Kisan Yojana: फसल खराब होने पर किसानों को मिलेगा इतना मुनाफा, किसान इस प्रकार करें आवेदन….

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Fasal Bima Yojana 2023: केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए एक शानदार योजना शुरू की गई है जिसके तहत अगर किसानों की फसल खराब हो जाती है तो केंद्र सरकार द्वारा फसल खराब होने पर किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। किसान फसल बीमा योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा फसल खराब होने की भरपाई करने के लिए किसानों को वित्त सहायता प्रदान की जाती है जो सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाती है। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से किसान फसल बीमा योजना के तहत आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया बताएंगे। अगर आप भी योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।

Fasal Bima Yojana: केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) 2016 में शुरू की गई थी। सरकार द्वारा किसानों को कई लाभ प्रदान किए जाते हैं। इन लाभों में वित्तीय सहायता भी शामिल है। इसी क्रम में सरकार द्वारा किसानों के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शामिल है।प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) 2016 में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य पूर्व बुवाई से लेकर कटाई के बाद के नुकसान तक के प्राकृतिक जोखिमों के खिलाफ व्यापक फसल बीमा कवरेज प्रदान करना है।

किसान योजना (farmer scheme) क्या है

इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सतत उत्पादन का समर्थन करना है। इसके माध्यम से अप्रत्याशित घटनाओं से फसल के नुकसान/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, खेती में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए किसानों की आय को स्थिर करना, किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना, कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह सुनिश्चित करना शामिल है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ( Prime Minister Crop Insurance Scheme )

सरकार के अनुसार, किसानों को उत्पादन जोखिम से बचाने के अलावा, ये योजनाएँ खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण में योगदान देंगी और कृषि क्षेत्र की वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगी। ये योजनाएं किसानों के लिए खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत और वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत की बहुत कम प्रीमियम दरों पर उपलब्ध एकमात्र जोखिम शमन उपकरण हैं।

फसल बीमा पॉलिसी ( Crop Insurance Policy )

पीआईबी का कहना है कि एक्चुरियल प्रीमियम का बैलेंस 50:50 के अनुपात के आधार पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा साझा किया जाता है। योजनाएं राज्यों के लिए स्वैच्छिक हैं और उन क्षेत्रों और फसलों में उपलब्ध हैं जिन्हें राज्य सरकारों के माध्यम से अधिसूचित किया गया है। इसके अलावा, योजनाएँ ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य हैं और गैर-कर्जदार किसानों के लिए स्वैच्छिक हैं।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।