किसानो के लिए खुशखबर : खेती के साथ मछली पालन के जरिए किसान कमा रहे लाखों, आप भी अपना सकते हैं ये तरीका

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जो किसान खेती के साथ साथ मछली पालन करना चाहते हैं उन्हें सरकार की ओर से मत्स्य संपदा योजना के तहत लाभ दिया जाता है. दरअसल, यह योजना सरकार ने देश में किसानों और मछलीपालकों के हितों के लिये शुरू की है.

पारंपरिक खेती के जरिए अब किसानों की आमदनी नहीं हो रही है. सालभर मेहनत करने के बाद उन्हें उनकी फसल का इतना पैसा भी नहीं मिल पाता कि वो अगली फसल के लिए बीज भी खरीद सकें. इसलिए अब कुछ किसान खेती के साथ साथ मछली पालन का भी काम कर रहे हैं, सबसे अच्छी बात की सरकार भी इसमें किसानों का पूरा सहयोग कर रही है. अगर आप खेती के साथ-साथ पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन करना चाहते हैं तो सरकार आपकी इसमें पूरी मदद करती है. मछली पालन करने वाले किसानों को तो सरकार 60 फीसदी तक सब्सिडी देती है.

किस योजना के तहस मिलता है लाभ

जो किसान खेती के साथ साथ मछली पालन करना चाहते हैं उन्हें सरकार की ओर से मत्स्य संपदा योजना के तहत लाभ दिया जाता है. दरअसल, यह योजना सरकार ने देश में किसानों और मछलीपालकों के हितों की रक्षा के लिये शुरू की है. इस योजना के तहत किसानों और मछलीपालकों को प्रोजक्ट के लिये मछली के बीज से लेकर तालाब की खुदाई के लिये सरकार आर्थिक मदद करती है. हालांकि इस योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम 1 बीघा क्षेत्र में तालाब की खुदाई अनिवार्य है. इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के किसानों और मछलीपालकों  को  40 फीसदी की सब्सिडी और एससी और एसटी के साथ-साथ महिला किसानों और मछलीपालकों के लिये 60 फीसदी की सब्सिडी देने का प्रावधान है.

इस योजना का लाभ लेने के लिए कैसे करें अप्लाई

प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना से आर्थिक सहायता पाने के लिये आपको योजना की ऑफिशियल वेबसाइट  https://pmmsy.dof.gov.in/ पर जाकर आवेदन करना होगा. इसी आधिकारिक पोर्टल पर तालाब की खुदाई करवाने वाले आवेदक भी अप्लाई कर सकते हैं. आवेदन के लिये किसानों और मछली पालकों के पास ये जरूरी दस्तावेज जरूर होने चाहिए. इनमें हैं-

  1. आधार कार्ड
  2. निवास प्रमाण पत्र
  3. आवेदक का जाति प्रमाण पत्र
  4. बैंक खाते का विवरण
  5. मछली पालन कार्ड

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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।