जायद सीजन में खीरे की खेती क्यों करें?
वर्तमान में परंपरागत खेती के अतिरिक्त अन्य प्रकार की व्यावसायिक खेती भी की जा रही है जिसमें सब्जियों की खेती मुख्य रूप से की जाती है। इसके लिए प्रत्येक महीने के अनुसार फसलों की बुवाई की जानी चाहिए। माह के अनुसार फसलों की जानकारी किसान भाई को होना आवश्यक है जिससे सही समय पर फसल की बुवाई करके अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सके। किसान भाई अनाज, तिलहन और दलहन की फसलों की खेती के अतिरिक्त कम समय में की जाने वाली खेती से अपनी कमाई में वृद्धि कर सकते हैं। इसी क्रम में फरवरी के माह में सब्जियों से इस प्रकार करें कमाई जो वर्ष भर का लाभ दे सकें। जनवरी के माह के समाप्त होने और फरवरी के आने में बोई जाने वाले सब्जियों की जानकारी लें। फरवरी और मार्च के महीने में जायद सीजन की खीरे की खेती करके किसान भाई काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। खीरे की बाजार मांग गर्मी के मौसम में बहुत होती है और इसकी बाजार में कीमत भी अच्छी मिल जाती है। यदि खीरे की उन्नत किस्म का चयन किया जाए तो इससे काफी अच्छा लाभ प्राप्त किया जा सकता है। आइए, खीरे की उन्नत 5 किस्मों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
खीरे की उन्नत 5 किस्में
(1) स्वर्ण शीतल किस्म
खीरे की स्वर्ण शीतल किस्म के फल का आकार मध्यम और ठोस होता है और इस किस्म का रंग हरा होता है। खीरे की यह किस्म श्याम वर्ण रोग और चूर्णी फफूंदी रोग के लिए प्रतिरोधी है। खीरे की स्वर्ण शीतल किस्म से प्राप्त उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 300 क्विंटल तक होता है।
(2) स्वर्ण पूर्णिमा किस्म
खीरे की स्वर्ण पूर्णिमा किस्म के फल का आकार लंबा, सीधा और ठोस होता है और इस किस्म का रंग हल्का हरा होता है। खीरे की यह किस्म मध्यम अवधि की किस्म है। खीरे की स्वर्ण पूर्णिमा किस्म से प्राप्त उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 300 क्विंटल तक होता है। खीरे की स्वर्ण पूर्णिमा किस्म के पकने की अवधि लगभग 45 से 50 दिन है।
(3) स्वर्ण पूर्णा किस्म
खीरे की स्वर्ण पूर्णा किस्म के फल का आकार मध्यम और ठोस होता है। खीरे की यह किस्म चूर्णी फफूंदी रोग के लिए प्रतिरोधी है। खीरे की स्वर्ण पूर्णा किस्म से प्राप्त उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 350 क्विंटल तक होता है।
(4) पूसा संयोग किस्म
खीरे की पूसा संयोग किस्म एक हाइब्रिड किस्म है। इस किस्म के फल की लंबाई लगभग 22 से 30 सेमी होती है। इस किस्म का रंग हरा और गुदा कुरकुरा होता है। खीरे की इस किस्म में पीले कांटे भी पाए जाते हैं। खीरे की पूसा संयोग किस्म से प्राप्त उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 200 क्विंटल तक होता है। खीरे की पूसा संयोग किस्म के पकने की अवधि लगभग 50 दिन है।
(5) पंत संकर खीरा-1 किस्म
खीरे की पंत संकर खीरा-1 किस्म एक संकर किस्म है। इस किस्म के फल की लंबाई लगभग 20 सेमी होती है। इस किस्म का रंग हरा होता है। खीरे की पंत संकर खीरा-1 किस्म से प्राप्त उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 300 से 350 क्विंटल तक होता है। खीरे की पंत संकर खीरा-1 किस्म के पकने की अवधि लगभग 50 दिन है।
खीरे की खेती में उन्नत किस्मों की बुवाई कैसे की जाए?
खीरे की खेती में उन्नत किस्म का चयन करके बुवाई करना चाहिए। बुवाई की प्रक्रिया में बीज रोग ग्रस्त न हो इसके लिए बीजों को बुवाई से पूर्व उपचारित कर लेना चाहिए। बीजों को उपचारित करने के लिए बीजों को चौड़े मुंह वाले मटके में लेना चाहिए। इसके पश्चात् इसमें प्रति किलोग्राम बीज में थाइरम की लगभग 2.5 ग्राम मात्रा का घोल बनाकर बीजों को उपचारित करना चाहिए। इसके पश्चात् बीजों को छांव में सूखने के लिए रख देना चाहिए। जब बीज सुख जाए तब इसकी बुवाई करें। खीरे के बीजों की बुवाई थाला के चारों ओर 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई में दो से चार बीज की बुवाई करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त खीरे की बुवाई में नाली विधि का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके अंतर्गत खीरे के बीजों की बुवाई करने के लिए नालियों का निर्माण किया जाता है। नालियों के किनारे पर खीरे के बीजों की बुवाई की जाती है। इन नालियों की चौड़ाई 60 सेमी, नालियों की आपसी दूरी 2.5 सेमी और बेलों की आपसी दूरी 60 सेमी होना चाहिए। यदि खीरे की बुवाई ग्रीष्म ऋतु में की जाए तब बीजों को बुवाई और उपचारित करने से पूर्व बीजों को 12 घंटे पानी में भिगो कर रखना चाहिए। इसके पश्चात् बीजों को उपचारित करके बुवाई करना चाहिए। कतारों की आपसी दूरी 1 मीटर और पौधों की आपसी दूरी 50 सेमी रखना चाहिए।
खीरे की खेती से प्राप्त उत्पादन और लाभ
खीरे की खेती से प्राप्त उत्पादन की बात की जाए तो खीरे की खेती में प्रति एकड़ लगभग 400 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। खीरे की खेती से प्राप्त लाभ की बात की जाए तो खीरे का बाजार भाव प्रति किलो 20 से 40 रुपए तक होता है। इस प्रकार खीरे की खेती से प्रति एकड़ लगभग 20 से 25 हजार की लागत और लगभग 80 हजार से 1 लाख तक की कमाई की जा सकती है।