गन्ने की खेती: आज के समय में किसान नई नई तकनीक का इस्तेमाल कर खेती कर रहे हैं और कई मुनाफा कमा रहे हैं आज हम गन्ने की खेती के बारे में बात करेंगे गन्ने की खेती कर किसान कई लाभ कमा सकता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं अक्टूबर का महीना शुरू हो गया है रबी की फसल की बुवाई शुरू हो गई है। शरदकालीन गन्ने की खेती का समस आ गया है। इस समय किसान गन्ने की खेती का काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं । गन्ने की खेती नकदी फसल के रूप में की जाती है। गन्ने का उपयोग चीनी बनाने गुड़ बनाने व गन्ने का जूस भी बनाया जाता है। चीनी व गुड़ उत्पादन गन्ने की पैदावार पर निर्भर करता है। हम इस पोस्ट के माध्यम से शरदकालीन गन्ने की बेस्ट 5 किस्म के बारे में जानते हैं जिससे किसान अधिक पैदावार कर मुनाफा कमा सके
शरदकालीन गन्ने की बुवाई का उचित समय क्या है ?
शरदकालीन गन्नो की बुवाई का उचित समय शुरू हो गया है गन्ने की बुवाई का उचित समय 15 सितंबर से 30 नवंबर तक का होता है इस समय बुवाई किए गए गन्नों का उत्पादन अधिक होता है।
जानें गन्ने की टॉप 5 किस्में
गन्ने की कई किस्म है लेकिन यह पांच किस्में सबसे बेस्ट है इन टॉप 5 किस्मो में अधिक उत्पादन के साथ ही पौधे में रोग लगने की संभावना ना के बराबर होती हैं। यह बेस्ट 5 किस्म है –गन्ने की सीओ 05011 (करण-9) किस्म,
सीओ- 0124 (करण-5) किस्म, गन्ने की सीओ- 0237 (करण-8) किस्म, सीओ 0238 (करण-4) किस्म, गन्ने की सीओ-0118 (करण-2) किस्म।
गन्ने की CO 05011 (करण-9) किस्म
गन्ने की सीओ 05011 किस्म में गन्ने लम्बे, मोटे व बैंगनी रंग के साथ हरे रंग के आते हैं। गन्ने की इस किस्म में रोग आने की। संभावना ना के बराबर होती हैं, यह किस्म लाल सड़न और उकठा रोग से भी बची रहती हैं। इस किस्म की औसत उपज प्रति एकड़ 34 टन है।
गन्ने की सीओ 0124 (करण-5) किस्म
गन्ने की इस किसने की खासियत यह है कि यह सिंचित अवस्था में मध्यम देर से पक कर तैयारहोती है। यह किस एम जल भराव जैसी परिस्थितियों में भी अच्छी उपज देती है। सी ओ 0124 (करण –5 ) इस किस्म में भी लाल सडन रोग नहीं होता है।इस किस्म में प्रति एकड़ करीब 30 टन तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
गन्ने की सीओ- 0237 (करण-8) किस्म
गन्ने की सीओ- 0237 (करण-8) यह किस्म अगेती बुवाई उपयुक्त किस्म है। इस किस्म में भी रोग होने की संभावना ना के बराबर होती है यह किस जल जमाव वाली जमीन पर भी अच्छा उत्पादन देती है।गन्ने की सीओ- 0237 (करण-8) किस्म की औसत उपज क्षमता 28.5 टन प्रति एकड़ है।
गन्ने की सीओ 0238 (करण-4) किस्म
गन्ने की किस्म सी ओ 0238 (करण–4) की विशेषता है कि यह कम पानी वाली स्थिति में भी अच्छा उत्पादन देती है और इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। सीओ 0238 (करण-4) किस्म की औसतन उपज करीब 32.5 टन प्रति एकड़ है। इस किस्म गन्ने की खेती कर किसान काम पानी वाली जमीन पीआर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
गन्ने की सीओ-0118 (करण-2) किस्म
गन्ने की सीओ 0118 (करण-2) किस्म की क्वॉलिटी काफी अच्छी मानी जाती है । इस किस्म में गन्ना मोटा, लम्बा व ज्यादा रसीला होता है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती हैं।सीओ-0118 (करण-2) किस्म की औसत पैदावार 31 टन प्रति एकड़ तक होती हैं। गन्ने की इन मुख्य पांच किस्म की खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं यह किस्म कम जमीन में अधिक पैदावार प्रदान करती है यह पांच किसमे किसानों के लिए सबसे लाभदायक है।

