निशुल्क बोरिंग योजना 2023: इन किसानों के खेतों में फ्री बोरिंग लगाएंगी सरकार, देखिए कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ

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इसके अंतर्गत बिहार के 17 जिलों में जल को लेकर हो रही समस्या को दूर कर वहां के तालाबों, पोखरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा।खेत में बोरिंग, तालाब और सिंचाई सुविधाओं के लिए आवेदन हो गए हैं शुरू, साथ ही बोरवेल पर मिलेगा 15 से 65 हजार रूपये का अनुदान। जल संकट के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकारें, भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत में जल संकट की वजह से कृषि की असुरक्षा की चिंता बढ़ती जा रही है, और इस परिस्थिति में सरकार भूमि संरक्षण की योजनाएं बना रही है। इन योजनाओं के तहत, भूमि में तालाब और पोखर बनाए जाएंगे ताकि वर्षा के पानी को संचित किया जा सके और इसे सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जा सके। इस योजना से किसानों को जल संचयन और सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी और इसके परिणामस्वरूप उनकी फसलों का उत्पादन भी बेहतर होगा।

बिहार में किसानों के लिए भूमि संरक्षण योजना राज्य सरकार द्वारा लागू की गई है। इसके अंतर्गत बिहार के 17 जिलों में जल को लेकर हो रही समस्या को दूर कर वहां के तालाबों, पोखरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। किसानों के खेतों तक सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो सके। इसके अलावा किसानों को ड्रिप सिंचाई उपकरण, स्प्रिंकलर सिंचाई उपकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही किसानों को बोरवेल के लिए भी अनुदान दिया जाएगा। बोरवेल पर किसानों को 15 हजार से 65 हजार रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा।

वैसे किसान जो बिहार राज्य के स्थाई निवासी हैं और भारत के नागरिक हैं। उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। लेकिन इन दोनों शर्तों के अलावा किसान का क्षेत्रीय होना भी अनिवार्य है। क्योंकि 50 फीट से नीचे जल स्तर वाले क्षेत्रों में ही अभी बड़े स्तर पर इस योजना का संचालन किया जा रहा है। इसलिए जिन क्षेत्रों में योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, उन क्षेत्रों में किसानों को लगातार लाभ मिलेगा।

किन जिलों में होगा काम

बांका, मुंगेर, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, जहानाबाद, अरवल, बक्सर, भोजपुर, और भागलपुर जिलों में इस योजना के तहत बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में भूमिगत जल की कमी को देखते हुए सरकार इस पर अपना ध्यान आकर्षित कर रही है।

भूमि संरक्षण योजना में लाभ

भूमि संरक्षण योजना के तहत बिहार राज्य के किसानों को बहुत सारे लाभ मिलेंगे। खासकर दक्षिण बिहार के किसानों को इस योजना से ज्यादा फायदा होगा। यहां कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:

अतिरिक्त सिंचाई क्षमता की वृद्धि: तालाब और पोखरों के निर्माण के द्वारा, किसानों को सिंचाई के लिए अतिरिक्त सिंचाई क्षमता प्राप्त होगी। इससे वे अपनी फसलों को पर्याप्त पानी से सिंचा सकेंगे और उनकी फसलों का उत्पादन बढ़ा सकेंगे।

भूमिगत जल का संरक्षण: योजना के अंतर्गत, भूमिगत जल की कमी के कारण बंजर हो चुकी जमीनों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इससे जमीन की नमी बनी रहेगी और मिट्टी उपजाऊ बनेगी।

जल संचयन: तालाबों और पोखरों में वर्षा के जल को संचित किया जा सकेगा, जो खेतों की सिंचाई के लिए उपयोगी होगा। यह जल किसानों को खेती के लिए उपलब्ध कराने में मदद करेगा।

फसल सुरक्षा: सिंचाई की पर्याप्तता से किसानों की फसलों की सुरक्षा मजबूत होगी। जल संरक्षण योजना के माध्यम से, किसान खेती में जल संचयन करके अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकेंगे।

वृद्धि क्षेत्रों की पहचान: योजना के तहत जल संचयन के क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, जहां जलस्तर में लगातार गिरावट हो रही है। ऐसी पंचायतों को चिन्हित करके सरकार इन क्षेत्रों में जल संरक्षण एवं पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

योजना में आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़

आधार कार्ड
निवास प्रमाण पत्र
जाति प्रमाण पत्र
बैंक पासबुक
इमेल आईडी (यदि हो)
मोबाइल नंबर
डीबीटी पंजीकरण संख्या

कैसे लाभ उठाएं योजना का लाभ

भूमि संरक्षण योजना का लाभ उठाने के लिए, आप योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.bwds.bihar.gov.in पर जा सकते हैं। वहां आपको योजना के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी और आप आवेदन भी कर सकेंगे। आप निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करके आवेदन कर सकते हैं:

आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और “आवेदन करें” बटन पर क्लिक करें।

सीधे आवेदन वाले पेज पर जाएं इस लिंक bwds.bihar.gov.in/Home/Applications पर क्लिक करके।

डीबीटी पंजीयन संख्या भरें और आवेदन के लिए मांगी गई व्यक्तिगत जानकारी पूरी करें।

आवेदन प्रक्रिया को पूरा करें और अपना आवेदन जमा करें।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।