Kisan News: किसान अपनी फसल में कब और कैसे करें पोटाश का उपयोग, खर्चा कम और मुनाफा अधिक होगा

धान में पोटाश का उपयोग कब करना चाहिए : देश के अधिकांश राज्यों के किसान धान की खेती करते है लेकिन बहुत से किसानों को फसल में खाद कब और कितना डालना चाहिए पता नहीं होते है। जिससे कभी कम कभी ज्यादा खाद डाल देते है। मगर फसल में अधिक खाद डालने से जमीन की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती और फसल की पैदावार कम होने लगते है। इसलिए धान के फसल में सही मात्रा में खाद डालना चाहिए। अगर आप भी जानना चाहते है धान में कब और कितना पोटाश डालना चाहिए तो इस आर्टिकल का पूरा अवलोकन करे।

बहुत से किसान धान के फसल में पोटाश नहीं डालते है क्योकि उसे पोटाश डालने से क्या लाभ मिलते है पता नहीं होते है। लेकिन धान में पोटाश डालना अति आवश्यक होता है क्योकि पोटाश धान की जड़े को मजबूत करते है। और पोटेशियम प्रदान करते है जिससे धान में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ते है। एवं धान का पैदावार भी बढ़ते है इसलिए अब अधिकांश किसान धान में पोटाश डालते है। तो आइये ज्यादा समय नहीं लेते है और धान में पोटाश कब और कितना डालना चाहिए इसके बारे में विस्तार से बताते है।

धान में पोटाश का उपयोग कब करना चाहिए ?
धान रोपाई के समय

धान रोपाई के 1 सप्ताह बाद 1 बोरी डीएपी खाद प्रति एकड़ के अनुसार से डालना चाहिए और खाद डालते समय खेत में ज्यादा पानी नहीं होना चाहिए। इसलिए डीएपी डालने से पहले खेत की पानी को निकाल देना चाहिए कम पानी में डीएपी डालने से धान के जड़े को मजबूत करते है और पौधा को ऑक्सीजन मिलते है। जिससे धान में बीमारी अपना असर नहीं डाल पाते है।

धान के कल्ले निकलने के समय

जब धान में कल्ले निकलने से पहले 40 से 45 किलोग्राम यूरिया में आवश्यकता अनुसार जिंक सल्फेट मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। इससे धान के कल्ले जल्दी निकलते है एवं ज्यादा मात्रा में कल्ले निकलते है लेकिन धान के कल्ले के समय किसी भी प्रकार के खाद नहीं डालना चाहिए। इससे धान के कल्ले में असर पड़ते है और खाद डालते समय खेत में कम पानी होना चाहिए।
पोटाश डालने का समय

जब धान में एक दो बालिया निकलना शुरू हो जाते है तब 35 किलोग्राम यूरिया और 30 किलोग्राम पोटाश को मिलाकर प्रति एकड़ के अनुसार डालना चाहिए। इससे धान के जड़े मजबूत होते है जिससे धान की बालिया जल्दी निकलते है एवं बालिया बड़े बड़े निकलते है। और धान के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ते है जिससे माहु अपना असर ज्यादा नहीं डाल पाते है इसलिए धान के फसल में पोटाश डालना आवश्यक होता है।

सारांश

धान के फसल में पोटाश का डालना चाहिए जानने के लिए सबसे पहले धान रोपाई के 1 सप्ताह बाद 1 बोरी डीएपी खाद प्रति एकड़ के अनुसार डालना चाहिए। फिर धान के कल्ले निकलने के समय 45 किलोग्राम यूरिया में आवश्यकता अनुसार जिंक सल्फेट मिलाकर डालना चाहिए इससे धान के कल्ले जल्दी एवं ज्यादा निकलते है इसके बाद धान के बालिया निकलने के समय 30 किलोग्राम पोटाश एवं 35 किलोग्राम यूरिया मिलाकर डालना चाहिए इससे धान के बालिया जल्दी निकलते है।

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