Kisan News: इस पेड़ की छाल, पत्तियां और फूल सभी के मिलते हैं पैसे,दवाई में होता है उपयोग, देखें इसका नाम 

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गूलर के पेड़ को उमर का पेड़, डूमर का पेड़ और देसी अंजीर के नाम से भी जाना जाता है।गूलर  फिकस कुल  का एक विशाल वृक्ष है।  गूलर का पेड़ विशाल और घना होता है। इसकी ऊंचाई लगभग 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। इसके फल अंजीर के समान दिखाई देते हैं। कच्चे होने पर हल्के हरे रंग के और पकने पर लाल हो जाते हैं। पके हुए फल चमकदार होते है। इसमें सफेद-सफेद दूध निकलता है। 

गूलर के इन भाग का उपयोग किया जा सकता है

•पत्ते 

•छाल

•फल 

•गूलर का फूल 

•तना

•जड़

•जड़ की छाल

•दूध

इस पेड़ की खेती से किसान बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं जानें इसकी खेती का तरीका 

• इस पेड़ को अच्छी तरह से विकसित होने में तकरीबन 5 से 8 साल लगते हैं। गूलर के पेड़ की खेती कलम विधि से भी कर सकते हैं गूलर के पेड़ को सीधी धूप की जरूरत है।

• इस पेड़ की खेती के लिए ऐसी जगह सुनिश्चित करें जहां कम से कम 4-6 घंटे की सीधी धूप मिलती हो।

• गूलर का पेड़ फल से तैयार हो सकता है।साथ ही गूलर के पेड़ को कलम से भी तैयार किया जा सकता है।

कलम विधि

कलम विधि से पेड़ लगाने के लिए कलम को गूलर के पेड़ से काटे, फिर कलम की सारी पत्तियां तोड़ दें।कलम के निचले हिस्से की शार्प कटिंग करें। कलम को पौधे में तैयार करने के लिए इसे गमले में लगाए ।इसके लिए गोबर खाद और मिट्टी को अच्छी तरह मिला लें फिर उसे गमले में भर दें।फिर कलम को गमले में लगा दें। गमले को ऐसी जगह रखें, जहां 4-6 घंटे की सीधी धूप मिले।कलम जब पौधा बन जाए तो इसे बगीचे में लगा दें।

सिंचाई विधि 

गूलर के पेड़ को पानी छोटे होने पर पौधे को 3-5 दिनों में एक बार पानी दें। इस पेड़ को अच्छी तरह से विकसित होने में तकरीबन 5 से 8 साल लगते हैं।

गुलर के पेड़ से होते हैं कई रोग दूर 

आयुर्वेद के अनुसार, रक्तस्राव रोकने, मूत्र रोग, डायबिटीज तथा शरीर की जलन में गूलर  की छाल एवं कच्चे फल उपयोगी होते हैं। गूलर की छाल एवं पत्ते से सूजन की समस्या और दर्द दूर होता है। यह पुराने से पुराने घाव को भी ठीक करता है।  गूलर के पेड़ से निकला दूध बवासीर, मुंह के अल्सर व घाव सुखाने में लाभदायक होता है। गूलर का फल ल्युकोरिया, रक्त विकार, त्वचा विकार, पित्त विकार, और शारीरिक कमजोरी दूर करने में उपयोगी होता है। चेचक के उपचार में भी काम आता है। पेड़ का तना, पत्ती, फल व दूध सभी का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है।

इसके अलावा गूलर की लकड़ी का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने में होता है।  इस पेड़ की इतनी मांग होने से इसकी खेती से पूरी तरह से कई लाभ मिलते हैं इस पेड़ की खेती से कम वक्त में बंपर मुनाफा कमाया जा सकता है।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।