सब्सिडी पर दिए ट्रैक्टर, पावर टिलर सहित 15 लाख से अधिक कृषि यंत्र

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भारत में किसानों को आधुनिक तकनीकों से लाभ उठाने के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए देश भर में कई योजनाएं चल रही हैं। 2014-15 से 2022-23 तक, राज्य सरकारों के माध्यम से 15.24 लाख कृषि मशीनरी और उपकरण सब्सिडी पर वितरित किए गए हैं, जिसमें ट्रैक्टर, पावर टिलर और स्वचालित मशीनरी भी शामिल है। इस सम्बंध में, केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शिखर सम्मेलन के शुभारंभ के दौरान फार्म मशीनरी टेक्नालॉजी के बारे में बताया।

इन योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र

कृषि मंत्री ने बताया कि इन योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र दिए जा रहे हैं, उन्होंने बताया कि कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन (एसएमएएम) द्वारा प्रशिक्षण, परीक्षण, सीएचसी, हाई-टेक हब, फार्म मशीनरी बैंकों (एफएमबी) की स्थापना जैसी विभिन्न गतिविधियों के लिए वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक राज्यों को 6120.85 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि देश में लगभग 85 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें टेक्नालॉजी-मशीनरी का लाभ मिलना चाहिए। इसीलिए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार अपने स्तर पर इस दिशा में लगातार काम कर रही है।

अधिकतम समय सीमा को कम किया गया

कृषि मंत्री ने बताया इसके लिए केंद्र सरकार ने “केंद्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान” (CFMTTI), बुदनी (मध्य प्रदेश) में नई व्यवस्था लागू की है। इससे परीक्षण के लिए अधिकतम समय सीमा को कम करके 75 कार्य दिवस कर दिया गया है।

इसके साथ ही, वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक केंद्र सरकार ने चार एफएमटीटीआई और चिन्हित नामित अधिकृत परीक्षण केंद्रों के माध्यम से 1.64 लाख प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया है।

ड्रोन पर सब्सिडी भी दी जा रही – Drone Subsidy

कृषि मंत्री ने बताया कि अब किसानों को ड्रोन का बढ़ावा दिया जा रहा है, और इसके साथ ही ड्रोन पालिसी लाने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में किसानों को, जैसे कि अजा-अजा वर्ग और महिला किसानों को, सब्सिडी भी दी जा रही है।

इसके साथ ही ड्रोन के साथ कीटनाशकों के अनुप्रयोग हेतु फसल विशिष्ट एसओपी भी जारी की गई है। सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरूआत भी की है जिससे किसानों को सहायता मिल रही है।

अब तक लगभग 14 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी है, जो कि किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं।


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