आधुनिकीकरण के युग में और नई तकनीकों ने कृषि में नवाचारों को जन्म दिया है, पानी के बिना खेती अब भी संभव नहीं है, भविष्य में भी असंभव है, पानी कृषि का एक अभिन्न अंग है। बिजली कृषि के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि फसलों की सिंचाई के लिए बिजली की जरूरत होती है। इसी तरह पारंपरिक बिजली पर किसानों की निर्भरता कम करने और बाधित बिजली आपूर्ति से प्रभावित होने से बचाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने किसानों को सोलर पंप के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया है।
इसके लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। पीएम कुसुम सोलर योजना एक ऐसी योजना है, जिसके जरिए किसानों को सोलर पंप मुहैया कराए जाते हैं, ताकि वे दिन में भी सिंचाई कर सकें। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जानकारी दी है कि इस योजना के तहत सरकार द्वारा राज्य में 2 लाख कृषि पंप लगाए गए हैं। इस अवसर पर महाप्रसारण, महानिर्तिमी, होल्डिंग कंपनी एवं विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।फडणवीस ने कहा कि इससे किसानों को दिन में भी बिजली मिलेगी और सब्सिडी का बोझ नहीं पड़ेगा. इस योजना के तहत अभी 20 जिलों में रजिस्ट्रेशन चल रहा है।
इस योजना (Solar Pump Yojana) के लिए निम्न किसान पात्र होंगे
कुसुम योजना का एक व्यक्तिगत कृषक, कृषकों का समूह, एफ.पी.ओ. या किसान उत्पादक संघ। इसका फायदा उन्हें भी मिल सकता है। जिन किसानों के पास पारंपरिक बिजली कनेक्शन तक पहुंच नहीं है, वे आंतरिक लाभ प्राप्त करने के लिए इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। जिन किसानों के पास खेतों, कुओं, बोरवेलों, नदियों/नालों के आसपास पानी के एक स्थायी स्रोत तक पहुंच है, वे भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा जिन किसानों को अटल सोलर पंप योजना और मुख्यमंत्री सोलर कृषि पंप का लाभ नहीं मिला है, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
अब 2026 तक किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे और इस योजना के तहत 2022 तक 25,750 मेगावाट सौर और नवीकरणीय क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन, अब इस समय सीमा को बढ़ाए जाने से किसानों को राहत मिली है।Solar Pump New Apply Online इस योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त करने के लिए सात-बारहवां प्रतिलेख, उस पर कुएं या बोर का रिकॉर्ड आवश्यक दस्तावेज होंगे। साथ ही साझा अधिभोग की स्थिति में अन्य कब्जाधारियों का अनापत्ति प्रमाण पत्र भी संबंधित आवेदक को 200 रुपये के बांड पर जमा करना होगा।