Kisan News: 1000 हेक्टेयर भूमि पर होंगी 500 करोड़ की टमाटर की खेती, देखिए किसान समाचार

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यहां का टमाटर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर के अलावा मध्य प्रदेश तक सप्लाई किया जाता है। जून-जुलाई में पूरे उत्तर भारत को बल्ह के किसान मटर की आपूर्ति करते हैं।

उत्तर भारत को टमाटर देने के लिए मिनी पंजाब बल्ह के किसानों ने कमर कस ली है। बारिश के बाद किसान टमाटर की खेती में जुट गए हैं। क्षेत्र में करीब 1,000 हेक्टर पर किसान टमाटर की खेती करते हैं। चार महीने की नकदी फसल से बल्ह के किसान हर साल 500 करोड़ से अधिक की कमाई करते हैं। बल्ह में टमाटर के अलग-अलग किस्मों की खेती होती है। स्काटा- 4223 , लाल सोना, रॉयल, पानी-1263, अंसल, अभिमन्यु, गोल्डन-1247, कलर्स- 816, बंटू, रिजवान- 444 किस्म के टमाटर का बीज खेतों में रोपा जा चुका है।

इन पौधों को बांस के डंडों से सहारा देने का काम जोरों पर है। टमाटर के छोटे पौधे के साथ ही बांस की डंडियां लगानी पड़ती हैं। टमाटर का पौधा इसके ऊपर चढ़ जाता है और टमाटर की फसल खराब होने का डर नहीं रहता है। किसान इस तकनीक को अपनाकर बंपर पैदावार ले रहे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं। बल्ह के नेरचौक, रति, ढांगू, ढावण, शायरी, सीन, राजगढ़, कुम्मी, सोयरा, नागचला, गागल, कन्नड, घटा, बोरा, पैड़ी बगला में जमकर टमाटर की खेती की जाती है।

इन दिनों यह काम जोरों से चला हुआ है। यहां का टमाटर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर के अलावा मध्य प्रदेश तक सप्लाई किया जाता है। जून-जुलाई में पूरे उत्तर भारत को बल्ह के किसान मटर की आपूर्ति करते हैं। इस काम में किसान यूपी, बिहार के पांच हजार मजदूरों को भी रोजगार दे रहे हैं। इंजीनियर, एमबीए कर चुके बल्ह के युवा भी टमाटर की नकदी फसल से रोजगार पा रहे हैं।

इस फसल को बरसात से काफी नुकसान भी होता है लेकिन फिर भी टमाटर अपनी कीमत निकाल देता है। कई बार टमाटर के दाम बहुत अधिक मिलते हैं, जिससे किसानों को बहुत फायदा होता है। नागचला के राकेश ठाकुर उर्फ गंगा, भंगरोटू के धनदेव ठाकुर, नेरचौक से मार्केटिंग हेड राजकुमार व नेरचौक सब्जी मंडी के अध्यक्ष डिंपल सैनी जैसे पढ़े-लिखे युवा टमाटर की खेती से मुनाफा कमा रहे हैं।

जुए के जैसी है टमाटर की खेती

टमाटर की फसल जुए के समान है। टमाटर का 1 कैरेट 50 से लेकर 1500 रुपये तक भी बिक जाता है। यदि बाहरी राज्यों में टमाटर की पैदावार कम होती है तो यहां के किसान मालामाल हो जाते हैं। दूसरे राज्यों में अच्छी पैदावार से यहां के किसान को घाटा सहना पड़ता है।

बांस की खेती को भी मिला बढ़ावा

टमाटर की फसल से जहां किसान मालामाल हो रहे हैं वहीं बांस की बिक्री भी एकाएक बढ़ गई है। इससे बांस उत्पादन और बांस मालिकों को भी खूब मुनाफा हो रहा है। टमाटर का पौधा जैसे ही छोटा होता है उसको सपोर्ट देने के लिए बांस की डंडियां खेतों में गाड़ी जाती हैं। ऐसे में बांस की बहुत ज्यादा डिमांड होती है। आजकल एक जीप जिसमें 650 डंडे होते हैं वह 8,500 रुपये की मिल रही है। बल्ह घाटी में 1,000 हेक्टर भूमि से अधिक में टमाटर की फसल उगाई जा रही है। किसानों से आग्रह है कि वे ऑर्गेनिक खेती की तरफ अधिक ध्यान दें।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।