पीएम किसान योजना 2024 : लाखों किसानों के लिए जरूरी खबर,यह काम नहीं करने पर अटक सकतें हैं 2000 रूपए 

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PM Kisan Yojana पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। यहां जिले में पिछले साल अगस्त से नवंबर माह तक केंद्र ने 15वीं किस्त जारी किया जिसमें 29900 किसान को ही राशि मिली। बाकी अंचल स्तर से अप्रूव्ड नहीं हो सका या भेजे गए केंद्र से अप्रूव्ड नहीं हो पाया। साहिबगंज से 70 हजार किसान निबंधित किए गए हैं। केंद्र सरकार साल 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत साल में तीन बार हर चार माह के बाद मौसमी खेती के लिए 2000 रुपये देने के लिए महत्वाकांक्षी योजना लेकर आयी। यानि एक किसान को साल भर में 6000 रुपये खेती के लिए मिलता है। 

शुरुवाती दौर में पंचायत स्तर पर बिना जांच किए आनन-फानन में किसान से आवेदन ले लिया गया। योजना को चालू कर दिया गया, लेकिन धीरे-धीरे इसमें छानबीन शुरू हो गई। स्थिति हो गई है कि इस योजना में साहिबगंज से 70 हजार किसान निबंधित किए गए, लेकिन 66753 किसान ही योग्य पाए गए, जिनके खाते में राशि जा रही है।केन्द्र सरकार ने और अधिक छानबीन किया और खाता व जमीन का अपडेट मांगा तो गलत किसान सामने आए, जिसमें 327 किसान ऐसे मिले जो आयकर दाता है। इनका राशि पर रोक लगी। ताजा अपडेट की बात करें तो पिछले साल अगस्त से नवंबर माह तक केंद्र सरकार ने 15वीं किस्त जारी किया, जिसमें 29,900 किसान को ही राशि मिली। बाकी अंचल स्तर से अप्रूव्ड नहीं हो सका या भेजे गए केंद्र से अप्रूव्ड नहीं हो पाया।

क्या है आंकड़ा

ताजा अपडेट की बात करें तो सोमवार तक जिला में 66753 किसान ही जो पीएम किसान के योजना के योग्य हैं, जिसमें 35485 किसान ने ई-केवाईसी प्रज्ञा केंद्र से कराया है। 37,713 किसान ने अंचल से लैंड सिडिंग कराया है, जिसका अंचल से अप्रूव्ड हो पाया है। बैंक से आधार सिडिंग कराने में 60,196 किसान सफल रहे हैं।अधिकारी की मानें तो एक किसान को तीनों रास्ता से गुजरकर पास होना होगा। कोई एक चीज में अटकने पर पैसा नहीं मिल सकेगा।

केंद्र सरकार ने वीएनओ से लेगी मदद

केंद्र सरकार ने पीएम किसान का लाभ अधिक से अधिक किसान को मिले इसके लिए कृषि विभाग की मदद से गांव गांव में एक एक वीएनओ (विलेज नोडल आफिसर) का चयन किया ताकि इनको प्रशिक्षण देकर सिंगल विंडो सिस्टम बहाल कर किसान को मदद पहुंचाने का काम करेंगे। केंद्र सरकार भी महसूस किया है कि किसान सीधे साधे होते है। ब्लाक, प्रज्ञा केंद्र व बैंक का चक्कर लगाने में परेशानी होती होगी। इसलिए, वीएनओ को बहला किया गया है, लेकिन अभी तक जिला से सूची भेजने के बाद भी कोई दिशा-निर्देश वीएनओ के लिए विभाग को प्राप्त नहीं हुई है।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।