​इस तकनीक के साथ करेंगे करेले की खेती तो हो जाएंगे मालामाल

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​Vertical Farming: वर्टिकल फार्मिंग के माध्यम से कम जमीन में अधिक उत्पादन किया जा सकता है. इस खेती में पानी की आवश्यकता भी बेहद कम होती है.

​Vertical Farming of Bitter Gourd: तकनीक के साथ तरीके से किसी भी काम को किया जाए तो उसमें तरक्की जरूर होती है. अगर आप भी खेती कर अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है. खेती कर शानदार कमाई करने का अच्छा विकल्प वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) है. जिससे लोग लाखों रुपये कमा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप करेले की वर्टिकल फार्मिंग कर सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं.

बता दें कि वर्टिकल फार्मिंग एक उच्च उत्पादक खेती प्रणाली है. जिसमें करेलों को उचाई पर उगाया जाता है. इस खेती में पौधों को सीधे उगाया जाता है. इस तकनीक का उद्देश्य स्थान की बचत करना होता है और बीजों के लिए कम से कम जगह की जरूरत होती है. इस तकनीक के जरिए सिर्फ करेलों ही नहीं बल्कि अन्य सब्जी और फल भी उगा सकते हैं. वर्टिकल फार्मिंग में पौधों को स्थान की बचत करने के लिए विशेष संरचना में उगाया जाता है.

अच्छा मिलता है भाव

देश भर में कई किसानों ने इस खेती को अपनाया है. किसान बताते हैं कि इस खेती में बांस लगाकर तारबंदी के बाद धागे बांधकर उस पर बेल चढ़ाकर खेती की जाती है. एक किसान ने बताया कि तीन बीघे में करेले की वर्टिकल फार्मिंग की है. फसल पूरी तरह ऑर्गेनिक है, इसमें किसी तरह के रासायन का प्रयोग नहीं किया है. ऑर्गेनिक खेती करने से उन्हें काफी अच्छा लाभ मिल रहा है. मंडी में पहुंचते ही उनका सारा माल भी खरीद लिया जाता है. जो कि काफी अच्छे भाव में बिकता है.

ये हैं वर्टिकल फार्मिंग के फायदे

  • वर्टिकल फार्मिंग के जरिए कम जमीन में अधिक उत्पादन किया जा सकता है.
  • इसमें मौसम का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है.
  • वर्टिकल फार्मिंग में फसल खराब होने का खतरा नहीं होता है.
  • वर्टिकल फार्मिंग में जल की बहुत कम जरूरत होती है.
  • वर्टिकल फार्मिंग से किसानों की आय कई गुना तक बढ़ जाएगी.

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