सोयाबीन का विश्व स्तर पर उत्पादन घटा, USDA ने रिपोर्ट जारी करते हुए बढ़ाया औसत भाव, पढ़ें रिपोर्ट

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Soyabin Rates Report: खरीफ सीजन के जाने के पश्चात रबी फसलों का सीजन आ चुका है। रबी फसलें कट कर तैयार होने लगी है। इस बीच खरीफ सीजन की प्रमुख फसल सोयाबीन का भाव अभी भी स्थिर नहीं हो पाया है।पिछले दो माह से सोयाबीन के भाव उतार-चढ़ाव के बने हुए हैं। वैश्विक स्तर पर भले ही सोयाबीन के की पैदावार में कमी आने की खबरें आ रही है, फिर भी भारत में सोयाबीन के भाव में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है।

सोयाबीन के पैदावार की यह रिपोर्ट जारी हुई

• अमरीकी कृषि विभाग (यूएसडीए) की ताजा रिपोर्ट में वैश्विक तिलहन उत्पादन वर्ष 2022-23 में तकरीबन 60 लाख टन की कटौती की गई है।
• अर्जेंटीना और यूक्रेन में सोयाबीन और रुस में सनफ्लावर की उपज घटने से कटौती की गई है।
• यूएसडीए ने वर्ष 2022-23 में समूची दुनिया में सोयाबीन का उत्पादन 38.30 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह अनुमान बीते महीने 38.80 करोड़ टन था।
• वर्ष 2021-22 में 35.79 करोड़ टन और वर्ष 2020-21 में यह 36.85 करोड़ टन था।
• वर्ष 2022-23 में अमरीका में सोयाबीन उत्पादन अनुमान 11.63 करोड़ टन आंका है जो वर्ष 2021-22 में 12.15 करोड़ टन और वर्ष 2020-21 में 11.47 करोड़ टन था।
• ब्राजील में वर्ष 2022-23 में सोयाबीन उत्पादन 15.30 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2021-22 में 12.95 करोड़ टन और वर्ष 2020-21 में 13.95 करोड़ टन था।
• अर्जेंटीना में सोयाबीन का उत्पादन वर्ष 2022-23 में सोयाबीन (Soybean Price Future 2023) उत्पारदन 4.10 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2021-22 में 4.39 करोड़ टन और वर्ष 2020-21 में यह 4.62 करोड़ टन था।
• चीन में सोयाबीन का उत्पाददन वर्ष 2022-23 में 2.03 करोड़ टन रहने की संभावना है जो वर्ष 2021-22 में 1.63 करोड़ टन और वर्ष 2020-21 में 1.96 करोड़ टन रहा।

भारत में सोयाबीन पैदावार का यह अनुमान

अमरीकी कृषि विभाग के मुताबिक भारत में वर्ष 2022-23 में सोयाबीन (Soybean Price Future 2023) का उत्पादन 120 लाख टन रहने का अनुमान जताया है। यह उत्पाषदन वर्ष 2021-22 में 119 लाख टन और वर्ष 2020-21 में भी 104.50 लाख टन रहा।
भारत में वर्ष 2022-23 में 97 लाख टन सोयाबीन क्रश होने का अनुमान है। यह अनुमान पिछले महीने 99 लाख टन था। वर्ष 2021-22 में 85 लाख टन और वर्ष 2020-21 में भी 100 लाख टन सोयबीन का क्रशिंग हुआ।समूची दुनिया में वर्ष 2022-23 में सोयाबीन का अंतिम स्टॉक 10.20 करोड़ टन रहने का अनुमान है। बीते महीने यह अनुमान 10.35 करोड़ टन था। सोयाबीन का अंतिम स्टॉकक वर्ष 2021-22 में 9.88 करोड़ टन और वर्ष 2020-21 में 9.97 करोड़ टन रहा।

वैश्विक स्तर पर सोयाबीन के आयात निर्यात की रिपोर्ट

• यूएसडीए का कहना है कि वर्ष 2022-23 में चीन का सोयाबीन (Soybean Price Future 2023) आयात 9.60 करोड़ टन रहने की संभावना है। यह आयात वर्ष 2021-22 में 9.15 करोड़ टन रहा।
• यूएसडीए ने अपनी रिपोर्ट में वर्ष 2022- 23 में ब्राजील का सोयाबीन निर्यात वर्ष 2021-22 के 7.91 करोड़ टन की तुलना में 9.20 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया है।
• अमरीका का सोयाबीन निर्यात अनुमान वर्ष 2022-23 में 5.41 करोड़ टन रहने के आसार है जबकि वर्ष 2021-22 में यह 5.87 करोड़ टन रहा।
• अर्जेंटीना का 2022-23 में सोयाबीन निर्यात 42 लाख टन रहने की संभावना है। यह वर्ष 2021- 22 में 28.61 लाख टन रहा। पेरुग्वे का 2022-23 में सोयाबीन निर्यात 63 लाख टन रहने की संभावना है। यह वर्ष 2021- 22 में 22.73 लाख टन रहा।

तेजी के बाद भाव स्थिर, सोयाबीन भाव की रिपोर्ट पढ़िए

• यूएसडीए ने सोयाबीन का औसत दाम (Soybean Price Future 2023) वर्ष 2022-23 के लिए 10 सेंटस बढ़ाकर 14.30 डॉलर प्रति बुशेल किया है।
• अंतरराष्ट्रीय सोयाबीन उत्पादन में विगत दिनों कमी की खबरों के बाद अमरीकी सोयाबीन बाजार में अच्छी तेजी देखी गई इसके बावजूद घरेलू सोयाबीन बाजार स्थिर दिखाई दे रहा है।
• एग्रोसिया ओवरसीज के निदेशक अजय जैन का कहना है कि अर्जेंटीना की राष्ट्रीय एजेंसी ब्यूनस ग्रेन एक्सचेंज ने कहा की फसल की स्थिति मौजूदा हालात देखते हुए और भी खराब हो सकती है।
• ज्ञात रहे कि पूर्व में अर्जेंटीना का उत्पादन 480 लाख टन माना जा रहा था जो सूखे से अब घटकर लगभग 390 लाख टन के आसपास बताया जा रहा है। वहीं ब्राजील के उत्पादन अनुमान में भी पिछले दिनों 20 से 30 लाख टन की कमी की आशंका जताई जा रही है।

बावजूद इसके इन बातों का प्रभाव भारतीय बाजारों पर नजर नहीं आ रहा है जिसका प्रमुख कारण भारत में इस वर्ष बम्पर सोयाबीन (Soybean Price Future 2023) उत्पादन (करीब 125 लाख टन) एवं बड़ा कैरी फॉरवार्ड स्टॉक (करीब 20 लाख टन) होने से आवक का दबाव मांग से ज्यादा बना हुआ है। यही वजह है कि भारत में पिछले करीब दो महीने से सोयाबीन के दाम सीमित दायरे में कारोबार कर रहे हैं।हालांकि, गत वर्ष के मुकाबले सोया डीओसी का निर्यात इस वर्ष अभी तक काफी उत्साहजनक है एवं आगे भी निर्यात अच्छा ही रहने की संभावना है घरेलू मांग खपत में भी इस वर्ष 5 से 8 फीसदी की वृद्धि संभावित है।

सोयाबीन भाव के लेकर विशेषज्ञों का क्या कहना, जानिए

एग्रोसिया ओवरसीज के निदेशक अजय जैन सोयाबीन भाव (Soybean Price Future 2023) को लेकर कहते हैं कि भारत में इस वर्ष रिकॉर्ड सोयाबीन की फसल होने के साथ सरसों की भी ऐतिहासिक फसल आने की संभावना है जिसकी वजह से तेलों पर दबाव बना हुआ है।गत वर्षो की तुलना में पिछले महीनों में तेलों के रिकॉर्ड आयात ने तेल बाजार को ऊपरी स्तरों से करीब 20 से 25 रुपए प्रति लीटर तक कम किया है जिसका खासा असर सोयाबीन की कीमतों पर भी नजर आ रहा है।

सोयाबीन के भाव बढ़ने के आसार नहीं के बराबर

सोयाबीन उत्पादक (Soybean Price Future 2023) और कारोबारी इस साल ही इसके व्यापार की स्थिति पर चिंताग्रस्त हैं। भाव ज्यादा घटने से किसानों ने इसे बेचने में कमी लाना शुरू कर दी है।सोयाबीन स्टॉक वालों के पास इस समय बेचने या ना बेचने का फैसला लेना मुश्किल हो रहा है।मार्च के बाद स्टॉक वाले सोयाबीन की बड़ी बिक्री कर सकते हैं। किसान वर्ग गेहं में लगने से सोयाबीन रोकने अथवा बेचने के लिए कोई फैसला नहीं ले पाए हैं। देखना है गेहूं के पीक सीजन के बाद सोयाबीन से मंडी भरी रहेगी अथवा जीरो रहेगी।

सोयाबीन के भाव का भविष्य 2023 में क्या रहेगा जानिए

ज्ञात हो कि सोयाबीन (Soybean Price Future 2023) को सरकार ने वादा कारोबार से बाहर रखा हुआ है ऐसे में सोयाबीन के भाव सोया तेल के भाव पर निर्भर कर रहे हैं। होली त्योहार बाद सोया तेल में ग्राहकी सुस्त पड़ गई है। विदेशी बाजार भी साथ नहीं दे रहे हैं। जिससे बाजार वायरलेस हो गया। कांडला पाम 945 सोया रिफाइंड 1060 डीगम 980 रुपए।लोकल प्लांटों में सोया तेल अवि 1070 आयडिया 1070 महेश 1065 केशव 1065 नीमच लाइन 1055 से 1065 रुपए। पाम तेल का बड़ी मात्रा में आयात की वजह से खाद्य तेलों की तेजी पर आंशिक रूप से ब्रेक लगा हुआ है। इसी बीच सोया एवं सनफ्लावर तेल का आयात भी बढ़ा है। एक अप्रैल से सोया, सनफ्लावर तेल का शून्य शुल्क पर आयात बंद

हो जाएगा, किंतु प्रश्न यह भी उठ रहा है कि शून्य शुल्क से आयात तेल का आम उपभोक्ताओं को कितना लाभ मिला। सबसे बड़ा नुकसान तो किसानों का हुआ, क्योंकि सोया तेल एवं पाम तेल के आयात के कारण स्थानीय बाजार में सोयाबीन के भाव नहीं बढ़ पाए। विशेषज्ञ आने वाले समय में सोयाबीन के भाव (Soybean Price Future 2023) को लेकर आश्वस्त नहीं नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि सोयाबीन के भाव अप्रैल 2023 के बाद बढ़ना शुरू होंगे।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।