किसानों की हुई मौज: किसानों को उर्वरक खाद पर 1 लाख करोड़ से अधिक की सब्सिडी देगी सरकार, किसान ऐसे उठा सकेंगे लाभ

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ सीजन 2023-24 के दौरान कुल फर्टिलाइजर सब्सिडी 1.08 लाख करोड़ रुपये तय की गई है। गत दिनों एक अहम फैसले में कैबिनेट ने तय किया कि सरकार किसानों को गुणवत्ता और सब्सिडी वाले पी एंड के उर्वरक प्रदान करने के लिए खरीफ सीजन 2023 के दौरान 38,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी जबकि यूरिया के लिए 70,000 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

कैबिनेट ने फॉस्फेट और पोटाश (पी एंड के) उर्वरकों पर रबी सीजन, 2022-23 के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों में संशोधन और खरीफ सीजन, 2023 (1.4.2023 से 30.09.2023 तक) के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों के निर्धारण को मंजूरी दी है।

रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक किसानों को रियायती, सस्ता और उचित कीमतों पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा, फर्टिलाइजर की एमआरपी नहीं बढ़ाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनो में वैश्विक कीमतों में कमी से जारी खरीफ मौसम में पोटाश एंव फास्फेट उर्वरकों पर सरकार पर सब्सिडी का बोझ घटा हैं। 2023-24 के पूरे वित्त वर्ष के दौरान उर्वरकों पर खर्च 2.25 लाख करोड़ तक पहुंच सकता हैं।

उर्वरक मंत्री श्री मांडविया ने कहा कि कैबिनेट ने नाइट्रोजन (एन) के लिए 76 रूपये प्रति किलो., फास्फोरस (पी) के लिए 41 रूपये, पोटाश (के) के लिए 15 रूपये प्रति किलोग्राम, और सल्फर (एस) के लिए 2.8 रूपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी को मंजूरी दी हैं।

इस फैसले पर कैबिनेट की तरफ से जारी एक नोट के मुताबिक, ‘एनबीएस योजना द्वारा फॉस्फेट और पोटाश (पी एंड के) उर्वरकों पर सब्सिडी 01.04.2010 से नियंत्रित है. सरकार ने रबी 2022-2023 के लिए 01.01.2023 से 31.03.2023 तक प्रभावी एनबीएस दरों में संशोधन को मंजूरी दे दी है और खरीफ, 2023 (01.04.2023 से 30.09.2023 तक) के लिए एनबीएस दरों को मंजूरी दे दी है, ताकि किसानों को रियायती कीमतों पर फॉस्फेटिक और पोटाश (पी एंड के) उर्वरक के 25 ग्रेड उपलब्ध हो सकें।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।