फसलों का राज्य सलाहकार मूल्य (SAP) : MSP से अधिक मूल्यों में की जाएगी फसलों की खरीद , होगा मुनाफा

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जानिए, MSP से कितने अधिक मूल्य में होगी फसलों की खरीद?

हमारे देश में किसानों द्वारा परंपरागत खेती के अतिरिक्त अन्य खेती भी की जाने लगी है जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि हो रही है। किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से सरकार की ओर से भी कई प्रयास किए जाते हैं। सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जाती हैं जिससे किसानों को फायदा होता है। केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी अपने स्तर पर कई प्रकार की योजनाओं का संचालन करती है जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके। इसी क्रम में राज्य सरकार की ओर से फसलों की MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से 20% अधिक मूल्य पर किसानों से फसलों की खरीदी की जाएगी। हरियाणा सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। हाल ही में, सरकार ने 24 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की गारंटी देकर किसानों को आर्थिक स्थिरता प्रदान की है। इन फसलों की खरीद ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से की जाएगी, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। इसके अतिरिक्त, सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक प्राकृतिक खेती बोर्ड स्थापित करने की योजना बना रही है, जिसके लिए 32 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। आइए, कृषि क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किए जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

इन फसलों की होगी 20% अधिक मूल्य पर खरीद

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अनुसार मिट्टी की जांच के साथ ही अनाज की गुणवत्ता की जांच करना भी आवश्यक है। वर्तमान में कीटनाशकों और उर्वरकों का अधिक प्रयोग किया जा रहा है जिससे प्राप्त होने वाले अनाज से कई गंभीर बीमारियों में वृद्धि हो रही है, इसलिए रसायन रहित अनाज की उपज प्राप्त करने की ओर ध्यान देना आवश्यक है। मुख्यमंत्री का कहना है कि जिन पंचायतों द्वारा अपने गांव को रसायन रहित खेती वाला गांव घोषित किया जाएगा, उनके द्वारा उत्पादित की गई प्रत्येक फसल की खरीद सरकार सुनिश्चित करेगी। इसके अतिरिक्त, रसायन रहित खेती से उत्पादित किए गए उत्पादों पर MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से 10 से 20% अधिक मूल्य पर फसलों की खरीद की जाएगी। फसल की ब्रांडिंग और पैकेजिंग भी खेतों में ही होगी। इसके लिए यह आवश्यक है कि किसान भाई प्राकृतिक खेती करें, जिससे अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही अधिक मुनाफा प्राप्त हो सके।

किसानों को सहकारी खेती के लिए प्रेरित करने का कार्य

किसानों के हित में मुख्यमंत्री ने छोटे किसानों को सहकारी खेती करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में पशुपालन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं दिखाई देती हैं जिससे किसान और पशुपालक अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों के उन्नति के लिए क्लस्टर मोड पर संबंधित विभागों के साथ मिलकर पायलट परियोजनाओं की रूपरेखा भी तैयार कर रही है। इस पहल का उद्देश्य किसानों को रसायन मुक्त खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और उनकी आय में वृद्धि करना है।

समेकित खेती के लिए तैयार किया जाएगा डेमोंस्ट्रेशन फार्म

किसानों की आय में वृद्धि के लिए राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जाता है। मुख्यमंत्री के अनुसार विभाग समेकित खेती के लिए भी प्रदर्शन फार्म (Demonstration Farm) तैयार करें और किसानों को ऐसे फार्म का दौरा करवाने के साथ समेकित खेती की विधि की संपूर्ण जानकारी दें। मुख्यमंत्री का कहना है कि निरंतर जल स्तर में गिरावट चिंता का विषय है। कृषि नलकूपों को शत प्रतिशत सौर ऊर्जा पर लाया जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने कृषि नलकूपों पर सोलर पंप लगाने के निर्देश दिए हैं। पानी और बिजली पर जितनी भी लागत होगी सरकार उस लागत को वहन करेगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा नई सब्सिडी भी दी जा सकती है।

प्राकृतिक खेती से होगा किसान को फायदा

किसानों की रुचि प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में योजनाओं की रूपरेखा तैयार की जा रही है। वर्तमान में प्राकृतिक खेती से प्राप्त होने वाले उत्पादों की बाजार मांग में वृद्धि हो रही है। इन प्राकृतिक उत्पादों का बाजार भाव भी अधिक मिल जाता है। सरकार द्वारा भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है और साथ ही अधिक मूल्य पर फसल खरीद का निर्णय लिया गया है। प्राकृतिक खेती में रसायनों, कीटनाशकों और उर्वरकों का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसकी जगह प्राकृतिक खेती में प्राकृतिक खाद, गोबर की खाद और गोमूत्र आदि का प्रयोग किया जाता है। यदि किसान भाई प्राकृतिक खेती करते हैं तो उनका रसायन, कीटनाशक और उर्वरकों में होने वाली भारी लागत भी बचेगी जिससे खेती में लगने वाले खर्च में कमी आएगी और मुनाफे में वृद्धि होगी। ऐसे में प्राकृतिक खेती किसान और उपभोक्ताओं दोनों के लिए लाभकारी साबित होगी। किसान भाइयों को प्राकृतिक खेती की ओर ध्यान देना चाहिए

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