किसान ने YouTube से सीखा प्याज की खेती करने का नया तरीका, अब इस विधि से कमा रहा लाखों रूपए

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Kisan News: अगर आप प्याज की खेती करते हैं तो प्याज की खेती में मल्चिंग विधि अपनाकर आप आसानी से कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से प्याज की खेती करने के लिए नई तकनीक मल्चिंग विधि की जानकारी प्रदान करेंगे। इसी के साथ साथ हम आपको मल्चिंग विधि से प्याज की खेती करने वाले किसान का उदाहरण भी देंगे और आपको यह भी बताएंगे कि मल्चिंग विधि से प्याज की खेती कर किसान कैसे लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं।

मल्चिंग विधि से खेती कैसे करें: मल्चिंग विधि से प्याज की खेती करने के लिए दो एकड़ में करीब 50 हजार रुपए का खर्च आता है। प्रति एकड़ वह 8 से 9 टन उत्पादन हासिल कर रहे हैं। अक्षय के मुताबिक उन्होंने ये तकनीक यूट्यूब के माध्यम से सीखी। खेती-किसानी में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। इससे किसानों का मुनाफा भी बढ़ रहा है। पुणे के रहने वाले किसान अक्षय फर्राटे मल्चिंग पेपर तकनीक से प्याज की खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. अक्षय के मुताबिक उन्होंने ये तकनीक यूट्यूब के माध्यम से सीखी।

खरपतवार नियंत्रण में कारगर ये विधि

विशेषज्ञों के अनुसार मल्चिंग विधि से खेती करने से खरपतवार नियंत्रण होता है। उसे खत्म करने के लिए कीटनाशकों पर होने वाला खर्च कम होता है और पौधे लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं।किसान तक के मुताबिक अक्षय दो एकड़ जमीन में प्याज की खेती करते हैं। इस खेती में उन्हें तकरीबन 50 हजार रुपये का खर्च आया। प्रति एकड़ वह 8 से 9 टन उत्पादन हासिल कर रहे हैं। महाराष्ट्र क्षेत्रफल और उत्पादन के मामले में अग्रणी प्याज उत्पादक राज्यों में से एक है। इस राज्य में देश का 40 प्रतिशत प्याज पैदा होता है।

ल्चिंग विधि से खेती करने का है दो तरीका

खरपतवार और सिंचाई जैसी समस्या से निजात पाने के लिए इस तकनीक को विकसित किया गया था। इस विधि में बेड को प्लास्टिक से पूरी तरह कवर कर दिया जाता है, जिससे खेत में खरपतवार न हो। वैसे मल्चिंग विधि से खेती करने का दो तरीका है। पहला जैविक मल्चिंग में पराली, पत्तों इत्यादि का उपयोग किया जाता है। इसे प्राकृतिक मल्चिंग भी कहा जाता हैय यह बहुत ही सस्ती होती है। इसका उपयोग जीरो बजट खेती में भी किया जाता है। वहीं, दूसरा प्लास्टिक मल्चिंग बाजार में मिलते हैं। इसमें फसल की बेड पर प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है। यह जैविक मल्चिंग की तुलना में खर्चीली होती है। लेकिन पौधों को पूरी सुरक्षा प्रदान करती है।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।