प्याज की कीमतों में एक सप्ताह में दोगुना उछाल, पड़ोसी राज्यों में बढ़ी शेखावाटी के प्याज की डिमांड, देखें खबर

4 Min Read
खबर शेयर करें

लंबे समय तक मंदी के बाद प्याज की खेती करने वाले किसानाें के लिए अच्छी खबर है। पड़ोसी राज्यों में शेखावाटी के मीठे प्याज की मांग बढ़ने से भावों में इजाफा होने लगा है। एक सप्ताह में प्याज के थाेक भाव बढ़कर दाेगुना हो चुके हैं।पिछले सप्ताह तक किसानों को 3 से 4 रुपए प्रति किलो के दाम मिल रहे थे। जो अब बढ़कर 7 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। हालांकि फिलहाल किसानों को लागत मूल्य ही मिल पा रहा है। भाव सात रुपए से ज्यादा होने पर किसानों को मुनाफा होगा।

व्यापारियों के मुताबिक मौसम साफ रहने और गर्मी में तेजी होने पर भावों में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। काराेबारियाें के अनुसार सीकर व रसीदपुरा मंडी में 8 मार्च के बाद पंजाब, हरियाणा, गुजरात, एमपी, दिल्ली, यूपी तक के व्यापारी प्याज खरीद के लिए पहुंचने लगे।डिमांड बढ़ने से भावों में तेजी हुई। सीकर मंडी में 30 हजार व रसीदपुरा मंडी में हर दिन 20 हजार से ज्यादा कट्टे प्रतिदिन प्याज की आवक हाे रही है। भाव बढ़ते ही किसानों ने खुदाई तेज कर दी है। उद्यान विभाग के अनुसार जिले के किसानों ने करीब 15 हजार हैक्टेयर में प्याज की बुआई की है।

मार्च के पहले सप्ताह में रिकॉर्ड गर्मी, शेखावाटी के प्याज में मिठास, इसलिए बढ़ रही है डिमांड

प्याज काराेबारी प्रहलाद कुल्हरि व नेमीचंद दूजोद का कहना है कि शेखावाटी के प्याज की दूसरे राज्यों में अचानक मांग बढ़ने की बड़ी वजह गर्मी में तेजी को माना जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार मार्च के पहले सप्ताह में ही अधिकतम तापमान 35 डिग्री पहुंच गया।पांच साल में मार्च का पहला सप्ताह सबसे ज्यादा गर्म रिकॉर्ड किया गया। गर्मी के ऐसे ही हालात अन्य राज्यों में भी बने हुए हैं। ऐसे में प्याज की डिमांड बढ़ गई। शेखावाटी का भूमिगत पानी मीठा है। यही वजह है कि यहां होने वाले प्याज में मिठास ज्यादा होती है। इसलिए अलवर व नासिक के बजाय शेखावाटी के मीठे प्याज की डिमांड ज्यादा रहती है।

सीधे खेताें में पहुंचने लगे खरीदार

प्याज की दूसरे राज्याें में डिमांड शुरू हाेते ही खरीदार खेतों में पहुंचने लगे है। इससे किसानाें काे परिवहन खर्च की बचत हाेने लगी है। रसीदपुरा के किसान रामचंद्र का कहना है कि क्षेत्र में व्यापारी खेताें में रखा प्याज 6 रुपए किलाे तक खरीद रहे हैं। लंबे समय से भावाें में मंदी की वजह से किसानाें काे प्याज की खेती का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा था। प्याज की उपज लागत सात रुपए प्रतिकिलाे तक मानी जाती है।

मार्च-अप्रैल में होगी बंपर आवक

इस बार प्याज की आवक मार्च की बजाय फरवरी में शुरू हो गई थी। क्योंकि अच्छे भावों के लिए किसानों ने अगेती फसल की ज्यादा बुआई की थी। अगेती बुआई की 30 प्रतिशत फसल मार्केट में पहुंच चुकी है। ऐसे में काराेबारियाें के अनुसार सीकर व रसीदपुरा मंडी में मार्च-अप्रैल में प्याज की बंपर आवक रहेगी।

आगे क्या : गर्मी बढ़ने और अप्रैल में बारिश नहीं होने पर 10 रु. प्रति किलो तक पहुंच सकते हैं दाम

रसीदपुरा प्याज मंडी के काराेबारी मूलचंद व सीकर मंडी के प्रेमसुख काजला ने बताया कि मार्च-अप्रैल में गर्मी तेज रहने व अंधड़-बारिश नहीं आने पर थाेक कीमत 10 रुपए किलाे तक पहुंच सकती है। इसकी वजह है सामान्य माैसम में प्याज की मंडियाें में अावक कम रहेगी। दूसरा गर्मियों की मांग बढ़ेगी। जिसका असर प्याज के थाेक भावाें में बढ़ोतरी के तौर पर होगा।


खबर शेयर करें
Share This Article
By Harry
Follow:
नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।