देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल गुजरात के कलोल में पहले नैनो यूरिया प्लांट की स्थापना की थी। देश में जल्द ही पांचवा नैनो यूरिया प्लांट झारखंड में स्थापित होने जा रहा है साल 2024 तक नैनो तरल यूरिया का उत्पादन 30 करोड बोतल तक पहुंच जाएगा। यह उत्पादन 135 लाख टन ठोस यूरिया के बराबर होगा।
देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए अंधाधुंध उर्वरक इस्तेमाल होता है। इससे मिट्टी प्रदूषण बढ़ रहा था लेकिन इसी को ध्यान में रखते हुए IFFCO ने नैनो यूरिया को लॉन्च किया। जिससे फसल को सही उर्वरक आपूर्ति सुनिश्चित करना आसान हो गया है।
भारत देश में किसान तेजी से नैनो यूरिया पर विश्वास कर रहे हैं। साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नैनो यूरिया ने अपनी पहचान बना रहा है।
नैनो तरल यूरिया को IFFCO ने विदश में भेजने के लिए इसके सैंपल भेजे हैं।
नैनो तरल यूरिया को कंपनी 25 देशों तक पहुंचाना चाहती है। ब्राजील ने नैनो यूरिया को अपने देश में लाने के लिए ऑफिशियल अप्रूवल दे दिया है। बाकी देशों से अप्रूवल मिलने की उम्मीद है। इफको कंपनी ने एक्सपोर्ट के हिसाब से 30 करोड बोतल 2024 तक बनाने का लक्ष्य बनाया है।

