Flower Farming: किसान पारंपरिक खेती छोड़ अब आधुनिक खेती में अधिक रूचि दिखा रहे हैं और इनसे किसानों को काफी मुनाफा भी मिल रहा है। किसान पारंपरिक खेती छोड़ अब फूलों की खेती में भी रुचि दिखाने लगे हैं। आज हम आपको ऐसे फूलों की खेती के बारे में बताने वाले हैं जिनसे आप कुछ ही महीनों में लाखों का मुनाफा हासिल कर सकते हैं। फूलों की खेती में एक जिप्सोफिला की खेती की जाती है। इसे 1 एकड़ में लगाने में करीब 42 लाख रुपए का खर्चा आता है। 1 एकड़ में इसके करीब 25 हजार पौधे लगाते हैं।इससे बनने वाले एक बुके में तीन-चार पौधे लगते हैं। बाजार में एक बुके की बिक्री 200 रुपये से लेकर 400 रुपये तक में हो जाती है।
Flower Farming: हापुड़ जिले का तिगरी गांव फूलों की खेती के लिए मशहूर है। यहां के दो भाई फूलों की खेती करते हैं। बड़े भाई गांव पर रहकर फूलों के उत्पादन का काम संभालते हैं। छोटे भाई दिल्ली में फूलों की मार्केटिंग का काम संभालते हैं। इस तरह से दोनों भाई मिलकर फूलों की खेती से लेकर उसके बिजनेस का काम संभाले हुए हैं। छोटे भाई ने दिल्ली में फूलों के बिजनेस के लिए एक कंपनी भी बनाई है जहां दूसरे राज्यों से भी फूल मंगाए जाते हैं। यहां तक कि विदेशों से भी फूल आयात कर बेचा जाता है। इससे इन दोनों भाइयों की कमाई लाखों रुपये में होती है।
हापुड़ के इन दोनों भाइयों की थाइलैंड में भी एक कंपनी है जो फूलों का कारोबार करती है. वहां फल और सब्जियों की भी खेती हो रही है. इस तरह दोनों भाई खेती से ही लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. तिगरी गांव के दोनों भाई मुख्य तौर पर 6-7 तरह के फूलों की खेती करते हैं. इसमें कुछ खुले खेतों में तो कुछ पॉलीहाउस की खेती है. बड़े पैमाने पर जिप्सोफिला की खेती होती है जिसका इस्तेमाल सजावटी फूलों के रूप में होता है.
जिप्सोफिला फूल की खेती
जिप्सोफिला फूल कितना महंगा है और इससे कितनी कमाई होती है, इसके बारे में किसान तेग सिंह बताते हैं।तेग सिंह ने ‘संसद टीवी’ से कहा, एक एकड़ में जिप्सोफिला को लगाने में 42 लाख का खर्चा आता है। इसके एक पौधे की कीमत 30-35 रुपये होती है। एक एकड़ में लगभग 25 हजार पौधे लग जाते हैं। इससे बनने वाले एक बुके में तीन-चार पौधे लगते हैं। बाजार में एक बुके की बिक्री 200 रुपये से लेकर 400 रुपये तक में हो जाती है। शादियों के समय इसकी कीमत और भी बढ़ जाती है।
किसान तेग सिंह बताते हैं, जिप्सोफिला की खेती पर जो भी खर्च आता है, उसे दो साल में फूलों की बिक्री से पूरा कर लिया जाता है। इसका अर्थ हुआ कि दो साल में आराम से 40 लाख रुपये का मुनाफा आ जाता है। इस फूल की खेती ठंड में होती है और अक्टूबर से लेकर मार्च तक यह फूल निकलता है। अक्टूबर में इस फूल को बोया जाता है जो फरवरी-मार्च तक चलता है। इसी महीने में शादियों का सीजन होता है, इसलिए कमाई भरपूर हो जाती है।
तुलना के आधार पर देखें तो पॉलीहाउस में सब्जियों की खेती से दोगुनी कमाई फूलों की खेती से होती है। सब्जियों के दाम की एक लिमिट है, जबकि फूलों के दाम की कोई लिमिट नहीं होती। जिप्सोफिला का ही उदाहरण लें। अगर मार्केट में इस फूल की कमी हो गई तो 200 रुपये में बिकने वाला बुके 1000 रुपये में बिकने लगता है. हापुड़ के किसान तेग सिंह कहते हैं कि जिप्सोफिला की खेती की जाए तो एक साल में एक एकड़ में आराम से 20 से 21 लाख रुपये का मुनाफा ले सकते हैं.
फूलों की खेती से कमाई
जिप्सोफिला की खेती साल में बस चार महीने होती है। उसके बाद उसी पॉलीहाउस में फूल की दूसरी वेरायटी टॉप सीक्रेट की खेती की जाती है।इस फूल को हिंदी में ताजमहल भी कहा जाता है। ये हॉलैंड की वेरायटी है जिसे हापुड़ के दोनों किसान भाई बड़े पैमाने पर उगाते हैं। इसे बुके में 20 फूल होते हैं और एक बुके की कीमत 100 से 500 रुपये तक होती है। सितंबर-अक्टूबर में इसकी खेती की जाती है। एक एकड़ में इसके 25 हजार पौधे लगते हैं।
ताजमहल गुलाब का एक पौधा लगभग 25 फूल देता है। मान कर चलें कि एक पौधा एक बुके दे देता है। वैसे तो इस फूल की पैदावार सालों भर होती है, लेकिन सबसे अधिक पैदावार अक्टूबर से मार्च तक होती है। तेग सिंग के मुताबिक, एक एकड़ में ताजमहल फूलों की बिक्री से 30 लाख रुपये तक की कमाई हो जाती है। इसकी बंपर पैदावार चाहिए तो समय पर सिंचाई, निराई-गुड़ाई करने करी जरूरत होती है।

