गेहूं की MSP पर खरीद : गेहूं की MSP पर खरीद शुरू , किसान भाई मंडी ले जाने से पूर्व करें यह कार्य

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जानिए, गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद और निर्देशों से संबंधित जानकारी

राज्य सरकार द्वारा किसानों से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की जा रही है। हमारे देश के कई राज्यों में 1 अप्रैल से गेहूं की MSP पर खरीद शुरू हो गई है, और किसान मंडियों में अपनी फसल बिक्री के लिए ला रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार भी राज्य के किसानों से गेहूं की MSP पर खरीद कर रही है। केंद्र सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जो गत वर्ष से 150 रुपये अधिक है。 मध्यप्रदेश सरकार किसानों को इस पर 175 रुपये का बोनस प्रदान कर रही है, जिससे कुल खरीद मूल्य 2,600 रुपये प्रति क्विंटल हो जाता है。 किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा मंडी में गेहूं की फसल को बिक्री के लिए लाने से पूर्व कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। आइए, गेहूं की MSP पर खरीद और जारी किए गए दिशा-निर्देशों से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।

गेहूं की MSP पर खरीद के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश

किसानों को (FAQs) मापदंडों के अनुसार ही मंडी में फसल को बिक्री के लिए लाने को कहा गया है। राज्य सरकार द्वारा मंडी में गेहूं की फसल को बिक्री के लिए लाने से पूर्व कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं:​

  • किसान अपनी साफ-सुथरी गेहूं की उपज को ही मंडी में बिक्री के लिए लेकर आएं।​
  • स्लॉट बुक करने के पश्चात भी यदि किसान भाई Non-FAQ गेहूं लेकर आते हैं, तो उन्हें स्वयं के खर्च पर उपज को अपग्रेड करना होगा। इसके लिए प्रत्येक केंद्र पर पंखा, छन्ना, मॉइश्चर मीटर और ग्रेडिंग मशीन की व्यवस्था की गई है।​
  • किसान भाई को अपनी फसल को अपग्रेड कराने के लिए समिति द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। समिति द्वारा निर्धारित शुल्क नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा।​
  • गेहूं की जांच का प्रत्येक किसान का रिकॉर्ड अधिकारियों को रखना होगा।​

स्लॉट बुकिंग के बिना नहीं होगी गेहूं की खरीद

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश के अनुसार, किसानों को स्लॉट बुक करने के पश्चात FAQ गुणवत्ता की उपज खरीद केंद्रों पर लाने की सलाह दी गई है। कलेक्टर ने खरीद केंद्रों से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि स्लॉट बुकिंग के बिना लाए गए गेहूं की उपज की खरीद न करें और किसानों की जानकारी संकलित कर उनका पंजीयन निरस्त करने से संबंधित जिला आपूर्ति अधिकारी को प्रस्ताव भेजें।​

किसानों को गेहूं अपग्रेड कराने का देना होगा शुल्क

यदि कोई किसान भाई मंडी में अपनी गेहूं की फसल को साफ (अपग्रेड) कराते हैं, तो उन्हें मंडी समिति द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। किसान भाइयों को गेहूं अपग्रेड कराने की रसीद दी जाएगी। यदि रसीद नहीं दी जाती है, तो इसे अवैध माना जाएगा और संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, कलेक्टर ने खरीद केंद्रों पर तौल के पश्चात गेहूं को उसी समय बोरी में भरने और उस पर किसान टैग लगाए जाने के निर्देश भी दिए हैं। यदि बिना किसान टैग लगी गेहूं की बोरियां खरीद केंद्रों पर मिलती हैं, तो इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।​

मध्यप्रदेश की मुख्य मंडियों में गेहूं के भाव

ऑनलाइन मंडी मार्केट कमोडिटी के अनुसार, वर्तमान में मध्यप्रदेश की मंडियों में गेहूं का सबसे अधिक बाजार मूल्य प्रति क्विंटल 2,839 रुपये है और सबसे कम बाजार मूल्य प्रति क्विंटल 2,100 रुपये है। मध्यप्रदेश में गेहूं का औसत मूल्य प्रति क्विंटल लगभग 2,331.11 रुपये है। मध्यप्रदेश की मुख्य मंडियों में गेहूं के भाव इस प्रकार हैं:​

  • ​भीकनगांव मंडी (खरगोन): 2,400 से 2,425 रुपये प्रति क्विंटल​
  • ​भितरवाड़ मंडी (ग्वालियर): 2,345 से 2,430 रुपये प्रति क्विंटल​
  • ​बिजावर मंडी (छतरपुर): 2,150 से 2,310 रुपये प्रति क्विंटल​
  • ​भांडेर मंडी (दतिया): 2,200 से 2,360 रुपये प्रति क्विंटल​
  • ​बैतूल मंडी: 2,250 से 2,325 रुपये प्रति क्विंटल​
  • ​भोपाल मंडी: 1,750 से 3,165 रुपये प्रति क्विंटल​
  • ​भानपुरा मंडी (मंदसौर): 2,070 से 2,280 रुपये प्रति क्विंटल​
  • ​बिहोरा मंडी (राजगढ़): 2,075 से 2,535 रुपये प्रति क्विंटल​
  • ​बीना मंडी (सागर): 2,251 से 3,226 रुपये प्रति क्विंटल​

किसान भाइयों से अनुरोध है कि वे उपरोक्त दिशा-निर्देशों का पालन करें और अपनी उपज को निर्धारित मानकों के अनुसार तैयार करके मंडियों में लाएं, ताकि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूर्ण लाभ मिल सके।​

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