देशभर में हुई बेमौसम बारिश से कॉटन की कीमतों पर पड़ेगा भारी असर, अगले महीने लागू होंगे क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर

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Cotton Rates: बेमौसम बारिश ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। कई जगह बारिश और कुछ दूसरे कारणों से फसलें प्रभावित हुई हैं। खासकर कॉटन कीमतों पर सरकार की नजरें बनी हुई हैं। माना जा रहा है कि इन कारणों से फसल का उत्पादन कम रह सकता है। सरकार का पूरा फोकस है कि इनपुट और रॉ मैटेरियल की कमी नहीं हो। इसके साथ ही शॉर्ट टर्म उपायों पर चर्चा जारी है। लॉन्ग टर्म में हाई यील्ड वेरायटी के लिए जल्द ही पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है। इसके लिए दो सीज़न का डाटा देखकर उसके हिसाब से लागू किया जा सकता है। Polyester और कॉटन पर QCOs (क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर) अगले महीने से लागू होंगे। सरकार का उद्देश्य घटिया इंपोर्ट रोकना है। जल्दी उत्पादन शुरू करने वाली कंपनियों के लिए बेहतर इंसेंटिव होगा। इसके अलावा, Viscouse Staple फाइबर पर ड्यूटी हटाने संबंधी इंडस्ट्री से प्रेजेंटेशन मिला है। इसपर वित्त मंत्रालय फैसला करेगा।

PM Mitra Park से कपड़ा उद्योग को मिलेगा बूस्ट

इसी हफ्ते दो PM MITRA पार्क का शिलान्यास भी होने वाला है। टेक्सटाइल मिनिस्ट्री देश में 7 मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड एपेरल (MITRA) पार्क खोलने की तैयारी कर रही है। पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया था कि प्रधानमंत्री मित्र योजना के तहत 4,445 करोड़ रुपये की लागत से मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिनसे 20 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। ये टेक्सटाइल पार्क तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे। इन मेगा टेक्सटाइल पार्कों के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए करीब 70,000 करोड़ रुपये का घरेलू और विदेशी निवेश होने का अनुमान है।

PM Mitra Park से 70 हजार करोड़ से ज्यादा निवेश आने की उम्मीद

टेक्सटाइल सचिव रचना शाह ने मंगलवार को बताया कि तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश में PM MITRA टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी मिली है। इससे टेक्सटाइल का अंतरराष्ट्रीय कारोबार बढ़ेगा। इनसे 70 हजार करोड़ से ज्यादा निवेश आने की उम्मीद है। 1 लाख का डायरेक्टर इंप्लॉयमेंट और 2 लाख का इनडायरेक्ट इंप्लॉयमेंट आ सकता है, पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर केंद्र और राज्य सरकारों का SPV तैयार करके देगा। उन्होंने कहा कि देश का टेक्सटाइल उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेगा।  4,445 करोड़ रुपये का निवेश होगा। गति शक्ति मास्टर प्लान का इस्तेमाल कर जगह का चुनाव किया गया है। $100 बिलियन के एक्सपोर्ट टार्गेट को पूरा करने में मदद मिलेगी। ग्लोबल वैल्यू चेन में भारत की हिस्सेदारी बनेगी। कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसल को नुकसान

कपास के अलावा, दूसरे फसलों को लेकर भी चिंताएं जताई जा रही हैं। केंद्र ने सोमवार को कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की खड़ी फसल को कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन उसे अभी तक जमीनी हकीकत के बारे में राज्य सरकारों से रिपोर्ट नहीं मिली है। सरसों और चने की फसल की कोई चिंता नहीं है क्योंकि इसकी ज्यादातर फसल कट चुकी है। बागवानी फसलों के मामले में स्थानीय ओलावृष्टि से केले और आलू जैसी कुछ फसलों पर असर पड़ सकता है। पिछले दो दिन से देश के कई हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं चल रही हैं।

गेहूं मुख्य रबी फसल है, जिसकी कटाई देश के कुछ हिस्सों में शुरू हो गई है. सरसों और चना अन्य प्रमुख रबी फसलें हैं। सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के लिए रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राज्य सरकारें राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के तहत धन का उपयोग कर रही हैं।यदि राज्य सरकारें क्षति की सीमा का आकलन करने के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करती हैं तो केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) के तहत मुआवजा प्रदान करेगी।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।