आयात के लिए लागू 10 प्रतिशत शुल्क को हटा दिया है क्योंकि कोई भी शुल्क इन एलडीसी देशों से शून्य शुल्क आयात के लिए भी कार्यविधि संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है

Source by – krishakjagat

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