जानिए, गर्मियों में पशुओं की देखरेख कैसे करें??
ग्रीष्म ऋतु का समय चल रहा हैं और मई के माह में तापमान में अचानक वृद्धि हुई हैं। तापमान में अधिक वृद्धि के कारण गर्मी के प्रकोप में भी वृद्धि होने लगी हैं। दोपहर में इतनी ज्यादा गर्मी होती हैं कि बाहर निकलना भी कठिन हो जाता हैं। हमारे समान ही पशुओं को भी तापमान और गर्मी में वृद्धि के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। गर्मी के प्रकोप से पशुओं की भूख कम हो जाती हैं और पशु आलस महसूस करने लगता हैं। इसका प्रभाव पशुओं से प्राप्त उत्पादों पर पड़ता हैं। पशुओं में मुख्य रूप से गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं की दूध देने की क्षमता भी कम हो जाती हैं।
गर्मी के मौसम में पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए विशेष देखरेख और लू से बचाने की आवश्यकता होती हैं। दुधारू पशुओं के स्वस्थ होने के साथ ही उनके दूध देने की मात्रा में भी कमी को दूर किया जा सकता हैं। गर्मी के मौसम में पशुपालक पशुओं को तेज धूप से बचाने के साथ ही पशुओं की विशेष देखरेख करें। गर्मी के मौसम में पशुओं की विशेष रूप से देखरेख करने से उन्हें स्वस्थ रखा जा सकता हैं। पशुपालक इससे संबंधित कुछ उपायों को अपना सकते हैं। आइए, गर्मी में पशुओं को लू से बचाने के उपायों से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
गर्मी में पशुओं के लिए आवास की व्यवस्था कैसी होनी चाहिए??
गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए आवास की व्यवस्था का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पशुपालक आवास की व्यवस्था करते समय इन मुख्य बातों को अपनाएं। गर्मी में पशुओं के लिए आवास की व्यवस्था के लिए कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं –
- गर्मी में पशु आवास में धूप उत्तरी भाग में आए और कम से कम धूप दक्षिणी भाग में पड़े। इसके लिए आवास की दिशा पूर्व से पश्चिम की ओर होना चाहिए।
- सूरज की सीधी धूप से पशुओं को लू लगने का डर रहता हैं। इसके लिए जहां से सीधी धूप कमरे में आती हो वहां टाट की बोरी आदि लगाकर धूप से बचाव की व्यवस्था करें।
- पशु आवास हवादार होना चाहिए। हवा का आवागमन हो सके इसके लिए रोशनदान की व्यवस्था करें।
- पंखा और कूलर जैसे हवा के साधनों की व्यवस्था करें।
- पशु आवास का फर्श कोंक्रीट या पक्का होना चाहिए।
- फर्श को कीटाणुनाशक से धोएं और छिड़काव करें।
- फर्श ढलान वाला हो जिससे पानी बाहर निकल सके।
- फर्श खुरदुरा हो जिससे फिसलन ना हो।
- कुछ हिस्सा कच्चा रखें जिससे पशु आराम से लेट सके।
- पर्याप्त स्थान रखें ताकि पशु घूम-फिर सकें।
गर्मी में दुधारू पशु का आहार कैसा होना चाहिए??
- दोनों समय सुबह और शाम को पशु को नहलाएं।
- यदि तालाब हो तो 1-2 घंटे के लिए उसमें छोड़ें।
- चराई केवल सुबह या शाम को करें।
- 3-4 बार आहार दें।
- मक्का और जौ का प्रयोग कम करें।
- हरे चारे की मात्रा बढ़ाएं, सूखे दाने कम करें।
- हरे चारे की कमी हो तो विटामिन मिलाएं।
- चरी, लोबिया, ज्वार, मक्का की फसल बोएं।
- 25-30 ग्राम नमक आहार में शामिल करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं (गर्मी में 70-80 लीटर तक)।
गर्मी में पशुओं को किस प्रकार की हो सकती हैं समस्याएं??
गर्मी में नमी की कमी, कब्ज, और लू की समस्याएं आम हैं। कमजोर, अधिक मोटे, गहरे रंग वाले और अधिक बाल वाले पशु अधिक प्रभावित होते हैं।
कब्ज से बचाव के उपाय –
- आहार कम करने पर चिकित्सक से सलाह लें।
- कब्ज हो तो इच्छानुसार आहार दें।
- दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- “रुचामैक्स” (हर्बल दवा) की 1.5 ग्राम मात्रा 2 से 3 दिन तक दिन में 2 बार दें।
लू से बचाव के उपाय –
- एक पशु को 15 स्क्वायर फीट स्थान दें।
- पशु आवास हवादार और खुला होना चाहिए।
- पशुओं को हवा के सीधे संपर्क से बचाएं।
- रसदार चारे की मात्रा बढ़ाएं।
- बर्फ के टुकड़े चाटने के लिए दें।
- “रेस्टोबल” (हर्बल दवा) की 50 मिली मात्रा दिन में 2 बार दें।
- पशु चिकित्सक से ग्लूकोज लगवाएं।
- लू लगने पर पशु को आराम करने दें।