पैरा मशरूम की खेती के बारे में
आधिकांश किसान औषधीय और अन्य फसल की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इससे किसान की आय में वृद्धि हो रही हैं। किसानों द्वारा बागवानी और उद्यानिकी फसलों की खेती भी की जा रही हैं। इसी दौर में किसान भाई मशरूम की खेती करना भी पसंद कर रहे हैं। हमारे देश के युवा किसान द्वारा रोजगार और व्यापार के रूप में खेती की जाने लगी है। पैरा मशरूम एक खाद्य प्रकार की मशरूम है। पैरा मशरूम स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर मशरूम हैं। मशरूम की खेती व्यापारिक रूप से की जाने वाली मुख्य खेती है। पैरा मशरूम के लिए उपयुक्त क्षेत्र उष्ण कटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र होते हैं। पैरा मशरूम की उपज लागत भी कम है। पैरा मशरूम के पकने की अवधि लगभग 40 से 45 दिन है। मशरूम की खेती का इतिहास प्राचीन है। मशरूम की खेती सबसे पहले सन् 1822 में चीन में की गई थी। हमारे देश में मशरूम की खेती सबसे पहले सन् 1946 में की गई। मशरूम की खेती को व्यवस्थित रूप से सन् 1943 में किया गया। मशरूम की विभिन्न किस्म है किंतु पैरा मशरूम का वैज्ञानिक नाम Volvariella volvacea है। हमारे देश में पैरा मशरूम को धान का पुआल, गर्मी मशरूम, चीनी मशरूम और पैरा मशरूम कहा जाता है।
भारत में पैरा मशरूम की खेती से संबंधित राज्य
भारत में पैरा मशरूम की खेती से संबंधित राज्य इस प्रकार हैं जैसे – समुद्र तटीय राज्य आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओड़ीसा, पश्चिम बंगाल और केरल आदि। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ में बिलासपुर, जशपुर, धमतरी, जांजगीर चांपा, महासमुंद, कोरिया, मुंगेली और रायपुर आदि।
पैरा मशरूम के लिए जलवायु और तापमान का निर्धारण
पैरा मशरूम की खेती के लिए तापमान की बात करें तो बीजों के फैलाव के लिए 32°C से 38°C और फल के लिए 28°C से 32°C और नमी 80 से 85% तक होना चाहिए।
पैरा मशरूम उगाने का उचित समय
पैरा मशरूम लगाने का उचित समय अप्रैल के मध्य से सितंबर तक हैं। पैरा मशरूम प्राकृतिक रूप से सड़े गले धान के पुआल में जुलाई से सितंबर महीने तक पाई जाती है।
पैरा मशरूम को धान के पुआल में उगाएं
पैरा मशरूम को उगाने का सबसे प्रमुख उप स्थान धान का पुआल है। पैरा मशरूम कई सैलिसिलिक स्थान पर अच्छी तरह से वृद्धि करती है जैसे – गन्ना बैगास, केले के पत्ते, धान का पुआल, कपास का अपशिष्ट और जलकुंभी आदि। पैरा मशरूम की उपज को आधुनिक तरीकों से तेजी से विकसित किया जा सकता है।
पैरा मशरूम उगाने के लिए कौन-सी सामग्री की होगी जरूरत??
- धान का पुआल: पैरा मशरूम की खेती में प्रयुक्त सामग्री में धान का पुआल सबसे मुख्य है। धान का पुआल पैरा मशरूम का एक मुख्य उप स्थान है। यह बिस्तर सामग्री के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इसमें लगभग 1 से 2 किग्रा के आधा फीट चौड़ाई और 1.5 फीट लंबाई के बंडल तैयार करें। पैरा मशरूम के एक बेड बनाने के लिए 16 से 20 बंडल का उपयोग होता हैं।
- मशरूम स्पॉन: मशरूम स्पॉन या मशरूम बीज मशरूम की खेती का पहला उत्पाद हैं। पैरा मशरूम की खेती में सफेद माइसेलियम वाले स्वस्थ स्पॉन खरीदना चाहिए। अवांछित रंगो वाले स्पॉन जैसे – काले, हरे और गहरे भूरे स्पॉन नहीं खरीदना चाहिए।
- पारदर्शी पॉलीथिन शीट: पैरा मशरूम की खेती में मशरूम स्पॉन वाले बेड को ढकने के लिए पारदर्शी पॉलिथीन शीट का प्रयोग किया जाता है।
- बेसन (चना/लकड़ी): पैरा मशरूम की खेती में प्रति बेड बेसन (चना/लकड़ी) की मात्रा 150 से 200 ग्राम होना चाहिए।
- पानी की टंकी या प्लास्टिक ड्रम: पैरा मशरूम की खेती में आवश्यकता के अनुसार पानी के टैंक का आकार और संख्या में वृद्धि की जा सकती है। सीमेंट और ईंटों द्वारा स्थाई टैंक बनाया जाता है। सामान्य रूप से मानक आकार के टैंक जिसकी लंबाई चौड़ाई और ऊंचाई क्रमशः 12 फीट, 4 फीट और 2 फीट होना चाहिए।
- पानी का स्रोत: पैरा मशरूम की खेती में हमेशा साफ और स्वच्छ पानी का प्रयोग करें जैसे – नदी का ताजा पानी, कुआं, मीठे पानी का अन्य स्रोत और बोरवेल आदि।
- फॉर्मेलिन और कैल्शियम कार्बोनेट: पैरा मशरूम की खेती में पैरा को उपचारित करने के लिए 100 लीटर साफ पानी में फॉर्मेलिन की 135 मिली मात्रा और पैरा के पीएच को कम करने के लिए 100 लीटर पानी में कैल्शियम कार्बोनेट की 200 ग्राम मात्रा का प्रयोग किया जाता है।
पैरा मशरूम उगाने के तरीके
पैरा मशरूम को बंद कमरे और खुले क्षेत्र दोनों में उगाया जा सकता है इसको उगाने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- कमरे के अंदर पैरा मशरूम की खेती:
पैरा मशरूम की खेती बंद कमरे में करने पर सामान्य रूप से प्रति बेड 7 से 10 स्क्वायर फीट जगह की आवश्यकता होती है। यह महंगी प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में कमरे के अंदर लोहे या बांस के एंगल की सहायता से एक रैक का निर्माण करें। एक के ऊपर एक चार रैक का निर्माण करें। रैक की ऊंचाई 45 से 50 सेंटीमीटर होना चाहिए और सबसे नीचे की सतह वाली रैक भूमि से 20 से 30 सेंटीमीटर ऊपर होना चाहिए। इस प्रक्रिया में एक विशेष प्रकार के कंपोस्ट खाद को तैयार किया जाता है। - खुले में पैरा मशरूम की खेती:
पैरा मशरूम की खेती खुले क्षेत्र में करने के लिए क्यारियों का निर्माण किया जाता है। इस प्रक्रिया में सीधा बारिश, हवा और उच्च तापमान के सीधा संपर्क से कार्य आसान नहीं होता है जिससे उपज में कमी आती है। इस प्रक्रिया में पैरा मशरूम की खेती करने के लिए इन क्यारियों की लंबाई 100 सेंटीमीटर और चौड़ाई 60 सेंटीमीटर रखी जाती है। सीधी धूप और बारिश से बचाव के लिए उसके ऊपर शेड बना दिया जाता है।
पैरा मशरूम उगाने की प्रक्रिया
- पैरा मशरूम उगाने के लिए धान पुआल के लगभग 1 से 2 किग्रा के आधा फीट चौड़ाई और 1.5 फीट लंबाई के बंडल तैयार करें। पैरा मशरूम के एक बेड बनाने के लिए 12 से 16 बंडल का उपयोग होता हैं।
- इन तैयार बंडल को उपचारित करने के लिए लगभग 14 से 16 घंटे तक प्रति 100 लीटर साफ पानी में कैल्शियम कार्बोनेट की 200 ग्राम मात्रा और फार्मेलिन की 135 मिली लीटर मात्रा में भिगोकर पानी को निकाल देते हैं।
- इन उपचारित बंडलों से पानी निथर जाने के 1 घंटे पश्चात् प्रति बेड लगभग 120 से 150 ग्राम पैरा मशरूम के बीज को मिलाया जाता हैं। बुवाई करते समय चार बंडलों को आड़ा बिछाकर उसके किनारे पर बीजों को डाला जाता है और उसमें थोड़ा बेसन और उसके ऊपर चार बंडल को तिरछा बिछाया जाता हैं फिर उसके बाद बीज और बेसन मिलाया जाता हैं। ऐसे ही 4 परत तक इस प्रक्रिया को दोहराया जाता हैं। इस प्रकार इस प्रक्रिया को दोहराने पर एक क्यारी का निर्माण होता है।
- अब इन बीज से युक्त बंडलों को लगभग 8 से 10 दिनों के लिए अच्छी तरह से चारों ओर से पारदर्शी पॉलिथीन शीट से ढक देते हैं।
- इन बीज युक्त बंडलों में कवक जाल फैल जाने के पश्चात् पारदर्शी पॉलिथीन शीट को हटा दिया जाता है। इसके पश्चात् सुबह और शाम लगभग 5 से 6 दिनों तक हल्के पानी का छिड़काव किया जाता है।
- पैरा मशरूम की कलिकायें लगभग 2 से 3 दिन में बनना शुरू हो जाती हैं।
- पैरा मशरूम 4 से 5 दिनों के अंदर तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है।
पैरा मशरूम की कटाई का कार्य
पैरा मशरूम की कटाई का कार्य उपयुक्त तापमान और नमी की स्थिति में लगभग 20 से 25 दिनों के बाद किया जाता है।मशरूम की कटाई का कार्य तब किया जाता है जब वोल्वा सिर्फ टूटता है और मशरूम अंदर से बाहर निकलता है।धान के पुआल में , 15 से 18 किग्रा पर 100 किलोग्राम गिला सब्सट्रेट प्राप्त कर सकते हैं।धान के पुआल मशरूम प्रकृति में नाजुक से होते हैं और 2 से 3 दिनों के लिए रेफ्रिजरेटर में संग्रहित कर सकते हैं।पैरा मशरूम को छांव या धूप में सुखा सकते हैं।
पैरा मशरूम से प्राप्त उत्पादन और शुद्ध मुनाफा
पैरा मशरूम से प्राप्त उत्पादन की बात करें तो प्रति बेड लगभग 4 से 5 किग्रा तक प्राप्त होती है।पैरा मशरूम के फसल चक्र की अवधि लगभग 40 से 45 दिन है।पैरा मशरूम को रेफ्रिजरेटर में दो से तीन दिन तक सुरक्षित रख सकते हैं
पैरा मशरूम से प्राप्त शुद्ध मुनाफे की बात की जाए तो पैरा मशरूम के बाजार में कीमत लगभग प्रति किग्रा लगभग 150 से 250 रुपए हैं।इसे लगाने में प्रति बेड लगभग 100 से 150 रुपए तक की लागत आती है।यदि लागत को छोड़ दिया जाए तब भी पैरा मशरूम से शुद्ध मुनाफा प्रति बेड लगभग 250 से 350 रुपए तक प्राप्त किया जा सकता है।