Kisan News: गेहूं का सुरक्षित भंडारण कैसे करें, देखिए भंडारण करने में आने वाली समस्या, उनके उपाय और प्रबंधन

How to Store Wheat Safely : गेहूं की अच्छी उपज के साथ गेहूं का सुरक्षित भंडारण एक महत्वपूर्ण विषय है| फसल की कटाई के बाद गेहूं का सुरक्षित भंडारण एक चुनौती है| हालांकि अनाज का भंडारण, भारत का किसान, सालों से करता चला आ रहा है| किन्तु फिर भी लाखों टन अनाज हर वर्ष खराब हो जाता है| गेहूं भंडारण की प्रक्रिया कटाई के साथ ही शुरू हो जाती है|

क्योंकि कटाई के लिए उपयोग में लाए गए यंत्र, वातावरण की परिस्थितियां (आर्द्रता एवं तापमान), प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से गेहूं के सुरक्षित भंडारण में अहम् भूमिका निभाते हैं| भंडारण की सुरक्षा एवं गुणवत्ता को हानि पहुँचाने वाले कारकों में सबसे प्रमुख है, खपरा बीटल, सुंडी और चूहों का प्रकोप| ये कीड़े बीज व मृदा के अतिरिक्त, गहाई या ढलाई में प्रयुक्त यंत्रों द्वारा भी भंडारण तक पहुँच सकते हैं।आमतौर पर किसान इस पहलू को नजर अंदाज कर देते हैं, जिसका नुकसान उन्हें भुगतना पड़ता है| किसान भंडारण में किसी तरह की लापरवाही न करें।

गेहूं भंडारण में सामने आने वाली समस्याएं

नमी- अन्दर की नमी तथा वातावरण की नमी दोनो की अधिकता गेहूं को खराब कर सकती है| ज्यादा नमी होने से गेहू में कीड़ो का प्रकोप अधिक होता है, क्योंकि नमी में कीट और फफूंद की वृद्धि आसान होती है| नमी से गेहू गल या सड़ जाता हैं, या अंकुरित हो जाता है|

कीट- गेहूं फसल पर पलने वाले कीट खेत में ही अनाज के दानों पर अंडे देना शुरू कर देते है| कुछ समय बाद इन अण्डों से लट या इल्ली निकलकर गेहूं को खाने लगती है| कीड़े गेहूं को धीरे-धीरे अन्दर बाहर से खाकर खोखला कर देते है| ऐसा अनाज बोने तथा खाने लायक नहीं रहता है|

चूहे- ये खड़ी फसल व भंडारित गेहूं को जितना खाते है, उससे दस गुना बर्बाद करते है| चूहों के मल, मूत्र और बाल गेहूं में मिल जाने से अनाज खराब हो जाता है|

पात्र व बोरे- यदि गेहूं भंडारण में प्रयोग होने वाले पात्रों में दरारे हैं, तो उनमें कीड़े अन्डे दे देते है, जिससे नये कीड़ो का प्रकोप हो जाता है| यदि पुराने बोरों को प्रयोग किया जाता हैं, उसमें भी कीड़े या उनके अंडे हो सकते है।

गेहूं का सुरक्षित भंडारण हेतु ध्यान रखने वाली मुख्य बातें

  1. भंडारण के लिए गेहूं में नमी की मात्रा 8 से 10 प्रतिशत होनी चाहिए, क्योंकि अधिक आर्द्रता वाले बीजों में श्वसन प्रक्रिया बढ़ने के कारण कीटों के साथ साथ फफूंद का आक्रमण भी बढ़ जाता है।
  2. गेहूं को सामान्य तापमान पर अच्छी तरह सुखा कर ही भंडारित करें, क्योंकि, अधिक तापमान बीजों की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव डालता है।
  3. भंडारित गेहूं को सुंडी, खपरा बीटल, घुन इत्यादि से सुरक्षित रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि ये गेहूं को अधिक हानि पहुंचाते हैं।
  4. फसल कटाई के लिए संक्रमण मुक्त यंत्रों एवं साधनों का प्रयोग करें।
  5. कभी भी पुरानी बोरियों या कुठला इत्यादि को बिना उपचारित किए भंडारण के लिए उपयोग न करें| यदि सम्भव हो तो नई बोरियों का इस्तेमाल करें| यदि भंडारण में पुराने बोरों का प्रयोग करना है तो इन्हें एक प्रतिशत मैलाथियान के घोल में 10 मिनट तक डुबो दें और सुखाकर प्रयोग करें।
  6. गेहूं भंडारण वाले कमरे को डी.डी.वी.पी. (40 मी.ली.), मेलाथिऑन (40 मी.ली.) या डेल्टामेथ्रिन (40 ग्राम) से उपचारित करने के पश्चात ही उपयोग करे।
  7. नमी के प्रभाव को खत्म करने के लिए अन्न की बोरियों को लकड़ी के फट्टों या पोलोथिन की चादर पर ही रखें।
  8. भंडारण करने से पहले गेहूं की जाँच कर लें ताकि कीड़ों की उपस्थिति का पता लगाया जा सके, यानि पहले ही गेहूं में कीड़ा लगा हो तो एल्यूमिनियम फॉस्फाइड (3 गोली प्रति 10 कुंतल बीज) से प्रधुमित करें।
  9. प्रधुमन के समय उच्च गुणवत्ता वाला वायु रोधी कवर, बहुसतही कवर, मल्टी क्रॉस लैमिनेटेड कवर ही इस्तेमाल करें।
  10. पुराने गेहूं को नए भंडारित गेहूं के साथ कदापि न रखे।
  11. यदि कुठले या बिन में भंडारण करना हो तो नीम की सूखी पत्तियों द्वारा प्रधुमित करना भी एक असरदार युक्ति है| किंतु भंडारण के पश्चात् पात्र का मुंह बंद करके उसे वायु अवरोधी बनाना अत्यंत आवश्यक है।
  12. भंडारण के लिए प्रयोग किए जाने वाले गोदाम, पात्र या वायु रोधी कवर में किसी भी प्रकार की दरार या छेद को भंडारण से पूर्व ही बंद कर लें ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
  13. चूहों के नियंत्रण के लिए एल्युमिनियम फॉस्फाइड, चूहे दानी या एंटी कगुलेंट्स का प्रयोग करें।
  14. भंडारण के बाद दरवाजे तथा खिड़कियों के जोड़ों को भली प्रकार गीली मिंट्टी से बंद कर दें, लेकिन एक वेंटीलेटर जरूर बनायें।
  15. गोदामों के आसपास गंदगी न रहने दें, एक गोदाम में एक ही प्रकार का अनाज भंडारित करें।

घरेलू उपयोग हेतु

घरेलू प्रयोग हेतु लोहे की टंकी आदि में गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए यह तरीका भी अपनाया जा सकता है। टंकी में एक क्विंटल गेहूं भंडारित करते समय एक माचिस (तीलियों से भरी) तली में, दूसरी मध्य में तथा तीसरी माचिस सबसे ऊपर रखनी चाहिए। एक किलो नीम की पत्तियों को छाया में सुखाकर भंडार करने से पहली टंकी की तली में बिछाना चाहिए। इससे गेहूं खराब नहीं होगा। यह तरीका कम मात्रा में गेहूं को भंडारित करने का है।

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