वाह भैया! हजारों रुपए की दवाइयों का काम करेंगी सिर्फ एक किलो तम्बाकू, नहीं लगेंगे मक्खी, मच्छर, इल्ली आदि रोग

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किसान नये तरीके से खेती कर फसलों मंे अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की सोच रहे है और कामयाब भी हो रहे हैं। कई जगहो पर फसलों में रोगों से छुटकारा पाने के लिए किसान देशी शराब का छिड़काव कर रहे है तो कई जगहो पर तम्बाकू के मिश्रण का छिड़काव कर फसलों में अधिक मुनाफा कमाया जा रहा है।

आज के दौर में देखा जाए तो अधिकतर किसान नरमा व धान की खेती कर रहें है। इन दोनों फसलों में कई समय से पहले सफेद मक्खी, मच्छर, इल्ली जैसे रोग दस्तक दे देते है। लेकिन किसान इन रोगों से लड़ने के लिए अधिक से अधिक कीटनाशक दवा का प्रयोग करता है। अत्यधिक पैसे खर्च करने के बाद भी किसान को इन रोगों से छुटकारा नहीं मिलता है। इसलिए किसान परेशान होकर कम खर्चे में देसी नुस्खे अपनाकर अपनी फसल को रोगों से बचाकर अधिक पैदावार लेना चाहता है।

फिलहाल किसान सफेद मक्खीए मच्छरए इल्ली व नरम शरीर वाले कीड़े मारने के लिए तम्बाकू के मिश्रण का प्रयोग कर रहे है। तो आइये जानते है तम्बाकू का घोल कैसे बनता है। किसान सबसे पहले एक किलो तम्बाकू लें उसको 200 ग्राम चूने से बूझ लें और बूझे गए चूने व तम्बाकू में 10 लीटर गर्म पानी मिला लें और उसको एक दिन के लिए किसी बर्तन में रखें। अगले दिन उसे हाथों से अच्छी तरह से मसलकर छान लें। इस मिश्रण को अपनी फसल में छिड़काव करें जिससे जिससे सफेद मक्खीए मच्छरए इल्ली व नरम शरीर वाले कीड़े मर जाते हैं । फसल में अच्छा फुटाव भी आता है और पैदावार भी अधिक होती है।

नोट- यह जानकारी सोशल मीडिया पर आधारित है। खेत खजाना इस तरह की कोई अपडेट किसानों को नही देता हैं। इसलिए किसान कृषि अधिकारी व डॉक्टर से राय लेकर अपने विवेक से खेती करें ताकि किसान को फसल को लेकर किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।