चाय की उन्नत खेती करे और अधिक लाभ कमाए और बड़े अपनी आय

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भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है। हर साल क़रीब 25 लाख टन चाय उत्पादन के साथ चीन पहले स्थान पर है। वहीं भारत की बात करें तो यह प्रति वर्ष क़रीब 13 लाख टन चाय का उत्पादन करता है, और इसका आधे से भी अधिक हिस्सा देश में ही उपभोग किए रहता है। दिसंबर 2011 में जारी भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (ASSOCHAM) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे बड़ा चाय का उपभोक्ता है, जो वैश्विक उत्पादन का लगभग 30% खपत करता है। चीन के बाद भारत चाय का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी है।

भारतीय इतिहास में चाय का महत्व हमेशा से ही रहा है। हालाँकि अठारहवीं शताब्दी के पहले चाय की पत्तियों का इस्तेमाल ज़्यादातर आयुर्विज्ञान में हुआ करता था। भारत में यूरोपीयों के आने के बाद चाय का वाणिज्यिक उत्पादन बड़े स्तर पर होने लगा। ईस्ट इंडिया कम्पनी ने भारत में सबसे पहले बड़े पैमाने पर चाय उत्पादन पर ज़ोर दिया। उसी समय देश के उत्तर-पूर्व हिस्से में चाई के उत्पादन को बढ़ा मिला जो आज तक जारी है। भारत का चाय उद्योग कई वैश्विक चाय ब्रांडों का मालिक बन चुका है। वहीं अगर तकनीक की बात करें तो हमारा देश पिछले कुछ वर्षों में दुनिया के अग्रणी मुल्कों के रूप में विकसित हुआ है।

तो आइए जानते हैं भारत में चाय की खेती से जुड़े कुछ रोचक तथ्य। आज हमारे सामने तीन सवाल हैं: 1. Bharat mein chai ki kheti kahan se aarambh hui thi? 2. Bharat me chai ki kheti kab se shuru hui? 3. Bharat me chai ki kheti kahan hoti hai?

Bharat mein chai ki kheti kahan se aarambh hui thi
Tea farmeing

भारत में चाय की खेती कहाँ से आरंभ हुई?

भारत में चाय की खेती शुरू करने का श्रेय अंग्रेजों को जाता है। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में कुछ अँग्रेज़ यात्रियों ने असम में लगी चाय की झाड़ियों को देखा। वहाँ के स्थानीय क़बाइली लोग चाय की पत्तियों को घोल बनाकर पीते थे। इसके बाद 1834 में गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक द्वारा भारत में चाय उत्पादन को लेकर एक समिति का गठन किया गया। विशेषज्ञों के सुझाव पर 1837 में असम के चबुआ में भारत का पहला चाय बागान स्थापित किया गया। तीन साल बाद 1840 में, अंग्रेजों द्वारा स्थापित असम टी कंपनी ने चाय का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया। 1850 के दशक में, भारतीय चाय उद्योग का तेजी से विस्तार हुआ। 50-60 वर्षों में असम दुनिया का अग्रणी चाय उत्पादक क्षेत्र बन गया।

भारत में चाय की खेती कब से शुरू हुई? History of Tea in India

भारत में चाय की खेती 1837 में अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई। असम के इलाक़े चाय की खेती के लिए मुफ़ीद पाए गए और इसीलिए उस वक्त की बरतनिया सरकार ने बड़े स्तर पर भारत में चाय उत्पादन शुरू किया।

भारत में चाय की खेती कहाँ होती है?

भारत में प्रमुख चाय उत्पादक राज्य हैं: असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, सिक्किम, नागालैंड, उत्तराखंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, बिहार, उड़ीसा। इंडिया ब्रैंड इक्विटी फाउंडेशन की माने तो देश में प्रति वर्ष क़रीब 564 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्रफल में चाय का उत्पादन होता है। वैसे तो लोगों को कम ही पता होता है की भारत में असम के बाहर भी चाय के बाग़ान हैं। जैसे बिहार के चाय बाग़ान (Tea Garden in Bihar) भी काफ़ी लोकप्रिय है।


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नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।
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