गेहूं किसानों के लिए खबर: गेहूं की कीमतों में आया तूफानी उछाल,3000 बिक रही यह क्वालिटी, देखें खबर

Rate this post

गेहूँ का दाम पंहुचा 3000 रु क्विंटल के पार, अब किसानो की बल्ले-बल्ले, मध्यप्रदेश की उज्जैन मंडी में इस वर्ष भी गेहूं की बंपर आवक हो रही है। इसके बावजूद उपभोक्ताओं को सालाना संग्रह के लिए गेहूं के दाम काफी ऊंचे देना पड़ रहे हैं। गत वर्ष से करीब 500 रुपये क्विंटल अधिक भाव बताए जा रहे हैं। इधर मंडी समिति की आय ने नया रिकार्ड बना लिया है।

वित्तीय वर्ष 31 मार्च तक आय का आंकड़ा 32 करोड़ को पार कर गया है। जिसमें करीब 31 करोड़ मंडी शुल्क जमा हुआ है। इस तरह यह संभाग की सर्वाधिक आय अर्जित करने वाली मंडी हो गई है। उज्जैन जिले में गेहूं की बोवनी का रकबा बढ़ने के साथ ही उत्पादन भी बंपर हुआ है। फरवरी के दूसरे सप्ताह से ही मंडी में नए गेहूं की आवक शुरू हो गई थी। जो की दिन प्रति दिन बढ़ती गई और अभी भी बढ़ती ही जा रही है।

चमकदार गेहूँ के दाम पहुंचे 3000 के पार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गत दिनों से नीलामी में 40 हजार बोरी की आवक दर्ज की जा रही है लेकिन बेमौसम बारिश से क्वालिटी काफी प्रभावित हुई है। चमकदार गेहूं की पैदावार कम हो गई। लस्तर गेहूं ज्यादा आने लगा है। जिसके परिणाम स्वरुप चमक वाले गेहूं के भाव 3100 रुपये क्विंटल तक पहुंच गए। वही चमक विहीन गेहूं 2000 से 2100 रुपये क्विंटल बिक रहा है। ऐसे में उपभोक्ताओं को अच्छे गेहूं सालाना रखने के लिए 3000 रुपये क्विंटल से अधिक भाव देना पड़ रहे हैं। जिससे स्थानीय ग्राहकी में कमी आ गई है। उपभोक्ता गेहूं सस्ता होने का इंतजार कर रहा है।

मंडी सचिव उमेश बसेडिया शर्मा ने बताया कि मंडी आय में गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष करीब 8 करोड़ का इजाफा हुआ है। मंडी शुल्क से करीब 31 करोड़ 25 लाख, लाइसेंस शुल्क व अन्य स्त्रोत से करीब 88 लाख रुपये आय के रूप में प्राप्त हुए हैं। संभाग के उड़न दस्ता प्रभारी दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि आय में इजाफा होने का कारण स्थानीय प्रशासन की कसावट के साथ ही बाहरी क्षेत्र में दस्ते की चौकसी से बेनामी व्यापार पर लगाम लगी है।

खाद्य अधिकारी U K पांडे के अनुसार अभी तक 66 हजार टन गेहू उपार्जित

खाद्य अधिकारी यूके पांडे ने बताया की 25 मार्च से जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी शुरू हो गई है। शनिवार तक 66 हजार टन गेहूं 2125 रुपये क्विंटल में उपार्जित किया गया। 7205 किसानों ने सरकारी कांटे पर गेहूं बिक्री किया। 142 खरीदी केंद्रों पर उपार्जन शुरू हो गया है। बता दें इस वर्ष जिले में 166 खरीदी केंद्र स्थापित किए हैं। 84500 किसानों ने गेहूं बिक्री हेतु पंजीयन करवाया है।

  social whatsapp circle 512
WhatsApp Group
Join Now
2503px Google News icon.svg
Google News 
Join Now
Spread the love
  मंडी भाव कृषि समाचार एवं नवीनतम योजनाओं के लिए हमारे साथ व्हाट्सएप पर जुड़े Join Now