Wheat Variety 2023: किसानों को मालामाल कर देंगी गेहूं की यह किस्में,कम सिंचाई में भी देंगी बंपर पैदावार 

हरियाणा में धान कटाई-कढ़ाई और कपास की चुगाई का काम आखिरी दौर में पहुंच चुका है और अब किसान खेतों में गेहूं बिजाई की तैयारियां शुरू कर रहे हैं. हरियाणा में गेहूं बिजाई 25 अक्टूबर से शुरू हो जाती है, जो पूरे नवंबर तक चलती है. हालांकि, गन्ने वाले खेतों में 15 दिसंबर तक भी गेहूं बिजाई होती है. कुरूक्षेत्र जिला कृषि उपनिदेशक डॉ सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि अच्छा उत्पादन लेने के लिए 25 अक्टूबर से 20 नवंबर तक गेहूं बिजाई का सबसे उपयुक्त समय रहता है.

इन उन्नत किस्मों की करें बिजाई

डॉ सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि कुछ किसान नई- नई कंपनियों के बहकावे में आ जाते हैं और बिजाई के समय गेहूं की उन्नत किस्मों का चयन नहीं कर पाते हैं जिससे उत्पादन प्रभावित होता है. उन्होंने बताया कि हरियाणा में लगने वाली मुख्य किस्म WH 725, WH 2967, WH 327, WH 303, WH 1105, PBW 550 और HD 3086 है.

अगर किसान अपने खेत में इन किस्मों की बिजाई करते हैं तो वह प्रति एकड़ 22 से 26 क्विंटल तक पैदावार ले सकते हैं. यह ऐसी किस्म है जो पूरे नवंबर तक बिजी जा सकती है और अच्छा उत्पादन देती है. इसमें अगेती और पछेती दोनों किस्म के गुण होते हैं, जिसकी किसी भी समय बिजाई की जा सकती है. ये सभी किस्में लगभग 150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

उन्होंने बताया कि गेहूं का बीज उसी जगह से खरीदा जाएं जहां पक्का बिल काट कर दिया जाता है. आजकल बाजार में कई कंपनियां ऐसी आ चुकी है जिनके द्वारा तैयार किए गए बीज पर रिसर्च नहीं की जाती है. ऐसे में वहां से खरीदें गए बीज पर रिजल्ट अच्छा नहीं मिलता है. ऐसे में किसी सरकारी संस्थान या मान्यता प्राप्त बीज भंडार से ही गेहूं का बीज खरीदें.

गेहूं बिजाई की विधि

हरियाणा में किसान गेहूं बिजाई के लिए 2 विधियां इस्तेमाल करते हैं. एक बजाई “छींटा विधि” से की जाती है और एक बिजाई “सुपर सीडर” से की जाती है. छींटा विधि से किसान हाथों से गेहूं के बीज और खाद की बिजाई खेत में करते हैं, जो एक परंपरागत तरीके से बजाई होती है.

वहीं, अब ज्यादातर किसान सुपर सीडर से गेहूं की बिजाई करने लगे हैं. इसमें गेहूं के बिजाई लाइन में होती है और इसमें मजदूर की आवश्यकता नहीं पड़ती. मशीन में ही खाद और बीज डाला जाता है और साथ ही इसमें फसल अवशेष प्रबंधन भी हो जाता है. अगर आप गेहूं की खेती के बारे में ज्यादा जानकारी चाहते है तो यह आर्टिकल पढ़ सकते है.

सुपर सीडर से बिजाई का फायदा

सुपर सीडर से बिजाई का फायदा यह होता है कि किसानों की जो गेहूं की बिजाई लाइनों में होती है तो आने वाले समय में जब गेहूं की फसल बड़ी होती है तो उसके अंदर से आसानी से हवा गुजर जाती है. उसमें कीट और रोग लगने का खतरा कम रहता है. ज्यादातर किसान सुपर सीडर से ही गेहूं की बिजाई करते हैं और अच्छी पैदावार लेते हैं.

बीज व खाद की मात्रा

जिला कृषि उपनिदेशक ने बताया कि हरियाणा में 1 एकड़ खेत में बीज का एक बैग डाला जाता है, जिसका वजन 40 किलोग्राम होता है. वहीं, बिजाई करते समय एक एकड़ खेत में एक DAP खाद का बैग डाला जाता है. अगर किसी कारणवश गेहूं बिजाई में देरी हो जाती है और सर्दी पड़नी शुरू हो जाती है तो किसान डीएपी खाद के साथ आधा या एक बैग यूरिया खाद भी डाल सकते हैं जिससे गेहूं जल्दी अंकुरित हो जाते है.

उन्होंने बताया कि यूरिया खाद को काफी गर्म माना जाता है और उसकी गर्मी के चलते ही थोड़ी सर्दी होने पर गेहूं के बीज अंकुरित हो जाते हैं. ऐसे में किसान यदि बिजाई के समय इन बातों का ध्यान रखते है तो गेहूं की बंपर पैदावार ले सकते हैं.

  social whatsapp circle 512WhatsApp Group Join Now
2503px Google News icon.svgGoogle News  Join Now
Spread the love